इतनी खराब फॉर्म के बावजूद घरेलू क्रिकेट से दूर-दूर हैं महेंद्र सिंह धौनी
महेंद्र सिंह धौनी बहुत कम बार ही अपने राज्य झारखंड के लिए घरेलू क्रिकेट खेला।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। 2004 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू करने के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी बहुत कम बार ही अपने राज्य झारखंड के लिए घरेलू क्रिकेट खेला। इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) की वजह से धौनी को घरेलू क्रिकेट में खेलने का समय नहीं मिलता है लेकिन समय होने और थकान की समस्या ना होने के बावजूद धौनी ने मौजूदा विजय हजारे ट्रॉफी (50 ओवर टूर्नामेंट) में झारखंड की ओर से नहीं खेलने का फैसला किया है। उन्होंने 2017 में इस टूर्नामेंट में झारखंड के लिए सभी छह मुकाबले खेले थे।
हालांकि संभावना है कि वह 14 अक्टूबर से शुरू हो रहे टूर्नामेंट के नॉकआउट चरण में खेल सकते हैं। फिलहाल झारखंड ग्रुप-सी में शीर्ष पर है और 11 अक्टूबर को अपना आखिरी ग्रुप मुकाबला सर्विसेज के खिलाफ खेलेगा। एशिया कप में 28 सितंबर को धौनी ने अपना आखिरी मुकाबला दुबई में खेला था और उसके बाद से वह झारखंड के मुकाबलों में नहीं उतरे। उसके बाद से झारखंड ने तीन मुकाबले खेले हैं। इस दौरान झारखंड ने एक अक्टूबर को बंगाल, पांच अक्टूबर को त्रिपुरा और रविवार को गुजरात के खिलाफ मैच खेले।
लंबा अंतराल : 18 सितंबर को एशिया कप में भारतीय टीम के साथ अपना पहला मुकाबला खेलने से पहले धौनी ने अपना आखिरी मुकाबला 17 जुलाई को लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। वास्तव में इस साल धौनी ने केवल 15 वनडे और सात टी-20 मुकाबले खेले हैं और इस दौरान वह रन के लिए जूझते नजर आए हैं। फॉर्म पाने के लिए जूझ रहे धौनी का इस स्ट्राइक रेट 67.36 का रहा है जो उनके करियर में सबसे कम है।
एशिया कप में धौनी ने 77 रन बनाने के लिए 124 गेंदों का सामना किया और इस दौरान वह कोई भी छक्का नहीं लगा पाए। निश्चित तौर पर टेस्ट से संन्यास लेने के कारण उनके पास घरेलू क्रिकेट में भाग लेने का मौका है। वह वेस्टइंडीज के खिलाफ 21 अक्टूबर से शुरू हो रही वनडे सीरीज से पहले विजय हजारे ट्रॉफी में खेलकर अभ्यास कर सकते थे। धौनी झारखंड के सत्र से पहले की तैयारियों के लिए टीम से जुड़े रहे हैं। वह टीम को जरूरी सहयोग दे रहे हैं। वह सलाहकार की भूमिका तो बखूबी निभा रहे हैं।