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दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया DDCA को छह सप्ताह के अंदर चुनाव कराने का आदेश

दिल्ली हाई कोर्ट ने अध्यक्ष विहीन दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ यानी डीडीसीए को चुनाव कराने का आदेश दे दिया है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 07:30 AM (IST)
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया DDCA को छह सप्ताह के अंदर चुनाव कराने का आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया DDCA को छह सप्ताह के अंदर चुनाव कराने का आदेश

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अध्यक्ष विहीन दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में अध्यक्ष समेत अन्य पदों पर चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। तीस हजारी अदालत द्वारा वार्षिक आम बैठक (एजीएम) पर रोक लगाने के खिलाफ डीडीसीए द्वारा दायर चुनौती याचिका पर सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की सहमति पर दिल्ली हाई कोर्ट ने छह सप्ताह के अंदर डीडीसीए में चुनाव का आदेश दिया है। पीठ ने साथ ही निचली अदालत द्वारा एजीएम में लिए गए फैसलों पर रोक लगाने के आदेश पर रोक लगा दी है। पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट द्वारा मामले में फैसला सुनाए जाने तक निचली अदालत का फैसला प्रभावी नहीं होगा।

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याचिया का पर सुनवाई के दौरान न्यायमूíत नज्मी वजीरी ने कहा कि वर्तमान समय में लोकपाल द्वारा अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष एवं चारों डायरेक्टर पद के लिए चुनाव कराने की सिफारिश से दोनों पक्ष सहमत हैं। पीठ ने कहा कि इसके लिए रिटìनग अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है और दोनों पक्ष चाहते हैं जल्द से जल्द चुनाव हो। पीठ ने कहा कि डीडीसीए के व्यापक हित को देखते हुए दोनों ही पक्ष चुनाव कराए जाने के हक में हैं। सुनवाई के दौरान डीडीसीए ने कहा कि 4500 सदस्यों की चुनाव प्रक्रिया को पूरा करने में कम से कम छह सप्ताह का समय लगेगा। इस पर पीठ ने छह सप्ताह के अंदर चुनाव संपन्न कराने का आदेश दिया। पीठ ने उक्त निर्देश देते हुए सुनवाई को 25 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।

यह है मामला :

फरवरी 2020 में तीस हजारी अदालत ने एजीएम में लिए गए फैसलों पर रोक लगा दी थी। डीडीसीए के निदेशक एवं सुप्रीम काउंसिल के सदस्य सुधीर कुमार अग्रवाल के साथ कुछ अन्य पदाधिकारियों ने वाद दायर कर एजीएम में लिए गए फैसलों पर रोक लगाने की मांग की थी। आरोप लगाया गया था कि एजीएम में नियमों को ताक पर रखकर संविधान में संशोधन समेत अन्य निर्णय लिए गए हैं। निचली अदालत ने इस पर रोक लगा दी थी। इस फैसले को डीडीसीए ने मार्च 2020 में हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

सुधीर कुमार अग्रवाल ने तीस हजारी अदालत में केस दायर कर कहा था कि डीडीसीए कंपनी (प्रबंधन एवं प्रशासन) नियमों के अधीन है। जब भी कोई वाíषक आम बैठक आयोजित करनी होती है, तो उससे 21 दिन पहले एक नोटिस जारी करना जरूरी होता है। यह नोटिस सभी पदाधिकारियों, सदस्यों को देना होता है, लेकिन 29 दिसंबर 2019 को जो एजीएम हुई, उसके लिए कई पदाधिकारियों को नोटिस नहीं दिया गया। इसके बाद निचली अदालत ने लोकपाल की नियुक्ति के अलावा एजीएम में लिए गए अन्य सभी फैसलों पर रोक लगा दी गई थी।

नवंबर 2018 से अध्यक्षविहीन है डीडीसीए :

डीडीसीए में 20 जून 2018 को चुनाव आयोजित किया गया था और वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा डीडीसीए के अध्यक्ष चुने गए थे, जबकि विधायक ओपी शर्मा कोषाध्यक्ष चुने गए थे। इसके अलावा चार निदेशक का भी चुनाव हुआ था। अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष का कार्यकाल तीन-तीन साल का होता है, जबकि निदेशक का कार्यकाल एक वर्ष का होता है। रजत शर्मा ने जहां 29 नवंबर 2018 को अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं लोढ़ा कमेटी की सिफारिश के तहत फरवरी 2020 में ओपी शर्मा को कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया था। लोढ़ा समिति की सिफारिश के तहत कोई भी राजनेता इस पद पर नहीं रह सकता। ऐसे में डीडीसीए में अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष का पद खाली हो गया था।


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