DDCA के निदेशक संजय भारद्वाज बोले- चयनकर्ता, मैनेजर और सहायक स्टाफ को नहीं दिया जाए वेतन
दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ यानी डीडीसीए के निदेशक ने कहा है कि क्लब कोच चयकर्ताओं मैनेजर और सहायक स्टाफ को पैसा देने में सतर्कता बरती जाए।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में आए दिन कोई न कोई बखेड़ा खड़ा हो ही जाता है। ताजा मामला अब भुगतान को लेकर है, जिसमें कहा जा रहा है कि डीडीसीए के सचिव विनोद तिहारा के वादे के उलट निदेशक संजय भारद्वाज ने लोकपाल दीपक वर्मा से मांग की है कि क्लब, कोच, चयकर्ताओं, मैनेजर और सहायक स्टाफ को पैसा देने में सतर्कता बरती जाए। उनके ईमेल से संबंधित लोगों के अलावा तिहारा भी नाराज हैं।
लोकपाल को लिखे ईमेल में भारद्वाज ने कहा कि शीर्ष परिषद की निगरानी में हुए करार वाले कोच, चयनकर्ता, मैनेजर और सहायक स्टाफ को वेतन नहीं दिया जाए। वहीं, डीडीसीए से संबंद्ध क्लबों को भुगतान जस्टिस मुदगल कमेटी की सिफारिशों का अनुपालन करने वालों को ही किया जाना चाहिए। इसके अलावा क्लब के अधिकारियों को क्रिकेट को बढ़ावा दिए जाने के लिए किए गए खर्चे भी दिखाने चाहिए।
डीडीसीए द्वारा प्रदान किए गए अनुदान के उपयोग से संबंधित खाते भी संबद्ध क्लब डीडीसीए में जमा करें। जो भी क्लब किराए पर चल रहे हैं उन्हें भुगतान नहीं किया जाए। क्लब पिछले और मौजूदा सत्र में रजिस्टर्ड खिलाड़ियों की जानकारी भी डीडीसीए को उपलब्ध कराएं। बता दें कि अगले कुछ दिनों में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ यानी डीडीसीए के चुनाव भी होने हैं।
भारद्वाज ने मांग की कि डीडीसीए तभी भुगतान दे जब वह पिछली भुगतान राशि के सही इस्तेमाल को लेकर संतुष्ट हो। वहीं जो सहायक स्टाफ, मैनेजर डीडीसीए का सदस्य है, उसे केंद्र सरकार की इजाजत के बिना कोई भी भुगतान नहीं किया जाए। अगर ऐसा होता है तो यह कंपनी सेक्शन-8 का उल्लंघन होगा। ऐसे में डीडीसीए लाइसेंस को देखते हुए कोई भी नियम का उल्लंघन नहीं कर सकता है। जिन खिलाड़ी, कोच, चयनकर्ता ने प्रथम श्रेणी मैचों में डीडीसीए का प्रतिनिधित्व किया हो उन्हें इस मामले में छूट मिले।