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Video: बांग्लादेश को हराना नहीं आसान, टीम इंडिया को रखना होगा इन 3 बातों का ख्याल

फाइनल तक के सफर में टीम इंडिया ने एकतरफा मुकाबले में जहां बांग्लादेश को एक बार तो पाकिस्तान को दो बार हराया, वहीं अफगानिस्तान और हांगकांग से उसे कड़ी टक्कर मिली।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Fri, 28 Sep 2018 11:24 AM (IST)Updated: Fri, 28 Sep 2018 01:05 PM (IST)
Video: बांग्लादेश को हराना नहीं आसान, टीम इंडिया को रखना होगा इन 3 बातों का ख्याल
Video: बांग्लादेश को हराना नहीं आसान, टीम इंडिया को रखना होगा इन 3 बातों का ख्याल

नई दिल्ली, जेएनएन। रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया शानदार प्रदर्शन के साथ अब एशिया कप 2018 फाइनल खेलने को तैयार है। फाइनल में भारतीय टीम का मुकाबला बांग्लादेश के खिलाफ होना है। भारतीय टीम एशिया कप खिताब एक बार फिर से जीतकर अगले साल होने वाले आइसीसी वर्ल्ड कप के लिए मज़बूत दावेदारी पेश करना चाहेगी।

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फाइनल तक के सफर में टीम इंडिया ने एकतरफा मुकाबले में जहां बांग्लादेश को एक बार तो पाकिस्तान को दो बार हराया, वहीं अफगानिस्तान और हांगकांग से उसे कड़ी टक्कर मिली। इन मुकाबलों में रोहित शर्मा, शिखर धवन और जसप्रीत बुमराह की ज़बरदस्त परफॉर्मेंस देखने को मिली।

हालांकि, आसानी से फाइनल तक पहुंचने के बावजूद भारतीय क्रिकेट टीम के लिए ख़िताब अपने नाम करना आसान नहीं होगा। टीम इंडिया के पिछले कुछ फाइनल मुकाबलों को देखा जाए तो आंकड़े कुछ ख़ास नहीं दिखते। एशिया कप लगातार दूसरी बार अपने नाम करने के लिए टीम को इन 3 बातों का ख़ास ख़्याल रखना होगा।

पिछले 3 फाइनल में खराब रिकॉर्ड

2017 चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में कमाल के प्रदर्शन के साथ फाइनल में ज़ोरदार एंट्री की थी। लेकिन फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान ने भारत को 180 के बड़े अंतर से बुरी तरह हरा दिया। इससे पहले भारत को 2014 वर्ल्ड टी-20 फाइनल में भी हार का सामना करना पड़ा था। एशिया कप 2018 में भी भारत फाइनल में आसानी से पहुंच गया, लेकिन अफगानिस्तान और हांगकांग के साथ मुकाबले काफी करीबी रहे।

फाइनल में भारतीय गेंदबाज़ों की खराब परफॉर्मेंस

इस बात में कोई शक़ नहीं कि भारतीय टीम एशिया कप 2018 फाइनल शानदार गेंदबाज़ी के दम पर पहुंची है। टीम के स्पिनर्स और फास्ट बॉलर्स ने मिलकर विपक्षी टीम को बड़ा स्कोर खड़ा करने से रोका। लेकिन भारत के पिछले मुकाबले देखें तो टीम के गेंदबाज़ फाइनल में छाप छोड़ने में नाकाम हो जाते हैं। 2017 चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल इस बात का एक बड़ा उदाहरण है। मैच के दौरान भारतीय गेंदबाज़ों की ख़राब बॉलिंग के चलते पाकिस्तान 338 का बड़ा लक्ष्य खड़ा करने में कामयाब रहा। इसी तरह 2016 वर्ल्ड टी-20 सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ भारत 192 के स्कोर का बचाव भी नहीं कर सका था।

संघर्ष करता मिडिल ऑर्डर

टॉप-3 बल्लेबाज़ों के पवेलियन लौटने के बाद अक्सर टीम इंडिया का मिडिल ऑर्डर संघर्ष करता दिखता है। इस टूर्नामेंट की कहानी भी कुछ अलग नहीं है। यहां तक की हांगकांग और अफगानिस्तान जैसी नई टीमों के खिलाफ भी मिडिल ऑर्डर असफल रहा है। हांगकांग के खिलाफ मैच में शिखर धवन के आउट होने के बाद भारत सिर्फ 42 रन ही बना सका।

वहीं, अफगानिस्तान के खिलाफ 110 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप मिलने के बावजूद टीम 252 के टोटल तक ही पहुंच सकी। टूर्नामेंट में रोहित, धवन और रायुडू टीम इंडिया की बैक-बोन साबित हुए हैं वहीं धौनी, दिनेश कार्तिक और केदार जाधव जैसे खिलाड़ी संघर्ष करते दिखे। एशिया कप ट्रॉफी जीतने के लिए भारतीय टीम के मिडिल ऑर्डर को भी ज़िम्मेदारी लेनी होगी। वहीं, पाकिस्तान पर मिली जीत से बांग्लादेश का हौसला 7वें आसमान पर पहुंच गया है और यह टीम पहली बार एशिया कप जीतने के लिए अपनी जान लड़ा देगी।

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