एशेज सीरीज: इंग्लैंड से फिर भिड़ने को तैयार ऑस्ट्रेलिया
पिछले 123 सालों में इंग्लैंड को लगातार चौथी बार एशेज सीरीज जीतने से रोकने की कोशिशों में जुटी ऑस्ट्रेलियाई टीम को उम्मीद है कि गुरुवार से शुरू हो रहे पहले टेस्ट मैच में गाबा क्रिकेट मैदान पर उसका रिकॉर्ड उसे इस सीरीज में शुरुआती बढ़त दिलाने में मददगार होगा।
ब्रिस्बेन। पिछले 123 सालों में इंग्लैंड को लगातार चौथी बार एशेज सीरीज जीतने से रोकने की कोशिशों में जुटी ऑस्ट्रेलियाई टीम को उम्मीद है कि गुरुवार से शुरू हो रहे पहले टेस्ट मैच में गाबा क्रिकेट मैदान पर उसका रिकॉर्ड उसे इस सीरीज में शुरुआती बढ़त दिलाने में मददगार होगा। माइकल क्लार्क की टीम को तीन महीने पहले इंग्लैंड ने अपनी धरती पर 3-0 से हराया था। अब ऑस्ट्रेलिया पर लगातार चार एशेज सीरीज हारने का खतरा मंडरा रहा है, जो 1890 के बाद कभी नहीं हुआ है।
ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए राहत की बात यह है कि गाबा मैदान पर उसका शानदार रिकॉर्ड है, जहां उसने पिछले 25 साल में कोई टेस्ट नहीं गंवाया है। उसे आखिरी बार यहां 1988 में वेस्टइंडीज ने हराया था, जबकि इंग्लैंड ने आखिरी बार यहां 1986 में माइक गैटिंग की अगुआई में जीत दर्ज की थी। कोच डेरेन लेहमन की देखरेख में कंगारू टीम को भरोसा है कि वह इंग्लैंड को लगातार चौथी बार एशेज सीरीज जीतने से रोक देंगे।
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इंग्लैंड ने 2010-11 में ऑस्ट्रेलिया में 24 साल में पहली बार जीत दर्ज की थी। ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर शेन वॉटसन का मानना है कि उन्हें इंग्लैंड के चौतरफा गेंदबाजी आक्रमण से पार पाना होगा। वॉटसन ने कहा कि हमें लंबी पारियां खेलनी होंगी जिससे पता चलेगा कि मानसिक और शारीरिक तौर पर वे कहां ठहरते हैं। हमें उन्हें थकाना होगा ताकि उनके गेंदबाजों पर दबाव बन सके।
इंग्लैंड ने अभी तय नहीं किया है कि जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड के साथ तीसरा तेज गेंदबाज कौन होगा। ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान का साथ निभाने के लिए क्रिस ट्रेमलेट को जगह दी जा सकती है। मेहमान टीम कई खिलाड़ियों की चोट से परेशान है। विकेटकीपर मैट प्रायर और स्टार बल्लेबाज केविन पीटरसन उनमें शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया ने 31 वर्षीय वनडे कप्तान जॉर्ज बेली को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने का मौका दिया है, जो छठे नंबर पर बल्लेबाजी करेंगे। तेज गेंदबाजी की अगुआई मिशेल जॉनसन करेंगे। दोनों टीमें एक ही साल में दूसरी बार खेल रही हैं ताकि विश्व कप 2015 से ठीक पहले नहीं खेलना पड़े। आमतौर पर हर दो साल में एक बार एशेज सीरीज खेली जाती है। ऑस्ट्रेलिया को एशेज दोबारा हासिल करने के पांच मैचों की सीरीज हर हाल में जीतनी होगी, जबकि ड्रॉ रहने पर एशेज इंग्लैंड के पास रहेगी।
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'इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों से टीम को एकजुट होने में काफी मदद मिली है। यह तुलना करना बेवकूफीभरा होगा कि हमारी टीम पहले कैसी थी और अब कैसी है। अलग सीरीज, अलग हालात। हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे।'
- माइकल क्लार्क, कप्तान, ऑस्ट्रेलिया
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'हमारी टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो 2010-12 में ऑस्ट्रेलिया में खेले थे इसलिए हमारे पास यहां जीत दर्ज करने का अनुभव है। ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड काफी अच्छा है। हमारा काम इसे बदलने की कोशिश करना है।'
- एलिस्टेयर कुक, कप्तान, इंग्लैंड
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