विराट कोहली अकेले दम पर मैच नहीं जिता सकते: सौरव गांगुली
जीतने के लिए विजय, पुजारा, रहाणे, राहुल और धवन को भी अच्छी बल्लेबाजी करनी होगी।
सौरव गांगुली का कॉलम :
भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज अब मध्य दौर में है और तीसरे टेस्ट में टीम इंडिया का असली टेस्ट होने जा रहा है। विराट एंड कंपनी मुश्किल दौर से गुजर रही है। टीम स्विंग गेंदबाजी से जरूर मुश्किल में है, लेकिन उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि उसने दक्षिण अफ्रीका में कैसे तीसरे टेस्ट में वापसी करते हुए जीत दर्ज की थी। टीम इंडिया 0-2 से पीछे जरूर है लेकिन अभी तीन मैच होने बाकी हैं, अभी बहुत क्रिकेट बचा है और मैं आपसे शर्त लगा कर कह सकता हूं कि अगर बारिश नहीं होती है तो सभी मैचों का परिणाम आएगा।
कई लोग भारतीय बल्लेबाजों के कठिन परिस्थितियों में बल्लेबाजी करने की क्षमता पर बात कर रहे हैं, लेकिन लॉर्ड्स में एंडरसन एंड कंपनी उनसे काफी बेहतर थी। भारतीय प्रशंसकों को हारने की बजाय टीम के नहीं लड़ने पर निराशा हुई। यह टीम जैसी खेल रही है उससे कहीं बेहतर है।
क्या भारतीय वापसी कर सकते हैं? वैसे यह अभी एक बड़ा सवाल है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह बेहद मुश्किल है। हां, यह मुश्किल है लेकिन नामुमकिन बिल्कुल नहीं है। आपके दिमाग को यह समझना होगा। लोग कोहली के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन वह अकेले मैच नहीं जिता सकते हैं। तेंदुलकर भी नहीं कर पाए थे। भारत उस वक्त इसीलिए अच्छा खेला क्योंकि तेंदुलकर के आसपास सारे बल्लेबाज रन बना रहे थे। विजय, पुजारा, रहाणे, राहुल और धवन को भी यह विश्वास जगाना होगा। उन्होंने ऐसा पहले भी मुश्किल परिस्थितियों में किया है और सिर्फ यही विश्वास इन खिलाडि़यों को फिलहाल मौजूद मानसिक स्थिति से बाहर निकालने में मदद कर सकता है।
भारत को शीर्ष क्रम से अच्छी शुरुआत की जरूरत है जो अभी तक नहीं हो पाई है। चाहे वह धवन हों या विजय दोनों में से एक को काउंटर अटैक करना होगा। जो भी यह भूमिका निभाए उसको लंबा टिकना होगा और मध्यक्रम को विश्वास दिलाना होगा कि वह इंग्लैंड के खिलाफ लड़ाई लड़ सकें। क्या भारत छठे बल्लेबाज के तौर पर करुण नायर को खिलाएगा? यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
बुमराह के आने से गेंदबाजी अच्छी लग रही है। शमी अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं और इशांत को पहले टेस्ट की फॉर्म जल्दी से जल्दी पानी होगी। लेकिन विराट को सही जगह क्षेत्ररक्षण लगाने की भी जरूरत है। बहुत ज्यादा आसान सिंगल्स नहीं देने चाहिए, खासकर अच्छी गेंद पर।
वहीं इंग्लैंड की टीम स्टोक्स की वापसी के बाद और ज्यादा आक्रमक हो गई है। मुझे लगता है कि वह खेलेंगे और उनके आने से इंग्लैंड की गेंदबाजी में ज्यादा मिश्रण आएगा, लेकिन यह उनक बल्लेबाजी में ज्यादा गहराई भी देगा।
ट्रेंट ब्रिज एक ऐसा मैदान है जहां पर गेंद स्विंग होती है। यह मैदान स्टुअर्ट ब्रॉड और एंडरसन के बेहद करीब है। तो यह तेज गेंदबाजी आक्रमण इंग्लैंड की टीम को बहुत आगे ले जा सकता है। अचानक से जो इंग्लैंड की टीम अच्छा नहीं कर रही थी वह मजबूत दिख रही है। तब भी भारत के पास मौका है, अभी सब खत्म नहीं हुआ है।