भारतीय कप्तान विराट कोहली की क्षमता उन्हें अलग बनाती है : गांगुली
एक खिलाड़ी के रूप में उनकी क्षमता उन्हें अलग बनाती है और मैदान पर उनकी भूख नजर आती है।
(गांगुली का कॉलम)
विजाग में वेस्टइंडीज जिससे चूक गया था वह उसने शनिवार को पुणे में हासिल किया। अब भारत और वेस्टइंडीज को सोमवार को मुंबई में चौथे वनडे में एक-दूसरे से भिड़ना है। विंडीज की पुणे में जीत के बाद यह सीरीज रोचक मोड़ पर पहुंच गई है। यह वास्तव में जेसन होल्डर और उनके लड़कों द्वारा हासिल की गई प्रभावशाली जीत थी, जिसका मतलब है कि सीरीज अब अंतिम दो मैचों में कुछ रोचक होने के लिए पूरी तरह तैयार है।
पूरी तरह एकतरफा टेस्ट सीरीज के बाद सीमित ओवर के चरण में वेस्टइंडीज ने वाकई में बेहद प्रभावित प्रदर्शन किया है। होल्डर अपनी नेतृत्व क्षमता के साथ प्रभावी रहे हैं। इसी तरह शाई होप, शिमरान हेटमायर और एश्ले नर्स ने संकेत दिए हैं कि कैरेबियाई क्रिकेट में सब कुछ खत्म नहीं हुआ है। हेटमायर और होप में जिस तरह की क्षमता और योग्यता है, अगर उन्हें सही मार्गदर्शन मिले तो वे कैरेबियाई झंडे को काफी समय तक ऊंचा रख सकते हैं। मेरा अभी भी यह मानना है कि चयन के कुछ मुद्दों को सुलझा लिया जाए तो वेस्टइंडीज क्रिकेट जगत में एक बार फिर छोटे प्रारूप में मजबूत टीम बन सकती है।
होप और हेटमायर की बल्लेबाजी का जो सबसे सकारात्मक पहलू है वह यह कि वे भारतीय स्पिनरों को बहुत अच्छी तरह से खेल रहे हैं और वो भी भारतीय सरजमीं पर। पिछले कुछ समय में इससे बेहतर कुछ क्रिकेट देशों के लिए ऐसा संभव नहीं हुआ है। भारत की बात करें तो एक बार फिर यह पूरी तरह से विराट कोहली का शो साबित हुआ। जब उनकी उत्कृष्ट क्षमता के बारे में बात करने की बात आती है तो शब्दों की कमी पड़ जाती है। पहले से ही काफी तुलना की जा रही हैं। कोई कहता है कि उनकी प्रतिभा और वर्चस्व ब्रेडमैन के करीब औसत के हैं तो कोई पहले ही इस पर बात कर रहा है कि क्या वह सचिन के 100 से आगे जाएंगे। तुलना में ब्रायन लारा और विव रिचर्ड्स भी शामिल हैं, लेकिन मैं साधारण सी बात कहता हूं कि आंकड़ों को अपना ख्याल खुद रखने दें। इसके बजाय हमें जो करना चाहिए वह यह है कि पीछे बैठकर इस आदमी के स्तर का लुत्फ उठाना चाहिए और मैं कहूंगा कि क्या स्तर है उनका, सिर्फ विलक्षण। एक खिलाड़ी के रूप में उनकी क्षमता उन्हें अलग बनाती है और मैदान पर उनकी भूख नजर आती है।
विराट के अलावा भारत के पास सोचने के लिए काफी कुछ है। मेरा मानना है कि लोकेश राहुल को बाहर नहीं बैठाना चाहिए और टीम प्रबंधन को उन्हें फिट रखने का कोई तरीका तलाशना होगा। जसप्रीत बुमराह ने एक बार फिर दिखाया कि वह कुछ अलग हैं, लेकिन एक बात जो पूरी टीम को ध्यान रखनी चाहिए वो यह कि विरोधी टीम तीन मैचों में 900 से ज्यादा रन बना चुकी है और वह भी भारतीय परिस्थितियों में। मध्य क्रम को अच्छा रूप देने की जरूरत है। चयनकर्ता काफी समय से इसकी अनदेखी कर रहे हैं और अब यह प्रमुख चिंता होनी चाहिए।