सुनील गावस्कर ने कहा- अपने नाम के जैसे ही विराट हैं कोहली
विराट की बल्लेबाजी भी बिल्कुल उनके नाम जैसा ही है।
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
विराट कोहली निश्चित तौर अपने नाम के अनुरूप जीने के लिए पैदा हुए हैं। वह न सिर्फ अपने बल्ले से हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहे हैं बल्कि अपने नेतृत्व में भारतीय टीम को वह उन नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं, जहां तक भारतीय क्रिकेट कभी पहुंचा नहीं था। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्हीं के घर में वनडे सीरीज में जीत दर्ज करने का कारनामा इससे पहले कभी नहीं किया गया जबकि पिछली टीमों में मौजूदा टीम से कहीं बड़े नाम मौजूद थे। ऐसा नहीं है कि पिछली टीमों में आत्मविश्वास नहीं था बल्कि वे सिर्फ नॉकआउट पंच जड़ने में कामयाब नहीं हो सके।
विराट कोहली के लिए यह नॉकआउट पंच उनके गेंदबाजों की तरफ से आया, जिन्होंने पूरे दौरे पर ही शानदार गेंदबाजी की और दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी को ध्वस्त करके रख दिया। यहां तक कि टेस्ट मैच में भी पहली बार भारतीय गेंदबाजों ने 60 विकेट लिए। सिर्फ कमी यह रही कि पहले दो टेस्ट मैचों की चौथी पारियों में भारतीय बल्लेबाज दक्षिण अफ्रीका की तेज गेंदबाजी का सामना नहीं कर पाए और वह भी इसलिए क्योंकि कप्तान जल्दी आउट हो गया था।
नई गेंद से गेंदबाज शानदार रहे और स्पिनर्स को देखना भी काफी सुखद रहा। दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को बुमराह, शमी और भुवनेश्वर की बाउंसर पर झुकते हुए देखकर खुशी हुई। अब तक सिर्फ भारतीय बल्लेबाज ही शॉर्ट गेंद पर झुकते दिखते थे, लेकिन अब इसका उलटा होते देखकर कुछ सुकून पहुंचा।
अब क्रिकेट का सबसे छोटा प्रारूप हमारे सामने है। जेपी डुमिनी के रूप में दक्षिण अफ्रीका के पास नया कप्तान है। उन्हें इस प्रारूप का अच्छा खासा अनुभव है। वनडे सीरीज में शर्मनाक हार के बाद प्रोटियाज टी-20 सीरीज जीतने के साथ कुछ सम्मान हासिल करना चाहेंगे। टी—20 मैच में महज कुछ गेंदों में ही पासा पलट जाता है और जो टीम भावनाओं पर काबू रखती है, वह शीर्ष पर रहती है। भारतीय टीम अपने लंबे दौरे के आखिरी सप्ताह में है और इस बात का खतरा हो सकता है कि खिलाड़ी घर वापस अपने परिवार के पास लौटने के बारे में सोचने लगें। इससे थोड़ा ध्यान भंग हो सकता है, लेकिन कोहली के नेतृत्व में ऐसा होने की कम संभावना है। भारतीय टीम जिस ढंग से खेल रही है, उसे देखकर गर्व का अहसास हो रहा है और उम्मीद है कि वे अंत अपने इस विजयी क्रम को जारी रखेंगे।