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ऑस्ट्रेलिया के लिए स्पिनर सबसे बड़ी चुनौती

[ग्लेन मैकग्रा] जैसी उम्मीद थी, भारत ने पहले टेस्ट मैच में जीत दर्ज की, लेकिन अगर एमएस धौनी और भुवनेश्वर कुमार अच्छा प्रदर्शन नहीं करते, तो चीजें अलग हो सकती थीं। भारतीय पुछल्ले बल्लेबाजों को जल्द आउट न कर पाना ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ी विफलता थी। यह दर्शाता है कि आखिर क्यों गेंदबाज को अपनी बल्लेबाजी पर मेहनत करनी चाहिए।

By Edited By: Published: Thu, 28 Feb 2013 09:46 AM (IST)Updated: Thu, 28 Feb 2013 09:46 AM (IST)
ऑस्ट्रेलिया के लिए स्पिनर सबसे बड़ी चुनौती

[ग्लेन मैकग्रा] जैसी उम्मीद थी, भारत ने पहले टेस्ट मैच में जीत दर्ज की, लेकिन अगर एमएस धौनी और भुवनेश्वर कुमार अच्छा प्रदर्शन नहीं करते, तो चीजें अलग हो सकती थीं। भारतीय पुछल्ले बल्लेबाजों को जल्द आउट न कर पाना ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ी विफलता थी। यह दर्शाता है कि आखिर क्यों गेंदबाज को अपनी बल्लेबाजी पर मेहनत करनी चाहिए। अक्सर पारी के अंत में बनाए गए रन या शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के साथ सिर्फ विकेट पर खड़े रहना ही मैच जीतने का प्रमुख कारण बन जाता है। मेजबान के लिए विराट कोहली ने शतक बनाकर मजबूत प्लेटफॉर्म तैयार किया, लेकिन धौनी और भुवनेश्वर के बीच नौवें विकेट की साझेदारी से मैच का रुख भारत के पक्ष में मुड़ गया।

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अगर ऑस्ट्रेलिया 20-30 रन पहले भारत को आउट कर लेता, तो यह मैच रोमांचक हो जाता। मगर वह संघर्ष करते दिखाई दिए और बाकी तो आप जानते ही हैं। हार के बावजूद मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया इस मैच से सकारात्मक चीजें ले सकता है। माइकल क्लार्क ने शतक जमाकर दिखा दिया कि वह अभी भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने आगे बढ़कर नेतृत्व किया। जैम्स पैटिंसन ने पांच विकेट लेकर दिखा दिया कि वह अब पूरी तरह फिट हैं। ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण के लिए वह एक अहम सदस्य हैं और आगे के मैचों में काफी कुछ उन पर निर्भर रहेगा। हालांकि उन्हें अन्य गेंदबाजों के भी साथ की जरूरत है। मुझे लगता है कि पहले मैच के बाद सभी गेंदबाजों को समझ में आ गया होगा कि भारतीय पिचों पर गेंदबाजी कैसे करनी है। हेनरिक्स ने भी मुझे काफी प्रभावित किया। मुश्किल परिस्थितियों में हेनरिक्स ने रन बनाकर शानदार प्रदर्शन किया।

ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती आगे की सीरीज में भारतीय स्पिन आक्रमण का सामना करना है। उप महाद्बीप की पिच पर गेंद हमेशा टर्न होती है और परिणाम उनके पक्ष में रहेगा, जिनके बल्लेबाज मुश्किल परिस्थितियों में ज्यादा बेहतर ढंग से सामना कर पाएंगे। क्लार्क ने अपने पूरे करियर में दुनिया की सभी पिचों पर खुद को साबित किया है, लेकिन उन्हें अन्य बल्लेबाजों के समर्थन की जरूरत है। शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने पहले टेस्ट मैच में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन उन्हें अश्विन, हरभजन और जडेजा की स्पिन को खेलना सीखना होगा।

भारत के लिए यह एक शानदार जीत रही। अब मैं हैदराबाद में होने वाले अगले टेस्ट मैच में दोनों टीमों के प्रदर्शन को देखना चाहूंगा। (पीएमजी)

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