इस पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने की कहा, गंभीर का कप्तानी छोड़ना नहीं है दिल्ली की समस्या का हल
आधा टूर्नामेंट होने के बाद अंक तालिका में निचले पायदान पर उन्हें नया करने की जरूरत है, इसलिए कप्तान गंभीर ने पद छोड़ दिया है।
(संजय मांजरेकर का कॉलम)
अभी तक यह सबसे रोमांचक आइपीएल साबित हो रहा है। कई मुकाबले इसमें आखिरी ओवर तक गए। इसमें हमें कई व्यक्तिगत बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिले। बल्लेबाजी में गेल, वॉटसन और गेंदबाजी में राशिद खान और मार्कंडेय को हमने धमाल मचाते देखा। पिछले दो दिन में हमने दिल्ली को एक बार फिर हारते हुए देखा और इस बार उसे यह शिकस्त घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला में खेले गए उसके पहले मैच में ही मिली।
आइपीएल के सभी संस्करणों में दिल्ली का सफर आपको चकित करता है। यह टीम अपनी छाप छोड़ने में सफल नहीं हो पा रही है। यहां तक कि उन्होंने ऐसा करने के लिए सब कुछ बदल दिया। कई मौकों पर पूरी की पूरी टीम में हमें बदलाव देखने को मिले, लेकिन कुछ भी काम का नहीं हुआ। बावजूद इसके उन्होंने इस बार नीलामी में समझदारी का परिचय दिया। ऐसा ही एक कदम गौतम गंभीर को कप्तान के रूप में टीम से जोड़ना रहा, जिनकी अगुआई में कोलकाता नाइटराइडर्स ने सफलता के नए मुकाम हासिल किए। हालांकि यह फैसला भी टीम को सफलता नहीं दिला पा रहा है।
IPL की खबरों के लिए यहां क्लिक करें
आधा टूर्नामेंट होने के बाद अंक तालिका में निचले पायदान पर उन्हें नया करने की जरूरत है, इसलिए कप्तान गंभीर ने पद छोड़ दिया है। मैं नहीं जानता कि गंभीर की कप्तानी में कोई समस्या है या फिर उनका फॉर्म में न होना। हालांकि नेतृत्व में बदलाव करने से भी समस्या तब तक नहीं सुलझेगी जब तक मैक्सवेल जैसे बल्लेबाज रन नहीं बनाएंगे। हो सकता है कप्तानी का दबाव हटने के बाद गंभीर खुलकर बल्लेबाजी कर पाएं, मेरी शुभकामनायें दिल्ली के साथ हैं।
आइपीएल का पूरा शेड्यूल देखने के लिए यहां क्लिक करें
इसके अलावा गेंदबाजी में अकेले ट्रेंट बोल्ट के भरोसे काम नहीं चल सकता। गंभीर की कप्तानी थी, जिसे दिल्ली डेयरडेविल्स के मालिक चाहते थे। करियर के इस मुकाम पर उनकी बल्लेबाजी एक वैल्यू एडीशन की तरह है। पंजाब के खिलाफ उनकी हार दिल तोड़ने वाली रही।
(टीसीएम)