एशिया कप में भारत के खिलाफ पाकिस्तान को अच्छी शुरुआत की जरूरत
एशिया कप में भारत की पकड़ मजबूत हो गई है।
सुनील गावस्कर का कॉलम
एशिया कप में भारत की पकड़ मजबूत हो गई है। हालांकि पहले मैच में उन्हें हांगकांग ने कड़ी टक्कर दी थी लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने प्रयासों को ऊपर उठाया। खासतौर से गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की वजह से उन्हें छोटा लक्ष्य ही मिल रहा है। भारतीय गेंदबाजों की तरफ से किसी भी विपक्षी टीम के खिलाफ नरमी नहीं बढ़ती जा रही है। वह बहुत सटीक लाइन—लैंथ से गेंदबाजी कर रहे हैं जिस से पार पाना बल्लेबाजों के लिए असंभव सा हो गया है। इसके बाद स्पिनर आते हैं, जिनके खिलाफ बल्लेबाज बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में अपना विकेट गंवा रहे हैं। फिर केदार जाधव अपनी विविधता भरी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को दुविधा में डाल रहे हैं।
इस आक्रमण में अब रवींद्र जडेजा का नाम भी जुड़ गया है, जिन्हें चयनकर्ताओं के सामने खुद को साबित करना है। उनके आने से टीम में विकल्प बढ़ गए हैं। रोहित शर्मा को यह समझने में टाइम नहीं लगा कि इस पिच पर स्पिनर ज्यादा असर असरदार साबित होंगे। उन्हें भी टेस्ट टीम से बाहर होने के बाद खुद को साबित करना है और वह ऐसा अपने ही स्टाइल में कर रहे हैं। क्रिकेट में रोहित शर्मा को खुलकर बल्लेबाजी करते देखने से ज्यादा कोई अच्छी चीज नहीं है। शिखर धवन के साथ मिलकर वह एक खतरनाक जोड़ी के तौर पर साबित हो रहे हैं। दोनों एक-दूसरे के पूरक साबित हो रहे हैं और एक-दूसरे पर दबाव नहीं आने दे रहे हैं। रायुडू नंबर 3 पर अच्छा कर रहे हैं और चौथे नंबर दिनेश कार्तिक और धौनी को आजमाया गया।
अफगानिस्तान के खिलाफ मिली करीबी जीत से पाकिस्तान का मनोबल ऊंचा हुआ होगा क्योंकि ऐसे रोमांचक मुकाबलों में टीम के चरित्र का पता चलता है और वे मुश्किल स्थितियों में भी अच्छा करने को प्रतिबद्ध होते हैं। वे अपनी पारी की अच्छी शुरुआत करना चाहेंगे। भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ वे ऐसा नहीं कर पाए थे। फरहत अमन की दो विफलताएं भारत के खिलाफ शायद अच्छी साबित हो सकती है। भारत के लिए यह निश्चित तौर पर नई चुनौती होगी। शोएब मलिक ने दिखा दिया कि अनुभव क्या कर सकता है और अगर पाकिस्तानी बड़ी साझेदारी करते हैं, तो भारत को ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है। यह मुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच है और जैसा कि सभी जानते हैं कि इसमें भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।