Move to Jagran APP

'इस वजह से अब मयंक अग्रवाल को तीसरे टेस्ट में मिलना चाहिए मौका'

मयंक ने कर्नाटक और इंडिया ए के लिए खूब रन बनाए हैं जिसकी वजह से वो टेस्ट टीम में जगह बनाने में सफल हुए।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Mon, 24 Dec 2018 09:12 PM (IST)Updated: Mon, 24 Dec 2018 09:12 PM (IST)
'इस वजह से अब मयंक अग्रवाल को तीसरे टेस्ट में मिलना चाहिए मौका'
'इस वजह से अब मयंक अग्रवाल को तीसरे टेस्ट में मिलना चाहिए मौका'

(लक्ष्मण का कॉलम)

loksabha election banner

सीरीज 1-1 की बराबरी पर है और अभी दो मैच खेले जाने हैं। तीसरा टेस्ट बुधवार से खूबसूरत एमसीजी के मैदान पर शुरू हो रहा है, जो दोनों टीमों के लिए ही बेहद अहम मुकाबला है। बॉक्सिंग-डे टेस्ट का मैं एक से ज्यादा बार हिस्सा रहा हूं। ऐसे में मैं कह सकता हैं कि मैदान का माहौल, खासकर पहले दिन बेहद ही ऊर्जावान होता है। भारत के लिए यह अनिवार्य है कि वह इस माहौल का फायदा उठाए, ना कि इससे भयभीत हो। जहां तक मुझे लगता है भारत को तीन स्थितियों को बिना किसी देरी के समझना होगा। सबसे पहला भारत को सलामी जोड़ी का कुछ करना होगा। दूसरी चीज होगी जो बल्लेबाज सेट है, वह जिम्मेदारी उठाए और शतक लगाए। तीसरा निचले क्रम के बल्लेबाजों को अपना बड़ा योगदान देना होगा।

सलामी बल्लेबाजों की बात करें तो मुझे लगता है कि मयंक अग्रवाल को एमसीजी पर मौका देना चाहिए। वह यहां तक अपनी लगन, समर्पण और काफी रन बनाकर पहुंचे हैं। उन्होंने कर्नाटक और भारत-ए के लिए खूब रन बनाए हैं। ऐसे में उनका इंतजार बेहद लंबा हो गया है। वह तरोताजा और सकारात्मकता और बिना किसी बोझ के आए हैं। केएल राहुल के अगर ओवल टेस्ट के शतक को छोड़ दिया जाए तो पिछले नौ टेस्ट में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। मैं कह सकता हूं कि वह बड़े आत्मविश्वास की कमी से जूझ रहे हैं। उनके आउट होने के तरीके काफी हद तक समान हैं। मेरी सलाह है कि उन्हें अपने दिमाग को समझने के लिए थोड़ा आराम देना चाहिए, जिससे इस युवा खिलाड़ी को फायदा मिलेगा।

मुझे यह भी लगता है कि मुरली विजय ने पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में काफी अच्छा किया। मुझे पता है कि भारत की ओर से सीरीज में सिर्फ दो शतक लगे हैं, लेकिन सेट बल्लेबाजों को इस तरह विकेट नहीं देने होंगे। चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली ने एडिलेड और पर्थ में काफी अच्छे रन बनाए, लेकिन भारत को अगर तीसरे टेस्ट को जीतना है तो अजिंक्य रहाणे और पुजारा को और शतक लगाने होंगे। साथ ही ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम की क्रूरता भी चिंता का विषय है। उन्होंने भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण का एक विशुद्ध बल्लेबाज के तौर पर सामना किया है। मुझे लगता है कि वह बहुत मेहनत करते हैं। यह और भी ज्यादा हताशाजनक हो जाता है जब साझेदारी बनने लगे। भारतीय गेंदबाजों ने शीर्ष क्रम को ध्वस्त कर दिया, इसका मतलब यह नहीं है कि वह निचले क्रम के साथ भी ऐसा हो। उन्हें निचले क्रम के बल्लेबाजों के सामने भी सूझबूझ के साथ गेंदबाजी करने की जरूरत है। अगर भारतीय गेंदबाजों ने निचले क्रम को रोक लिया तो यह भारत के लिए अच्छा होगा। 

क्रिकेट की खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.