एशिया कप के फाइनल में बांग्लादेश को कम आंकने की भूल न करे भारत
फाइनल में बांग्लादेश को हल्के में लेना भारतीय टीम को महंगा पड़ सकता है।
(सुनील गावस्कर का कॉलम), यह वैसा फाइनल नहीं है, जिसकी बहुत से लोगों को अपेक्षा थी, लेकिन आपको यह बता दूं कि बांग्लादेश फाइनल में पहुंचने की पूरी तरह से हकदार थी। अगर भारत ने उनको हल्के में लिया, तो उन्हें बड़ा झटका भी लग सकता है। अफगानिस्तान से हारने के बाद जिस ढंग से उन्होंने वापसी की, वह उनकी प्रतिबद्धता दिखाता है। पाकिस्तान के खिलाफ 'सेमीफाइनल' में उन्होंने सकारात्मक खेल दिखाया और चैंपियंस ट्रॉफी के विजेता को दौड़ में पीछे छोड़ दिया। मशरफे मुर्तजा ने शानदार नेतृत्व करते हुए फील्डरों को सही जगह रखा और गेंदबाजी में सही परिवर्तन किए। टीम ने जरूरत पड़ने पर सकारात्मक रुख अपनाए रखा। मुश्फिकुर रहमान ने मिथुन के साथ मिलकर शानदार साझेदारी की और पाकिस्तान को दिखा दिया कि वे जल्दी से हथियार डालने वाले नहीं हैं। हालांकि वह शतक बनाने से चूक गए।
इसके बाद मुर्तजा ने अपनी कप्तानी की काबिलियत दिखाते हुए ऑफ स्पिनर मेहदी हसन से गेंदबाजी का आगाज कराया। उन्होंने फखर जमां को आउट कर विपक्षी टीम के हाथों से मैच छीन लिया। वह पूरे एशिया कप में खराब फॉर्म से जूझते रहे और पाकिस्तान को कभी भी अच्छी शुरुआत नहीं मिल पाई।
इस क्षेत्र में भारतीय टीम अच्छा कर रही है, जहां कप्तान रोहित शर्मा और शिखर धवन टीम को शानदार शुरुआत दिला रहे हैं और विपक्षी टीम को पहले दस ओवरों में ही धराशायी कर रहे हैं। दोनों ही ओपनरों ने धूम मचा रखी है और शॉट खेलने में एक-दूसरे को टक्कर दे रहे हैं। इन दोनों की बल्लेबाजी को देखना सच में आनंद हैं। भारतीय स्पिनरों ने धीमी पिचों का अच्छे से इस्तेमाल किया है और विपक्षी टीम को बीच के ओवरों में रन बनाने मुश्किल कर दिए हैं। जसप्रीत बुमराह भी अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं और अपने रनअप को लेकर भी वह सजग हैं। जडेजा और चहल को भी बुमराह से सीखते हुए नो बॉल करने से बचना चाहिए। भारत की फील्डिंग भी शानदार है, जिससे भारत को फाइनल में पहुंचने में मदद मिली है। अब उन्हें यह सुनिश्चित करना है कि जीत की भूख कम से कम एक मैच के लिए और बनी रहे ताकि एशिया कप का खिताब उनकी झोली में आ सके।