इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय ओपनरों को करनी होगी अच्छी शुरुआत
इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय ओपनर बल्लेबाजों को अच्छी शुरुआत करनी होगी।
सुनील गावस्कर का कॉलम
जब टी-20 मैच में दो बराबर की टीमें उस समय आमने सामने होती हैं जहां स्थिति में 40 ओवर तक कोई बदलाव नहीं होने वाला तो टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाजी का ही फैसला लेती है क्योंकि लक्ष्य का पीछा करना ज्यादा आसान होता है। अगर ओस की आशंका हो या आसमान में बादल हों तो पहले फील्डिंग करना बेहतर है। आपको यह पता रहता है कि आपको किस औसत से रन बनाने हैं और आप उसी के अनुसार खेलते हैं। दूसरी तरफ पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम के पास बहुत ही कम विकल्प होते हैं और उसे पहली गेंद से ही शॉट मारने पड़ते हैं क्योंकि उसे नहीं पता होता कि क्या स्कोर उचित रहेगा। ऐसे में पहले छह ओवर में अगर उन्होंने विकेट गवां दिए तो चुनौती पूर्ण लक्ष्य देना मुश्किल हो जाता है।
पिछले मैच में शतक जमाने वाले केएल राहुल समेत भारत ने तीन विकेट जल्दी गंवाए। इसके बाद कप्तान कोहली और अनुभवी रैना ने मिलकर पारी को संभाला। जैक बॉल के आखिरी ओवर में धौनी और पांड्या द्वारा 22 रन मारने के बावजूद लक्ष्य बहुत ज्यादा नहीं था। कार्डिफ की पिच के लिहाज से यह औसत स्कोर था।
पहले मैच में कुलदीप यादव के खिलाफ खराब बल्लेबाजी करने के बाद इंग्लैंड ने स्पिन बॉलिंग मशीन मर्लिन पर अभ्यास किया। इससे शायद मदद मिली हो, लेकिन इसके लिए मानसिक मजबूती और पिछली गलतियों से सीखना ज्यादा जरूरी है। इंग्लैंड के अधिकतर बल्लेबाजों ने कुलदीप के खिलाफ बैकफुट पर रहकर टर्न को देखने का इंतजार किया। यह तरीका सफल रहा और वे कुलदीप के खिलाफ एक-दो रन चुराते रहे। और जब कुलदीप ने आगे गेंदबाजी की तो उन्होंने आगे की तरफ छोटी बाउंड्री पर बड़े शॉट खेले।
पहले मैच में लड़खड़ाते नजर आने वाले एलेक्स हेल्स ने सकारात्मकता के साथ बल्लेबाजी की। कप्तान मोर्गन और जॉनी बेयरस्टो के साथ उनकी साझेदारी की बदौलत ही इंग्लैंड ने मैच जीता। बेयरस्टो पहले मैच में शून्य पर आउट हो गए थे लेकिन इस बार उन्होंने बैकफुट पर रहते हुए इंतजार किया। भारत को ओपनिंग बल्लेबाजों से अच्छी शुरुआत की जरूरत है और पहले दो मैचों में ऐसा देखने को नहीं मिला। इससे बाद के बल्लेबाजों पर दबाव बढ़ा। अगर वे पावरप्ले में विकेट नहीं गंवाते हैं, तो इससे बड़ा स्कोर बनने का मौका बन सकता है। या फिर बड़े लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है। निश्चित तौर पर सारी चीजें टॉस पर निर्भर होंगी। उम्मीद है कि कोहली ब्रिस्टल में टॉस जीत पाएंगे।