इंग्लैंड के खिलाफ भारत को अनुशासित गेंदबाजी करनी होगी
लॉर्ड्स में दूसरा वनडे मैच हारकर भारत ने अपनी मुश्किलें थोड़ी बढ़ा ली हैं।
सुनील गावस्कर का कॉलम
लॉर्ड्स में दूसरा वनडे मैच हारकर भारत ने अपनी मुश्किलें थोड़ी बढ़ा ली हैं। गेंदबाजों के लिए कम मददगार पिच पर भारत ने आखिरी दस ओवरों में ढेर सारे रन लुटाए और यहीं से उनके हाथों से मैच खिसक गया। भुवनेश्वर और बुमराह की गैर मौजूदगी में विपक्षी टीम के लिए आखिरी ओवरों में रन बनाना बच्चों का खेल लग रहा है। डेविड विली ने कुछ साहसी शॉट खेलकर इंग्लैंड का स्कोर 322 तक पहुंचा दिया जबकि उन्हें 300 के भीतर रोका जा सकता था।
पिछले साल पाकिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भी हमें ऐसा ही कुछ देखने को मिला था। रोहित शर्मा एक शानदार गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए थे, लेकिन यहां पर वह एक खराब शॉट खेलते हुए आउट हुए। अगर यह सामान्य शॉट होता तो समझा जा सकता था, लेकिन यह लाइन से हटकर खेला गया, जिसे वह शायद ही कभी खेलते हैं। पिछले मैच में शतक लगाने वाले खिलाड़ी को आउट करने से विपक्षी टीम का आत्मविश्र्वास निश्चित तौर पर बढ़ता है। इसके बाद अच्छी बल्लेबाजी कर रहे धवन ने भी लापरवाही में बाहर जाती गेंद को छेड़ दिया और बैकवर्ड प्वाइंट पर आउट हो गए जबकि उस समय भारत को एक मजबूत साझेदारी की जरूरत थी।
राहुल को भी अपनी सोच को सही करना होगा। कुछ दिन पहले लगाया गया उनका शतक बेहतरीन था, लेकिन बल्लेबाज को हर पारी की शुरुआत शून्य से करनी होती है इसलिए शॉट खेलने से पहले पिच से तालमेल बैठाना ज्यादा सही होता है। रैना ने अपने अनुभव का इस्तेमाल किया, लेकिन वह पर्याप्त नहीं था और जब कोहली मोइन अली की गेंद पर आड़ा खेलने के चक्कर में एलबीडब्ल्यू हो गए, तभी भारत के लिए मैच खत्म हो गया। धौनी का संघर्ष समझ में आता है क्योंकि जब आप असंभव स्थिति में होते हो तो विकल्प बहुत ही कम होते हैं और सोच भी नकारात्मक हो जाती है। ऐसे में सभी अच्छे शॉट सीधे फील्डर के हाथों में जाते हैं, जिससे और भी दबाव बढ़ जाता है। इससे मुझे इसी मैदान में अपनी सबसे बदनाम पारी की याद आ गई।
हालांकि अभी घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि भारत थोड़ी अनुशासित गेंदबाजी और बल्लेबाजी में अच्छी साझेदारी से जीत हासिल कर सकता है। लॉर्ड्स ने हमें दिखा दिया कि इंग्लैंड आखिर क्यों नंबर एक टीम है और सीरीज जीतने के लिए भारत को अपने खेल का स्तर उठाना होगा।