Ind vs WI: विंडीज़ के साथ ODI सीरीज़ खेलना का भारत को ये हुआ सबसे बड़ा फायदा
भारत ने मुंबई और तिरुवनंतपुरम में विंडीज को मौका नहीं दिया और बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
(वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम)
पुणे में चौंकाने वाले प्रदर्शन के बाद टीम इंडिया ने आखिरी दो वनडे मैचों में दमदार प्रदर्शन करके घर में अपनी लगातार छठी वनडे सीरीज जीती। उन्होंने साबित किया कि पुणे की हार सिर्फ एक सामान्य हार थी। भारत ने मुंबई और तिरुवनंतपुरम में विंडीज को मौका नहीं दिया और बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
मिले कई सवालों के जवाब
रोहित शर्मा ने ब्रेबोन स्टेडियम में शानदार 162 रन की पारी खेली, वहीं विराट भी सीरीज में बेहतरीन खेले और मैन ऑफ द सीरीज बने। वह साथ ही लगातार तीन वनडे शतक लगाने वाले पहले भारतीय भी बने। टीम प्रबंधन तब थोड़ा मुश्किल में फंस जाता है जब शीर्ष तीन बल्लेबाज रन नहीं बनाते हैं। वहीं मध्य क्रम पर अभी भी दबाव वाली परिस्थितियों में टीम को जीत दिलाने की जिम्मेदारी नहीं आई है लेकिन तब भी यह देखकर अच्छा लगता है कि सीरीज शुरू होने से पहले जो सवाल उठ रहे थे उनका सीरीज खत्म होने पर जवाब मिल गया है।
सुलझ गई नंबर- 4 की पहेली
इस सीरीज की सबसे बड़ी उपलब्धि नंबर चार पर अंबाती रायुडू की लगातार सफलता है। वह एशिया कप में वापसी करने के साथ ही इस नंबर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। नंबर चार की पोजीशन हमेशा से अहम होती है क्योंकि आपको एक सेट बल्लेबाज के साथ पारी को आगे बढ़ाना होता है। स्ट्राइक को लगातार बदलना भी यहां जरूरी हो जाता है, जिससे उनके साथी को कोई दबाव महसूस नहीं हो सके। रायुडू ने लगातार स्पिनरों पर स्ट्राइक बदली है। वह कदमों का भी सही इस्तेमाल कर रहे हैं और तेज गेंदबाजों पर क्रीज की गहराई का अच्छा इस्तेमाल कर रहे हैं। उनकी नंबर चार पर उपस्थिति वाकई बेहद सकारात्मक है, वो भी तब जब उन्होंने ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेले हैं। वह वाकई काफी अनुभवी बल्लेबाज हैं और टीम के लिए बेहद अहम साबित हुए हैं।
खलील ने छोड़ा प्रभाव
वहीं एक अन्य सकारात्मक पहलू युवा गेंदबाज खलील अहमद हैं। उन्होंने अपने बायें हाथ के तेज गेंदबाजी विकल्प से भारतीय गेंदबाजी में धार पैदा की है। उन्होंने साबित किया है कि वह गेंद को दोनों ओर घुमा सकते हैं। उन्हें जरूर विश्व कप में मौका मिलना चाहिए। भारत को यह भी देखना होगा कि कितनी शांत तरीके से अपने मूल प्रदर्शन से रवींद्र जडेजा ने वनडे क्रिकेट में वापसी की। वह पूरी तरह से सीमित ओवर क्रिकेट के लिए सटीक बैठते हैं, जो तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के पूरक साबित हुए हैं। दूसरी ओर विंडीज की टीम पुणे में मिली जीत से आत्मविश्वास नहीं बढ़ा सकी, लेकिन मुझे उम्मीद है कि टी-20 में यह टीम वापसी करेगी। उनके पास कालरेस ब्रेथवेट, कीरोन पोलार्ड, आंद्रे रसेल जैसे खिलाड़ी होंगे।
पंत को करना होगा सुधार
युवा भारतीय टीम पर विराट और धौनी के नहीं रहते एक बड़ी चुनौती होगी। 2020 टी-20 विश्व कप को देखते अब युवाओं के ऊपर अच्छा प्रदर्शन करके टी-20 टीम का नियमित सदस्य बनने की चुनौती होगी। धौनी की अनुपस्थिति में युवा विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत को भी खुद को साबित करना होगा। बेशक रिषभ बल्लेबाजी में कहीं से कमतर नहीं दिखते हैं, लेकिन विकेटकीपिंग में जरूर उन्हें सुधार की जरूरत है। अगर वह इस सुधार को करने में कामयाब रहे तो यह उनके लिए शानदार होगा।