Move to Jagran APP

IND vs ENG: खिलाडि़यों को अपने दिमाग की वजहों से लड़ना होगा

भारतीय टीम के हर खिलाड़ी को शीशे में देखना चाहिए, मुश्किल से मुश्किल सवाल पूछने चाहिए और फिर वापसी ईमानदार जवाब के साथ करनी चाहिए।

By Lakshya SharmaEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 08:23 PM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 08:31 PM (IST)
IND vs ENG: खिलाडि़यों को अपने दिमाग की वजहों से लड़ना होगा
IND vs ENG: खिलाडि़यों को अपने दिमाग की वजहों से लड़ना होगा

(वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम)

prime article banner

भारतीय टीम ने जिस तरह से लॉ‌र्ड्स में घुटने टेक दिए वह काफी निराशाजनक रहा। वो भी तब जब टीम ने एजबेस्टन में कमाल का संघर्ष किया। इंग्लैंड ने परिस्थिति का अच्छा फायदा उठाया, लेकिन उन्हें इसका खुद फायदा मिला। जबकि भारत जब बल्लेबाजी करने आया तो खुद जाल में फंस गया। कुछ तकनीकी गलतियों ने दिखाया कि कैसे आत्मविश्वास कम था। खिलाडि़यों में शारीरिक भाषा भी सकारात्मक नहीं थी। 

जब आप एक बार अपनी काबिलियत पर शक करने लगते हैं तो यहां से वापस आने का कोई रास्ता नहीं होता। भारतीय टीम के हर खिलाड़ी को शीशे में देखना चाहिए, मुश्किल से मुश्किल सवाल पूछने चाहिए और फिर वापसी ईमानदार जवाब के साथ करनी चाहिए। क्रिकेट के नजरिये से 0-2 से पिछड़ने के बाद वापसी करना मुश्किल है, लेकिन सबसे पहले खिलाडि़यों को अपने दिमाग की वजहों से लड़ना होगा।

विदेश में अगर पिछली 10 पारियों की बात करें तो भारत ने दो बार ही 250 से ज्यादा रन बनाए और दोनों ही मौकों पर विराट ने शतक लगाया। यह एक अनुभवी बल्लेबाजी क्रम के लिए अच्छा नहीं है, क्योंकि यह टीम पिछले इंग्लैंड दौरे से अच्छी है। इंग्लैंड के पास दो सर्वोत्तम गेंदबाज जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड हैं, लेकिन वह ऐसे नहीं है जिन्हें नहीं खेला जा सके। पहली पारी में जब गेंद स्विंग हो रही थी, तो वे फुल लेंथ गेंद कर रहे थे।

 जब दूसरी पारी में गेंद स्विंग नहीं हो रही थी तो वे पिच का अच्छा इस्तेमाल कर रहे थे। पहली पारी में 107 रन पर आउट होने का जरूर भारत के पास बहाना होगा, लेकिन दूसरी पारी में उन्हें बेहतर करना चाहिए था। यह ऐसा था जैसे उन्होंने खुद पर से विश्वास खो दिया था। यह बेहद जरूरी चीज है जिसको टीम प्रबंधन को नॉटिंघम टेस्ट से पहले जल्द से जल्द सुलझाना होगा। चयन में पारदर्शिता की कमी दिखी। 

दूसरे दिन जब टॉस हुआ तो बादल आ रहे थे और हर कोई तीसरा तेज गेंदबाज खिलाने के लिए रो रहा था। तब भारत ने उमेश यादव की जगह कुलदीप यादव को खिला लिया। हार्दिक भी गेंदबाजी कर सकते हैं। जब इंग्लैंड का स्कोर पांच विकेट पर 131 रन था तो भारतीय गेंदबाज दबाव नहीं बना सके।

इससे जॉनी बेयरस्टो और क्रिस वोक्स को टीम को संभालने में मदद मिल गई। इंग्लैंड ने परिस्थति में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन भारतीय टीम उससे कई बेहतर है, जैसा हमने लॉ‌र्ड्स में देखा। जब तक वह यह विश्वास नहीं करेंगे, वापसी मुमकिन नहीं होगी क्योंकि अभी लंबा दौरा बचा है।

क्रिकेट की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

अन्य खेलों की खबरों के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.