IND vs AUS: लक्ष्य का पीछा करने के राजा हैं विराट: लक्ष्मण
क्रुणाल चेन्नई में विंडीज के खिलाफ खेले गए टी-20 और ब्रिसबेन में खेले गए टी-20 में बड़े महंगे साबित हुए, लेकिन उन्होंने जबरदस्त वापसी की।
(वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम)
भारतीय टीम बारिश से बाधित पहले मुकाबले को जीतने से कुछ कदम दूर रह गई। वहीं एमसीजी में दूसरे मुकाबले में बारिश की वजह से एक बार दोबारा भारत को नुकसान हुआ। मैच रद हो गया। हालांकि भारत ने सिडनी में तीसरा टी-20 जीतकर सीरीज 1-1 से बराबर की और अपने 10 द्विपक्षीय टी-20 सीरीज में अपराजेय के क्रम को जारी रखा। 10 एक अच्छा नंबर है। मैं उस माद्दे और काबिलियत से बेहद खुश हूं जो टीम ने दिखाया। गेंदबाजों ने खुद को बेहतर तरीके से पेश किया, जहां क्रुणाल पांड्या ने सामने आकर प्रदर्शन किया।
क्रुणाल चेन्नई में विंडीज के खिलाफ खेले गए टी-20 और ब्रिसबेन में खेले गए टी-20 में बड़े महंगे साबित हुए, लेकिन उन्होंने जबरदस्त वापसी की। उन्हें देखना शानदार था। वह जल्दी ही अपनी गलतियों से सीखते हैं और बाद में गेंद को हवा में धीमी छोड़ने लगे। इससे उन्हें सतह की ग्रिप पकड़ने का अच्छा मौका मिला। उनके चार विकेट उनकी चतुरता और काबिलियत की वजह से उन्हें मिले हैं।
खलील अहमद भी भविष्य हैं। उनके अंदर गेंद को स्विंग कराने की बेहतरीन क्षमता है, खासकर दायें हाथ के बल्लेबाज को वह बहुत अच्छे से गेंद अंदर लाते हैं, जो हमेशा ही बायें हाथ के गेंदबाज का एक अच्छा हथियार होता है। वह समय के साथ धीरे-धीरे सीखेंगे, लेकिन वह तेज गेंदबाजों के गु्रप जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर के साथ सटीक बैठते हैं।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब शिखर धवन ने अपने शानदार शॉट से मेरी सांसे रोक दीं। उन्होंने बिना किसी जान लगाए शॉट खेले। जब वह शानदार शॉट खेलते हैं तो ऐसा लगता है कि इंजन में भरपूर तेल है। वह उस समय बहुत ही खतरनाक होते हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि वह अपनी रन बनाने की कला को जनवरी में शुरू होने वाली वनडे सीरीज में भी जारी रखेंगे। उन्हें बस अपने 40 और 60 को शतक तक पहुंचाने की जरूरत है।
विराट खुद एक बड़ा नाम हैं। मुझे नहीं लगता है टी-20 क्रिकेट में कोई और बल्लेबाज नंबर तीन पर विराट जितना सटीक बैठता है। वह लक्ष्य का पीछा करने में मास्टर हैं और ऑस्ट्रेलिया के पास उन्हें रोकने का कोई प्लान नहीं था, वह भी तब जब अंतिम-11 में उनके पास मिशेल स्टार्क जैसा गेंदबाज था। विराट जब भी मैदान में उतरते हैं तो लगता है वह लक्ष्य का पीछा करने के राजा हैं।
ऐसा लगता है खेल पहले ही खत्म हो गया है। दिनेश कार्तिक खेल को जीत तक ले जाने की अपनी नई जिम्मेदारी का बखूबी आनंद उठा रहे हैं। यह देखकर काफी अच्छा लगा कि जब कप्तान क्रीज पर थे तब भी उन्होंने अपने पर से ध्यान नहीं हटने दिया।
ऑस्ट्रेलिया के लिए देखा जाए तो वह भारतीय टीम को सीरीज में चुनौती देने से काफी संतुष्ट होंगे। हालांकि यह बहस का विषय हो सकता है कि आरोन फिंच और मिशेल स्टार्क के अलावा किसी भी खिलाड़ी की गारंटी नहीं ली जा सकती।