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EXCLUSIVE: इंग्लैंड में विश्व कप जीतना हमारा लक्ष्य, पर हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा : भुवनेश्वर

भारतीय टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार का मानना है कि टीम इंडिया के तेज गेंदबाज हर परिस्थिति से निपटने की तैयारी कर रहे हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 08:56 AM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 10:18 AM (IST)
EXCLUSIVE: इंग्लैंड में विश्व कप जीतना हमारा लक्ष्य, पर हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा : भुवनेश्वर
EXCLUSIVE: इंग्लैंड में विश्व कप जीतना हमारा लक्ष्य, पर हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा : भुवनेश्वर

इंग्लैंड में तेज गेंदबाजों की भूमिका अहम साबित हो सकती है, लेकिन इसके लिए वहां की परिस्थितियां काफी मायने रखेंगी। हालांकि, भारतीय टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार का मानना है कि टीम इंडिया के तेज गेंदबाज हर परिस्थिति से निपटने की तैयारी कर रहे हैं। विश्व कप में भारत की संभावनाओं और तेज गेंदबाजी आक्रमण को लेकर भुवनेश्वर कुमार से अभिषेक त्रिपाठी ने खास बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश :

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 -आगामी विश्व को लेकर आपकी और टीम की तैयारियां कैसी हैं?

--हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य तो यही है कि हम विश्व कप जीतकर इंग्लैंड से लौटें। व्यक्तिगत तौर पर जब बात आती है तो आप सोचते हैं कि जब आप विश्व कप में जाएं तो अच्छा प्रदर्शन करें। हालांकि, यह प्राथमिकता नहीं है। एक टीम और एक खिलाड़ी के तौर पर भी मेरा सपना है कि हम विश्व कप जीतें। जहां तक तैयारियों की बात है तो वह भी चल रही हैं। आइपीएल के बाद से हम थोड़े आराम के साथ अभ्यास भी कर रहे हैं और जिम में पसीना भी बहा रहे हैं।

- कहा जा रहा था कि आइपीएल की थकावट का असर तेज गेंदबाजों पर ज्यादा पड़ेगा। आप क्या मानते हैं कि आइपीएल में लगातार खेलने का विश्व कप पर गलत असर पड़ेगा?

--देखिए, आइपीएल में खेलकर किसी बड़े टूर्नामेंट में जाने से आपका अभ्यास बना रहता है जो कि एक सकारात्मक पहलू है। हां, अगर आइपीएल के बाद ब्रेक नहीं होता तो इसका नकारात्मक पहलू भी होता, लेकिन हमें 10 से 15 दिनों का ब्रेक मिला है जो खुद को तरोताजा करने के लिए काफी है। कुल मिलाकर आइपीएल के ब्रेक मिलना हमारे लिए अच्छा है।

-2015 विश्व कप में आप चौथे गेंदबाज के तौर पर गए थे, लेकिन उसके बाद से आपकी गेंदबाजी में बहुत सुधार हुआ। चार साल पहले वाले भुवनेश्वर और अभी के भुवनेश्वर में कितना फर्क आया है?

--उस विश्व कप को चार साल हो चुके हैं और उसके बाद से मैंने काफी कुछ सीखा है और अनुभव हासिल किया है। अनुभव के साथ आपको पता चलता है कि आपको किस-किस क्षेत्र में काम करने की जरूरत है। अनुभव बहुत मायने रखता है क्योंकि अनुभव से ही आपको अपनी कमियों के बारे में पता चलता है।

-भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण को कैसे देख रहे हैं?

--काफी अच्छी लाइन-अप है। सभी अनुभवी गेंदबाज हैं। शमी हैं, बुमराह हैं, मैं हूं। हम सबने पिछले चार-पांच वर्षो में काफी क्रिकेट खेली है जिसमें हमने अच्छा प्रदर्शन किया है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सीरीज के बाद आइपीएल में भी हमने अच्छा प्रदर्शन किया है। ऐसे में देखा जाए तो सभी अच्छी फॉर्म में हैं जो टीम के लिए अच्छी बात है।

-इंग्लैंड की परिस्थितियां आपको ज्यादा रास आती हैं। इस बार वहां ज्यादा गर्मी पड़ेगी तो शायद तेज गेंदबाजों के लिए उतनी मदद ना हो। ऐसे में आप इसको कैसे देखते हैं?

--अभी इसका अनुमान लगाना सही नहीं होगा कि वहां क्या होगा, क्या नहीं होगा। लेकिन हां, सीम करने वाली परिस्थितियां मिलती हैं तो यह तेज गेंदबाजों के लिए मदद होगी, लेकिन अगर नहीं हुई तो वहां की परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढालना होगा और जो कुछ भी होगा, उसे दिमाग में लेकर जाएंगे। उसी को ध्यान में रखकर वहां अभ्यास मैच खेलने हैं जो बेहद जरूरी हो जाएंगे।

-इस बार आपका आइपीएल सत्र उतना अच्छा नहीं गया। उसको लेकर लेकर क्या कहेंगे कि आखिर कहां गलती हुई?

--मुझे तो नहीं लगता कि मेरा प्रदर्शन ज्यादा खराब गया। 15 मुकाबलों में 13 विकेट कम नहीं होते। इस सत्र में मैं पर्पल कप नहीं नहीं ले पाया, लेकिन हर बार आप एक जैसा प्रदर्शन नहीं कर सकते और उम्मीद की कोई सीमा नहीं है। मुझे लगता है कि मेरा प्रदर्शन औसत रहा।

-विश्व कप में स्विंग गेंदबाजों की भूमिका कितनी अहम होगी क्योंकि आजकल क्रिकेट के नियम बल्लेबाजों के मददगार हो गए हैं ?

--स्विंग गेंदबाज हों या ना हों, सबकी भूमिका अहम होती है। गेंद अगर स्विंग होती है तो सबकी होती है और नहीं होती तो स्विंग कराने के लिए आपको परिस्थितियां चाहिए होती हैं। यह क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट है तो जो भी गेंदबाज हैं, उनकी भूमिका बहुत अहम है। अभी कहना मुश्किल होगा कि वहां परिस्थितियां कैसी होंगी, लेकिन हम हर परिस्थिति में गेंदबाजी के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं। मेरा मानना है कि हम सभी तेज गेंदबाज हैं जो नई गेंद से गेंदबाजी की शुरुआत करेंगे।

-आइपीएल में इस बार देखा गया कि ऑफ स्टंप से बाहर जाकर जब बल्लेबाज खेलता था तो गेंदबाज और बाहर की तरफ गेंद फेंकता था जिसे अंपायर वाइड करार नहीं देते थे। क्या इसे गेंदबाजों के पक्ष में अच्छा फैसला माना जाए?

--ये चीजें तभी मायने रखती हैं जब आप उस परिस्थिति में हों। गेंदबाजों के हित में कुछ नियम बदलें हैं और ऐसा होने पर गेंदबाजों का मनोबल बढ़ता है। इस बदलाव से गेंदबाजों को मदद मिलेगी। जहां पहले वाइड होती थी, अब उसे वाइड करार नहीं दिया जाएगा।

-पिछले कुछ समय से आप नकल गेंद का प्रयोग कर रहे हैं। क्या आगे भी इसका इस्तेमाल जारी रखेंगे या फिर कुछ और अलग करने की सोच रहे हैं?

--नहीं, अभी तो कुछ और अलग करने के बारे में विचार नहीं कर रहा। मेरी गेंदबाजी में जो विविधता है उसे और अच्छा करने की कोशिश कर रहा हूं। विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में आप कुछ भी नया करने से पहले आश्वस्त होना चाहते हैं। मेरे पास अभी कुछ नई विविधिता नहीं है, लेकिन जो भी मेरे पास है उसे और बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा हूं।

-आज की क्रिकेट में ऑलराउंडर की भूमिका बढ़ गई है। ऐसे में विश्व कप को लेकर आप अपनी बल्लेबाजी पर भी काम कर रहे हैं?

--बिलकुल, दिमाग में बल्लेबाजी है लेकिन उसके लिए मैं कुछ अलग करने की कोशिश नहीं कर रहा हूं। जो मैं पहले करता था वही आज भी करने की कोशिश कर रहा हूं। बल्लेबाजी में मेरे पास जो थोड़ी काबिलियत थी, मैं उसे ही ठीक करने की कोशिश कर रहा हूं। मैं नहीं चाहता कि कुछ अलग करने के चक्कर में जो भी थोड़ी बल्लेबाजी कला है उसे गंवा दूं या खराब कर दूं।

-प्रवीण कुमार आपके ही राज्य के हैं और कहा जाता है कि आपने उनसे बहुत कुछ सीखा है। क्या अभी आपकी उनसे कुछ बात हुई और क्या आगे उनसे किसी विषय पर चर्चा करेंगे?

--हाल फिलहाल उनसे मेरी कोई बात नहीं हुई क्योंकि मेरा मेरठ जाना नहीं हुआ। हां, लेकिन उनसे जब भी मुलाकात होती है तो गेंदबाजी के बारे में बात होती है क्योंकि वह भारत के एक अनुभवी गेंदबाज रहे हैं और उनसे कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है।

-विराट कोहली को एक आक्रामक कप्तान कहा जाता है। इस पर आपकी क्या राय है?

--विराट कोहली कितने अच्छे खिलाड़ी हैं यह सभी को पता है। काफी समय से वह भारतीय टीम की कमान संभाल रहे हैं जिससे टीम को फायदा पहुंचा है। उनके साथ खेलने में मजा आता है। वह एक सीनियर खिलाड़ी हैं और उनके साथ रहकर और खेलकर हमारा मनोबल बढ़ता है। एक गेंदबाज की हैसियत से हमें उनसे यह बात करने में अच्छा लगता है कि वह एक बल्लेबाज के तौर पर क्या सोचते हैं। वह कैसे खेलते हैं और कप्तानी करते हैं वह उनका अपना तरीका है लेकिन सबसे अहम बात यह है कि इससे टीम को फायदा मिलता है।

-आज के युग में फिटनेस कितनी अहम है? विराट के साथ-साथ पूरी टीम अब फिटनेस को लेकर बहुत ध्यान देती है। आप अपनी फिटनेस को लेकर क्या कहेंगे?

--आज के दौर में फिटनेस बहुत जरूरी है क्योंकि अब कभी भी क्रिकेट में ऑफ सीजन नहीं होता है। जब लगातार मैच खेलने होते हैं तो आपको फिटनेस को बनाए रखनी पड़ती है। हर साल आइपीएल होता है और फिर दूसरी क्रिकेट सीरीज होती रहती हैं तो उसे ध्यान में रखकर आपको फिटनेस बनाए रखनी पड़ती है। कुल मिलाकर खेलों में फिटनेस को बनाए रखना अहम हो गया है।

-कई बार आपको अच्छे प्रदर्शन के बावजूद परिस्थितियों का हवाला देकर टीम से बाहर बिठाया जाता है। ऐसे में उस समय आपके दिमाग में क्या चलता है?

--भारतीय टीम के पास ऐसे गेंदबाज हैं जो अलग-अलग परिस्थितियों में गेंदबाजी करने में सक्षम हैं। यह एक अच्छी बात है कि टीम के पास हर परिस्थिति के लिए अलग-अलग विकल्प हैं। जब मैं नहीं खेल रहा होता हूं तो मैं यही कोशिश करता हूं कि जो मुझे खाली समय मिला है उसमें कैसे शरीर को आराम देकर अगले मैच में अच्छा कर सकता हूं। उस चीज को मैं हमेशा सकारात्मक तरीके से लेता हूं।

-क्या आपको कभी भी यह ख्याल आता है कि आप एक ऑलराउंडर बनते तो ज्यादा अच्छा होता?

--ऐसा कुछ नहीं है। मुझे जब भी बल्लेबाजी करने का मौका मिलता है तो मैं उसका लुत्फ उठाने की कोशिश करता हूं। मुझे कोई ऑलराउंडर बोले या ना बोले मैं इसकी परवाह नहीं करता। मेरे दिमाग में यह कभी नहीं आता कि मुझे एक ऑलराउंडर होना चाहिए था। यह मेरा वास्तविक खेल है और अब मैं खुद को अचानक से एक ऑलराउंडर नहीं बना सकता। मेरे कोशिश अभी भी यही है कि जो भूमिका मुझे मिली है मैं उसे पूरी तरह से निभाऊं।

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