स्टोर में काम किया, छुट्टी में क्रिकेट खेला और अब आयरलैंड के लिए ताल ठोक रहे भारत के सिमी सिंह
EXCLUSIVE मोहाली के सिमी सिंह को आयरलैंड क्रिकेट टीम में जगह बनाने में 12 साल का समय लगा।
मोहाली से सिमी सिंह जब आयरलैंड पहुंचे थे तब उन्हें नहीं लगा था कि वह वहां की राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे। अब आयरलैंड का यह ऑलराउंडर विश्व चैंपियन इंग्लैंड के खिलाफ गुरुवार से शुरू होने वाली तीन वनडे मैचों की सीरीज में ताल ठोकेगा। इंग्लैंड के कुछ खिलाडि़यों को इस सीरीज में आराम दिया गया है लेकिन उनकी मौजूदा टीम भी काफी मजबूत है। कोविड-19 के दौरान इंग्लैंड-वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज से क्रिकेट की वापसी हुई। अब कोरोना के दौरान इंग्लैंड-आयरलैंड के बीच पहली वनडे सीरीज खेली जाएगी। आयरलैंड के लिए 18 वनडे मैचों में 242 रन और 18 विकेट लेने वाले सिमी सिंह से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अभिषेक त्रिपाठी ने बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश :
-लाल गेंद के क्रिकेट के बाद सफेद गेंद के क्रिकेट की वापसी हो रही है। इंग्लैंड के साथ आयरलैंड के खिलाड़ियों को यह मौका मिल रहा है। क्या कहेंगे?
-बिलकुल यह बड़ा मौका है। हमारी टीम के सभी खिलाड़ी खुश हैं क्योंकि काफी समय से हमने क्रिकेट नहीं खेला है। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने यह सीरीज आयोजित की है तो सभी खिलाड़ी उत्साहित हैं। पूरे विश्व में सफेद गेंद का क्रिकेट नहीं हो रहाह तो हमें उम्मीद है कि दुनियाभर के प्रशंसक, खिलाड़ी इस सीरीज को देखेंगे।
-कोरोना के दौरान सीरीज की तैयारियां कैसे कीं?
-हमारे लिए सीरीज मुश्किल होगी क्योंकि विश्व चैंपियन के खिलाफ हम खेल रहे होंगे। उनके कुछ खिलाड़ी टीम में नहीं हैं लेकिन फिर भी उनकी टीम मजबूत है। हमने अपनी पूरी तैयारी की है। कोविड-19 से पहले हमने वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान के खिलाफ सीरीज खेली थी, उसमें भी प्रदर्शन अच्छा रहा था। कोरोना के कारण हम विशेष परिस्थितियों में खेल रहे हैं। ना कोई बाहर जा सकता और ना ही आ सकता है लेकिन हम इस बात से खुश हैं कि हमें क्रिकेट खेलने को मिल गया और इसको लेकर हम उत्साहित हैं।
-आइसीसी ने 2023 विश्व कप क्वालीफिकेशन के लिए वनडे सुपर लीग लांच की है। क्या यह आयरलैंड जैसी छोटी टीमों के लिए अच्छा है?
-2019 में हुए विश्व कप में क्वालीफाई करने के लिए 2018 में क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट हुआ था। हम फाइनल में अफगानिस्तान से हार गए थे और क्वालीफाई नहीं कर सके। ना प्रारूप से ज्यादा मैच होंगे और छोटी टीमों के लिए क्वालीफाई करने के अधिक मौके होंगे। आधे मैच आपके घर में होंगे और आधे घर के बाहर होंगे। मुझे लगता है कि आइसीसी का यह अच्छा फैसला है।
-आपने आयरलैंड क्यों चुना? आयरलैंड में क्रिकेटरों की जिंदगी कैसी है?
-मेरा घर मोहाली क्रिकेट स्टेडियम के पास ही था। वहां से मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया। पंजाब की टीम से मैं अंडर-15, अंडर-17 खेला। उसके बाद मैं पढ़ाई और क्रिकेट खेलने के लिए आयरलैंड चला गया। शुरू में जिंदगी थोड़ी बदल गई थी क्योंकि आयरलैंड में सबकुछ खुद से ही करना है। यहां एक स्टोर में काम करता था। छुट्टी के दिन क्रिकेट खेलता था। कोई जानता था नहीं था। अपनी पहचान बनाई। आयरलैंड की राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने में मुझे 12 साल लग गए।
-आजकल भारत में भाई-भतीजावाद पर काफी चर्चा हो रही है। क्या आपको आयरलैंड में इससे दो-चार होना पड़ा?
-भारत में क्रिकेट का स्तर कुछ और है, आयरलैंड में कुछ और। भारत में हम अपने घर में होते हैं और समर्थन देने के लिए सभी होते हैं। कोई और चिंता नहीं होती सिर्फ क्रिकेट खेलना होता है। विदेश में आपको वीजा, खाना आदि चीजों की चिंता होती है। हालांकि यहां चीजें काफी ठीक हैं। उदाहरण के तौर पर मैं बाहर से आकर यहां की टीम में खेल रहा हूं। यहां के लोकल खिलाड़ी बचपन से यहां खेल रहे हैं, ऐसे में उनको हटाकर आगे आना मुश्किल होता है लेकिन अगर आप अच्छा खेलते हो और अच्छे खिलाड़ी हो तो यहां भाई-भतीजावाद नहीं है।