Move to Jagran APP

वनडे क्रिकेट में क्यों पहली गेंद खेलना पसंद नहीं करते थे सचिन तेंदुलकर, इन आंकड़ों ने दी गवाही

सचिन तेंदुलकर अक्सर वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली गेंद खेलना पसंद नहीं करते थे। इस बात को वीरेंद्र सहवाग के बाद सौरव गांगुली ने भी माना है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 01:00 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 01:00 PM (IST)
वनडे क्रिकेट में क्यों पहली गेंद खेलना पसंद नहीं करते थे सचिन तेंदुलकर, इन आंकड़ों ने दी गवाही
वनडे क्रिकेट में क्यों पहली गेंद खेलना पसंद नहीं करते थे सचिन तेंदुलकर, इन आंकड़ों ने दी गवाही

नई दिल्ली, जेएनएन। कुछ सालों पहले भारतीय टीम के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने खुलासा किया था कि क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर पारी की पहली गेंद को खेलना पसंद नहीं करते हैं। कितना भी सचिन से कहा जाए, लेकिन वे हमेशा नॉनस्ट्राइक पर रहना पसंद करते हैं। वीरू के बाद अब भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और सचिन तेंदुलकर के साथ दर्जनों बार पारी की शुरुआत करने वाले सौरव गांगुली ने भी यही दावा किया है कि सचिन पहली गेंद खेलने से कतराते थे।

loksabha election banner

सौरव गांगुली ने कहा था कि सचिन तेंदुलकर के पास पारी की पहली गेंद को नहीं फेस करने के लिए दो जवाब रहते थे। गांगुली बताते हैं, "सचिन कहते थे कि अगर उनकी फॉर्म अच्छी चल रही है तो उनको दूसरे छोर पर रहना चाहिए। वहीं, अगर उनकी फॉर्म खराब चल रही है तो भी वे नॉन-स्ट्राइक पर ही रहना पसंद करते थे।" हालांकि, गांगुली और सहवाग दोनों ने ही सचिन को पहली गेंद खेलने के लिए कई बार मजबूर कर दिया था, क्योंकि सहवाग और गांगुली पहले नॉन-स्ट्राइक पर पहुंच जाते थे।

हालांकि, सचिन तेंदुलकर के आंकड़ों पर एक सरसरी नज़र डालने से पता चलता है कि भारत के पूर्व बल्लेबाज ने कभी भी बेहतरीन प्रदर्शन नहीं किया, जब उन्होंने पहली गेंद पर स्ट्राइक ली। सलामी बल्लेबाज के रूप में 344 पारियों में से सचिन तेंदुलकर ने सिर्फ 49 बार पहली गेंद का सामना किया है, जिसमें उन्होंने 1625 रन बनाए हैं। इसके विपरीत इन मैचों में 48.29 का उनका एकदिवसीय औसत 36.11 फिसल गया। इससे पता चलता है कि उनका रिकॉर्ड नंबर एक पर ज्यादा अच्छी नहीं था।

आपको बता दें, पारी की पहली गेंद खेलते हुए तेंदुलकर ने अपने करियर में सिर्फ दो शतक जड़े हैं, जिनमें एक शतक 1999 में श्रीलंका के खिलाफ(120 रन) था, जबकि दूसरा शतक साउथ अफ्रीका के खिलाफ (114 रन) था। 1989 में वनडे क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद उनको 1994 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ओपनिंग के लिए प्रमोट किया था, लेकिन दो साल तक उन्होंने पारी की पहली गेंद का सामना नहीं किया था। 1996 के वर्ल्ड कप में उन्होंने पहली बार पारी की पहली गेंद खेली थी और 3 रन पर आउट हो गए थे।

इसी वर्ल्ड कप में एक और बार सचिन ने पारी की पहली गेंद खेली और इस बार 65 रन बनाए, लेकिन फिर वे दो नंबर पर खेलने लगे। वहीं, एक महीने के बाद वे फिर से पहली गेंद खेलने के लिए सामने आए तो 28 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद फिर से 20 पारियों में वे नॉन-स्ट्राइक पर रहे। जब सचिन नॉन-स्ट्राइक पर रहते थे तो उनका औसत 50.31 का रहता। नंबर 2 पर उन्होंने 13685 रन बनाए हैं, जिसमें 43 शतक शामिल हैं। 2004 में आखिरी बार उन्होंने पारी की पहली गेंद खेली थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.