कमाल! जब भी फाइनल मैच खेलने उतरा ये खिलाड़ी, खिताब उन्हीं की टीम ने जीता
वसीम जाफर एक बार फिर से विदर्भ के लिए लकी साबित हुए। उनकी मौजूदगी में इस टीम ने दूसरी बार खिताब जीता।
नई दिल्ली, जेएनएन। विदर्भ ने लगातार दूसरी बार रणजी ट्रॉफी खिताब अपने नाम किया। फाइनल मैच में इस टीम ने सौराष्ट्र को 78 रन से हराकर ये उपलब्धि हासिल की। इस जीत में एक बात खास रही और वो ये कि एक खिलाड़ी जब-जब रणजी ट्रॉफी का फाइनल मैच खेलने उतरा जीत उसी की टीम को मिली। जी हां, हम बात कर रहे हैं 40 वर्षीय बल्लेबाज वसीम जाफर की जो पिछले दो वर्ष ये विदर्भ रणजी टीम का हिस्सा हैं। भारतीय घरेलू क्रिकेट में उन्हें ब्रैडमैन के नाम से जाना जाता है और वो रणजी इतिहास के ऐसे खिलाड़ी हैं जो जब भी फाइनल मैच खेलने उतरे जीत उन्हीं की टीम को मिली यानी उनकी ही टीम ने खिताब अपने नाम किया।
ये हम नहीं आंकड़े और तथ्य साबित करते हैं कि ऐसा क्यों है। वसीम जाफर दसवीं बार किसी टीम की तरफ से रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में खेलने उतरे थे। इससे पहले वो आठ बार मुंबई रणजी टीम की खिताब जीतने वाली टीम का हिस्सा रह चुके हैं और पिछली दो बार से वो विदर्भ टीम का हिस्सा हैं। पिछले सीजन में भी विदर्भ ने रणजी खिताब अपने नाम किया था और इस बार फिर से इस टीम ने ये कमाल दोहरा दिया। यानी जाफर की टीम ने दूसरी बार ये खिताब अपने नाम किया।
वैसे फाइनल मैच में सौराष्ट्र के विरुद्ध जाफर का बल्ला नहीं चला और वो पहली पारी में 23 रन जबकि दूसरी पारी में 11 रन ही बना पाए। वहीं ये सीजन उनके लिए बेहद शानदार रहा। जाफर ने इस रणजी सीजन में कुल 1037 रन बनाए जिसमें चार शतक भी शामिल हैं। वसीम जाफर अब रणजी इतिहास के पहले ऐसे बल्लेबाज बन गए हैं जिन्होंने दो बार रणजी के एक सीजन में एक हजार से ज्यादा रन बनाने में कामयाबी हासिल की है। वो इस सीजन से पहले वर्ष 2008-09 में भी ये कमाल कर चुके थे।
सबसे ज्यादा रणजी खिताब जीतने वाले खिलाड़ी-
12 बार- अशोक मांकड़
11 बार- अजीत वाडेकर
10 बार- मनोहर हार्दिकर
10 बार- दिलीप सरदेसाई
10 बार- वसीम जाफर
जाफर की टीम का फाइनल में प्रदर्शन-
टीम, सत्र, परिणाम
मुंबई, 1996-97, जीत
मुंबई, 1999-00, जीत
मुंबई, 2002-03, जीत
मुंबई, 2003-04, जीत
मुंबई, 2006-07, जीत
मुंबई, 2008-09, जीत
मंुबई, 2009-10, जीत
मुंबई, 2012-13, जीत
विदर्भ, 2017-18, जीत
विदर्भ, 2018-19, जीत
नंबर गेम :
- 61 सत्र तक इंतजार करना पड़ा था विदर्भ को पहला रणजी खिताब जीतने के लिए और अब वह लगातार दो बार खिताब जीत चुका है।
- 03 बार फाइनल में पहुंच चुका है सौराष्ट्र। तीनों ही बार उसे उप विजेता बनकर संतोष करना पड़ा। इससे पहले वह 2012-13 और 2015-16 में भी फाइनल में पहुंचा था और तब दोनों बार मुंबई ने खिताब जीता था।
-12 बार अब आदित्य सरवटे प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पारी में पांच या ज्यादा विकेट ले चुके हैं। इस मैच में उन्होंने पहली पारी में 98 रन देकर पांच और दूसरी पारी में 59 रन देकर छह विकेट झटके।
--11 विकेट 157 रन देकर मैच में लिए आदित्य सरवटे ने। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पहली बार किसी मैच में 10 या ज्यादा विकेट हासिल किए।