जब भारतीय टीम ने जीता हारा हुआ टेस्ट, फॉलोऑन के बाद इन 2 बल्लेबाजों ने बदला मैच का नतीजा
भारतीय टीम ने आज ही के दिन साल 2001 में हारा हुआ टेस्ट मैच बड़े अंतर से जीतकर इतिहास रचा था।
नई दिल्ली, जेएनएन। तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम साल 2001 में भारत दौरे पर आई थी। पहला टेस्ट मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 27 फरवरी से 1 मार्च तक खेला गया, जिसमें मेहमान टीम ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेट से बाजी मार ली। सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच 11 मार्च से 15 मार्च तक कोलकाता के ईडन गार्डेंस स्टेडियम में खेला गया, जिसमें इतिहास रचा गया, क्योंकि भारतीय टीम ने पूरी तरह से हारी हुई बाजी को जीत में बदल दिया था।
दरअसल, 11 मार्च से 15 मार्च तक यानी आज ही के दिन तक साल 2001 में चले कोलकाता टेस्ट मैच में भारतीय टीम पर एक समय पर पारी की हार का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन दो बल्लेबाजों ने भारतीय टीम की जीत की नींव ऐसी रखी, जिसको गिराने के चक्कर में खुद कंगारू टीम ढेर हो गई और लगभग जीता हुआ मैच टीम 171 रन के अंतर से हार गई। इसी के साथ वो टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर हो गई, जिसे बाद में भारत ने 2-1 से जीता।
ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में बनाए 445 रन
इस टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान स्टीव वॉ ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी और स्कोर बोर्ड पर पहली पारी में 445 रन लगा दिए। कंगारू टीम की ओर से कप्तान स्टीव वॉ ने 110 रन, मैथ्यू हैडेन ने 97 रन, जस्टिन लैंगर ने 58 और जेसन गिलेस्पी ने 46 रन की पारी खेली। भारत की ओर से हरभजन सिंह ने 7 विकेट चटकाए। 445 रन के स्कोर के बाद भारतीय टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो घरेलू सरजमीं पर मामला उल्टा पड़ गया।
सौरव गांगुली की कप्तानी वाली भारतीय टीम पहली पारी में 171 रन पर ढेर हो गई। इस पारी में वीवीएस लक्ष्मण ने 59 रन की पारी खेली। इनके अलावा कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल सका। ग्लेन मैग्रा ने 4, जेसन गिलेस्पी, माइकल कास्प्रोविक और शेन वार्न ने 2-2 विकेट चटकाए। ऐसे में 274 रन की बढ़त को देखते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारतीय टीम के सामने फॉलोऑन लागू कर दिया। इस तरह लगातार दूसरी पारी में भारतीय टीम को बल्लेबाजी करने का मौका मिला।
दूसरी पारी में भी भारत को नहीं मिली बड़ी शुरुआत
दूसरी पारी में 52 रन के निजी स्कोर पर भारत को पहला झटका लगा। इसके बाद लगातार अंतरराल पर टीम के विकेट गिरते चले गए। 232 रन पर 4 विकेट गिर चुके थे, लेकिन नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने उतरे वीवीएस लक्ष्मण एक छोर पर जमे हुए थे। इसके बाद बल्लेबाजी करने आए राहुल द्रविड़ ने लक्ष्मण के साथ पारी को आगे बढ़ाया और स्कोर को 300 के पार किया। पहले दोनों खिलाड़ियों ने भारत के स्कोर को 300, फिर 400, फिर 500 और फिर 600 रन के पार किया।
इस स्कोर को देखते हुए लग रहा था कि अब भारतीय टीम मजबूत स्थिति में है। हालांकि, जैसे ही वीवीएस और राहुल द्रविड़ आउट हुए वैसे ही कप्तान गांगुली ने पारी की घोषणा कर दी। उस दौरान भारत का स्कोर 7 विकेट पर 657 रन था। इस तरह ऑस्ट्रेलिया को सामने जीत के लिए 384 रन का लक्ष्य था, लेकिन कंगारू टीम अपनी दूसरी पारी में 212 रन बनाकर ढेर हो गई। इस तरह भारत ने फॉलोऑन खेलने के बावजूद ये मैच 171 रन के बड़े अंतर से जीत लिया और इतिहास रचा।
भारतीय टीम दुनिया की ऐसी तीसरी टीम बनी थी, जिसने फॉलोऑन खेलने के बावजूद मैच बचाया ही नहीं, बल्कि जीता भी। पहली पारी में 7 विकेट चटकाने वाले ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने दूसरी पारी में 6 ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को चलता किया और भारत को मैच जिताया। हालांकि, 58 और 281 रन की दमदार पारी खेलने वाले वीवीएस लक्ष्मण को प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब मिला, लेकिन तीसरे मैच के बाद हरभजन सिंह को मैन ऑफ द सीरीज का खिताब मिला।