जब कॉमेंट्री बॉक्स में भिड़े दो दिग्गज और गावस्कर ने कर दी क्लार्क की बोलती बंद
बेंगलुरू में खिलाड़ियों के बीच मैदान पर तो गहमागहमी हो ही रही थी। इसके साथ ही साथ कॉमेंट्री बॉक्स में बैठे पूर्व खिलाड़ियों और कॉमेंटेटरों के बीच भी वॉकयुद्ध छिड़ गया।
बेंगलुरू, जेएनएन। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्टच मैच रोमांच से भरपूर था। इस मैच में खिलाड़ियों के बीच मैदान पर तो गहमागहमी हो ही रही थी। इसके साथ ही साथ कॉमेंट्री बॉक्स में बैठे दोनों देशों के पूर्व खिलाड़ियों और कॉमेंटेटरों के बीच भी वॉकयुद्ध छिड़ गया।
जैस-जैसे मैच रोमांच के चरम पर पहुंच रहा था। तो कॉमेंट्री बॉक्स का माहौल भी गर्मा रहा था। मैदान पर भारतीय टीम मेहमान ऑस्ट्रेलियाई टीम को पस्त करने में जुटी थी तो कॉमेंट्री बॉक्स में भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क को चारों खाने चित्त करने में लगे हुए थे।
बेंगलुरू टेस्ट मैच के चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने कॉमेंट्री के दौरान भारतीय बल्लेबाजों का मजा लेना चाहा। भारत की दूसरी पारी में जब इशांत शर्मा और रिद्धिमान साहा बल्लेबाज़ी कर रहे थे तब इन दोनों की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलिया को आखिरी विकेट के लिए थोड़ा इंतज़ार कराया। क्योंकि इससे पहले भारतीय टीम के 6 विकेट जल्दी जल्दी गिर गए थे।
माइकल क्लार्क चाहते थे कि ये आखिरी विकेट भी जल्दी गिर जाए। हालांकि अंतिम विकेट गिरा, लेकिन उससे पहले रिद्धिमान साहा और इशांत ने 16 रनों की अहम साझेदारी की। इस दौरान मैच में कमेंट्री कर रहे माइकल क्लार्क ने अपने साथी कॉमेंटेटर सुनील गावस्कर से बातचीत में कहा, ‘अगर ऑस्ट्रेलियाई टीम में ब्रेट ली होते तो वह इशांत शर्मा को इतनी देर तक नहीं टिकने देते।’
गावस्कर ने बंद कराई क्लार्क की बोलती
इस दौरान ब्रेट ली भी कमेंट्री बॉक्स में मौजूद थे और क्लार्क ने गावस्कर से मजाक में कहा कि वो चाहें तो ब्रेट ली को खेलने का मौका दिलाकर देख लें। सुनील गावस्कर शांति के साथ माइकल क्लार्क की बात सुन रहे थे। क्लार्क की बात खत्म होते ही उन्होंने तुरंत हाजिरजवाबी दिखाते हुए पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को ऐसा जवाब दिया कि क्लार्क की बोलती बंद हो गई। गावस्कर ने कहा, ‘राहुल द्रविड़ का घर एम चिन्नास्वामी स्टेडियम से मात्र 10 किमी की दूरी पर स्थित है। अगर वह बल्लेबाजी के लिए आ गए तो ब्रेट ली को आसानी से गेंदबाजी नहीं करने देंगे। क्या मैं उन्हें बुला लूं?