जब गावस्कर ने जड़ा था अपना पहला टेस्ट शतक, 21 मार्च 1971 को खेली थी पहली शतकीय पारी
ब्रैडमैन के 29 शतकों के टेस्ट रिकॉर्ड तो टूटने में 35 साल लग गए और उस रिकॉर्ड को भी तोड़ने वाले कोई और नहीं बल्कि लिटिल मास्टर गावस्कर ही थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर से पहले के दौर में जिस भारतीय बल्लेबाज ने दुनिया भर में सम्मान हासिल किया वह सुनील गावस्कर थे। सनी के नाम से मशहूर गावस्कर ने पूरी दुनिया में अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया। इतना ही नहीं, निर्विवाद रूप से सर्वकालीन महानतम बल्लेबाज कहे जाने वाले ऑस्ट्रेलिया के डॉन ब्रैडमैन के 29 शतकों के टेस्ट रिकॉर्ड तो टूटने में 35 साल लग गए और उस रिकॉर्ड को भी तोड़ने वाले कोई और नहीं, बल्कि लिटिल मास्टर गावस्कर ही थे।
सुनील गावस्कर ने 34 टेस्ट शतक बनाए थे और उनके करियर में कई तारीखें ऐसी साबित हुई, जो इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हुई। ऐसी ही एक तारीख आज से 51 साल पहले आई थी, जो उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई थी। असल में वह तारीख थी 21 मार्च 1971, जिस दिन गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट में पहली बार शतक जड़ा और जो बाद में ब्रैडमैन के रिकॉर्ड को तोड़ने के उनके सफर का पहला पड़ाव साबित हुआ। हर किसी के लिए पहला टेस्ट शतक हमेशा खास होता है और गावस्कर के साथ भी ऐसा ही था।
अजित वाडेकर की कप्तानी में 1971 का वेस्टइंडीज दौरा भारतीय क्रिकेट के लिए कई मायनों में अहम साबित हुआ। इसी दौरे ने भारत को सलामी बल्लेबाज के रूप में गावस्कर जैसा रत्न दिया। गावस्कर ने पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए सीरीज के दूसरे टेस्ट में पदार्पण किया था और दोनों पारियों में अर्धशतक जड़े थे। भारत ने यह टेस्ट सात विकेट से जीता था, जो कैरेबियाई सरजमीं पर भारत की पहली जीत थी। इस सीरीज का तीसरा टेस्ट 19 मार्च को जॉर्जटाउन में शुरू हुआ था। दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन गावस्कर 48 रन बनाकर नाबाद लौटे थे। तीसरे दिन यानी 21 मार्च को अब सभी की नजरें गावस्कर पर टिकी थीं। खुद गावस्कर के साथ-साथ सभी को उनके शतक का इंतजार था।
गावस्कर ने पहले अपना अर्धशतक पूरा किया और लगातार तीसरी टेस्ट पारी में 50 के स्कोर को पार करने की उपलब्धि हासिल की। गावस्कर यहीं नहीं रुके और अपने अर्धशतक को शतक में बदलते हुए टेस्ट क्रिकेट में पहली पारी तीन अंकों में पहुंचने की उपलब्धि हासिल की। गावस्कर इस पारी में कुल 116 रन बनाकर आउट हुए और फिर टेस्ट की दूसरी पारी में भी नाबाद 64 रन बनाए। अंत में यह टेस्ट मैच ड्रॉ रहा था, लेकिन इस सीरीज को भारत जीतने में सफल रहा था, जो कैरेबियाई धरती पर भारत की पहली सीरीज जीत थी। पहले टेस्ट शतक के बद गावस्कर ने 33 और टेस्ट शतक जड़े, लेकिन इस पहले शतक के बाद ही उन 33 शतकों की गिनती शुरू होती है।