Move to Jagran APP

MSD से पहले सुनील गावस्कर भी खराब अंपायरिंग पर हो चुके हैं गुस्सा, जानें तब क्या हुआ

पहले भी कई बार ऐसा देखा गया है कि अंपायरों के खराब फैसले से आहात होकर खिलाड़ियों ने इसका विरोध किया है और एमएस धौनी जैसे कदम उठाए हैं।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 05:26 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 12:28 AM (IST)
MSD से पहले सुनील गावस्कर भी खराब अंपायरिंग पर हो चुके हैं गुस्सा, जानें तब क्या हुआ
MSD से पहले सुनील गावस्कर भी खराब अंपायरिंग पर हो चुके हैं गुस्सा, जानें तब क्या हुआ

नई दिल्ली, जेएनएन।  IPL  2019 के 25 वें मैच में कुछ ऐसा देखने को मिला जिसे देखकर हर कोई हैरान हो गया। चेन्नई को मैच के आखिरी ओवर जीत के लिए 18 रन बनाने थे। इस वक्त महेंद्र सिंह धौनी (ms dhoni) और रवींद्र जडेजा(ravindra jadeja) क्रीज पर थे। जडेजा ने बेन स्टोक्स की पहली गेंद पर छक्का लगया। अगली गेंद नोबॉल रही। इसपर एक रन बना और धौनी स्ट्राइक पर आ गए। धौनी अगली गेंद (फ्री-हिट) पर दो रन बनाने में कामयाब रहे। इसके बाद अगली गेंद पर आउट हो गए। इसके बाद मिचेल सैंटनर बल्लेबाजी करने आए। सैंटनर ने को स्टोक्स ने फुलटॉस बॉल फेंकी और यह गेंद उनके कमर से उपर थी। इसके बाद विवाद हुआ और गुस्से में धौनी मैदान पर आ गए और अंपयारों से उनकी बहस हो गई। दरअसल फेसिंग अंपायर उल्हास गंधे ने इसे नो-बॉल दे दिया, लेकिन लेग अंपायर ब्रुस ऑक्सनफोर्ड ने इसका इशारा नहीं किया था और उनके ये सही गेंद थी। बहरहाल धौनी की टीम को अंत में जीत मिल गई और उन्हें सजा।  

loksabha election banner

हालांकि, यह पहला ऐसा मौका नहीं है जब कोई क्रिकेटर ने ऐसा किया हो। इससे पहले भी कई बार ऐसा देखा गया है कि अंपायरों के खराब फैसले से आहात होकर खिलाड़ियों ने इसका विरोध किया है और धौनी जैसे कदम उठाए हैं। यही नहीं विश्व के महानतन खिलाड़ियों में शुमार भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर भी एक बार ऐसा कर चुके हैं। ये घटना 1981 में हुए ऑस्ट्रेलिया-भारत के बीच मेलबर्न टेस्ट मैच की है।

इस मैच में तेज गेंदबाज डेनिस लिली के एक गेंद गावस्कर के पैड पर लगी। अंपयार रेक्स वाइटहेट ने उन्हें आउट दे दिया। इस दौरान गावस्कर ने अंपायर को बैट से इशारा करके यह बताने की कोशिश की कि गेंद पहले बल्ले पह लगी है और वो आउट नहीं हैं। इस फैसले से नाखुश गावस्कर पवेलियन जाने लगे। तभी गेंदबाज लिली ने उन्हें कुछ कह दिया। इसके बाद गावस्कर को गुस्सा आ गया और वे अपने साथी बल्लेबाज चेतन चौहान के साथ पवेलियन की ओर आने लगे। इसके बाद उस समय के भारतीय टीम के मैनेजर एसएके दुर्रानी ने सीमा रेखा के पास जाकर चौहान को मैदान से बाहर आने से रोक दिया और उनके साथ नए बल्लेबाज को बल्लेबाजी करने भेजा। गावस्कर ने कुछ समय पहले ही इस घटना पर खेद जताया था। उन्होंने कहा था कि उनहें ऐसा नहीं करना चाहिए था। 

पिछले साल निदहास ट्राफी में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था। श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच खेले गए  इस मैच में अंपायर के फैसले से नाखुश बांग्लादेशी कप्तान शाकिब-अल -हसन ने अपने खिलाड़ियों को वापस आने को कहा था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.