145 साल के टेस्ट इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा, इंग्लैंड ने श्रीलंका के खिलाफ बनाया ये रिकॉर्ड
145 साल के टेस्ट क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी टीम के सारे विकेट एक ही तरीके के गेंदबाजों ने हासिल किए। इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने पहली पारी में श्रीलंका को ऑलआउट किया जबकि दूसरी पारी में सभी विकेट स्पिनर के खाते में गए
नई दिल्ली, जेएनएन। इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच खेली जा रही दो मैचों की टेस्ट सीरीज में कुछ ऐसा हुआ जो इससे पहले कभी भी किसी टेस्ट मैच के दौरान नहीं हुआ था। गॉल में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट की दोनों पारियों में श्रीलंका की टीम खास तरीके से ऑलआउट हुई। इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में श्रीलंका ने 381 रन बनाए जबकि दूसरी पारी महज 126 रन पर सिमट गई।
145 साल के टेस्ट क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी टीम के सारे विकेट एक ही तरीके के गेंदबाजों ने हासिल किए। इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने पहली पारी में श्रीलंका को ऑलआउट किया जबकि दूसरी पारी में सभी विकेट स्पिनर के खाते में गए। इससे पहले टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा कभी भी नहीं हुआ था।
पहली पारी में एंडरसन का कहर
38 साल के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने श्रीलंका के खिलाफ पहली पारी में 6 विकेट चटकाए। किसी टेस्ट की एक पारी में 5 विकेट चटकाने वाले वह दुनिया के सबसे उम्र दराज गेंदबाज बने। 29 ओवर में 40 रन देकर उन्होंने 6 विकेट हासिल किए। इसके अलावा तीन विकेट मार्क वुड जबकि एक सैम कुर्रन ने लिए। ये तीनों ही तेज गेंदबाज हैं और श्रीलंका की पूरे 10 विकेट तेज गेंदबाजों ने चटकाए।
Sri Lanka are all out for 126 👀
Jack Leach and Dom Bess snare four scalps each ☝️
England need just 164 runs to win the second Test!#SLvENG ➡️ https://t.co/3ZC7G8CMYp" rel="nofollow pic.twitter.com/W2AVUE2vNM— ICC (@ICC) January 25, 2021
दूसरी पारी में बेस और जैक का कमाल
श्रीलंका के खिलाफ दूसरी पारी में डॉम बेस और जैक लीच ने स्पिनर का ऐसा जाल बुना जिसने टीम को महज 126 रन पर ढेर कर दिया। बेस ने 16 ओवर में 49 रन देकर 4 जबकि लीच ने 14 ओवर में 59 रन देकर 4 बल्लेबाजों को आउट किया। जो विकेट जो रूट ने हासिल किए। दूसरी पारी में सभी 10 विकेट स्पिनर गेंदबाजों को मिले जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
145 साल में पहली पहली बार हुआ ऐसा
श्रीलंका की टीम के पहली पारी में 10 विकेट तेज गेंदबाजों ने हासिल किए जबकि दूसरी पारी में पूरी टीम स्पिन गेंदबाजों का शिकार बनी। 1876 में टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत हुई थी लेकिन आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ था कि किसी एक पारी में एक ही तरह के गेंदबाजों ने सारे विकेट हासिल किए हों।