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सौरव गांगुली ने अपने इस गुरु की पकड़ी राह, अब अपने स्टाइल में काम करेंगे 'दादा'

सौरव गांगुली ने अपने गुरु की राह पकड़ली है। बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया को अपना गुरु मानने वाले गांगुली अप अपने स्टाइल में काम करेंगे।

By Vikash GaurEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 10:24 AM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 10:24 AM (IST)
सौरव गांगुली ने अपने इस गुरु की पकड़ी राह, अब अपने स्टाइल में काम करेंगे 'दादा'
सौरव गांगुली ने अपने इस गुरु की पकड़ी राह, अब अपने स्टाइल में काम करेंगे 'दादा'

कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ।  कहते हैं इतिहास खुद को दोहराता है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) पर लंबे समय तक जगमोहन डालमिया की बादशाहत रही और अब सौरव गांगुली की दादागिरी चलने वाली है। हालांकि, दादा का कार्यकाल बहुत कम समय के लिए हैं, लेकिन टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में शुमार सौरव डालमिया के परम शिष्य माने जाते हैं।

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पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के निधन के बाद सौरव गांगुली ने उनकी विरासत को आगे बढ़ाते हुए बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) का अध्यक्ष पद संभाला था और अब उनके नक्शेकदम पर बीसीसीआइ की शीर्ष कुर्सी पर काबिज होने जा रहे हैं। बीसीसीआइ अध्यक्ष के लिए नामांकन के दौरान गांगुली गुरु डालमिया को याद करके भावुक हो गए थे और कहा था कि वे मेरा पितातुल्य थे।

दादा अपने स्टाइल में करेंगे काम

बंगाल क्रिकेट संघ के एक अधिकारी ने जागरण से बात करते हुए बताया कि दादा के काम करने का अपना एक स्टाइल है, जिससे वे किसी तरह का समझौता करना पसंद नहीं करते। कैब अध्यक्ष के तौर पर उनकी सफलता की यह एक बड़ी वजह रही है। जाहिर है कि वह बीसीसीआइ में भी अपने तरीके से ही काम करना चाहेंगे। चूंकि वे काफी समय तक बीसीसीआइ से जुड़े रहे हैं, इसलिए वहां की काम करने की शैली से भली-भांति परिचित हैं।

मेहनती हैं गांगुली

कोलकाता के ईडन गार्डेंस स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय व आइपीएल मैचों के आयोजन के समय सौरव जितने सक्रिय रहते हैं, उतना कोई नहीं रहता। सौरव को 10 महीने ही मिलेंगे, लेकिन उम्मीद है कि वह इस छोटी सी अवधि में भी कमाल कर दिखाएंगे। कारण, उनके काम करने की शैली बेहद ईमानदार है। दादा टीम से जुड़े मामलों पर हमेशा बेबाकी से बोलते आए हैं।

कई खिलाड़ियों की उन्होंने खुलकर वकालत भी की है। ऐसे में उन खिलाड़ियों के लिए संभावनाएं बढ़ सकती हैं।भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज कप्तान सौरव गांगुली का बीसीसीआइ अध्यक्ष बनना बंगाल के क्रिकेटरों के लिए फायदेमंद तो है, लेकिन उन्हें मैदान में शानदार प्रदर्शन कर अपनी काबिलियत भी साबित करनी होगी। इसके बाद ही उनके लिए मौके बनेंगे। वैसे भी गांगुली खेल को ज्यादा महत्व देते हैं।  


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