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सैम कुर्रन ने 35 साल बाद लिया भारत से अपने पिता का बदला, बना दिया ये रिकॉर्ड

कुर्रन ने पहले टेस्ट मैच में अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से टीम इंडिया की कमर ही तोड़ दी थी। उन्हें बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sun, 05 Aug 2018 12:36 PM (IST)Updated: Mon, 06 Aug 2018 08:43 AM (IST)
सैम कुर्रन ने 35 साल बाद लिया भारत से अपने पिता का बदला, बना दिया ये रिकॉर्ड
सैम कुर्रन ने 35 साल बाद लिया भारत से अपने पिता का बदला, बना दिया ये रिकॉर्ड

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय कप्तान विराट कोहली की शानदार प्रदर्शन के बावजूद भी टीम इंडिया को एजबेस्टन टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले 20 वर्षीय सैम कुर्रन को मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाज़ा गया। कुर्रन ने इस मैच में अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से टीम इंडिया की कमर ही तोड़ दी थी। उन्हें बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया और वो सबसे कम उम्र में ये खिताब पाने वाले खिलाड़ी भी बन गए।

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कुर्रन ने बनाया ये रिकॉर्ड

इस खिलाड़ी ने बल्लेबाज़ करते हुए इंग्लैंड की पहली पारी में 24 रन बनाए। जब ये खिलाड़ी गेंदबाज़ी करने आया तो इसने भारतीय बल्लेबाज़ों की नाक में दम करते हुए भारत के ऊपरी क्रम को ध्वस्त कर दिया। भारत की पहली पारी में कुर्रन ने चार विकेट लिए। इंग्लैंड के लिए दूसरी पारी में कुर्रन ने बल्लेबाज़ करते हुए अर्धशतक जमाया और अपनी टीम को मुश्किलों ले निकालते हुए 63 रन की पारी खेली। फिर गेंदबाज़ करते हुए भारत की दूसरी पारी में कुर्रन ने लोकेश राहुल का कीमती विकेट भी चटकाया। कुर्रन के दमदार प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का खिताब भी दिया गया। इसके साथ ही सैम कुर्रन टेस्ट मैच में सबसे कम उम्र में मैन ऑफ द मैच बनने वाले खिलाड़ी बन गए।

ऐसे लिया पिता का बदला 

सैम कुर्रन के पिता भी केविन कुर्रन भी क्रिकेटर थे और वो ज़िम्बाब्वे के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते थे। साल 1983 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में इंडिया टीम का मुकाबला जिम्बाब्वे की टीम से हुआ था। ये वही ऐतिहासिक मैच था जिसमे कपिल देव ने नाबाद 175 रन की यादगार पारी खेली थी। इस मैच में विपक्षी टीम के केविन कुर्रन और रॉसन के 3-3 विकेट लिए, लेकिन कपिल देव की पारी की बदौलत टीम इंडिया ने 266/8 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था। इसके लक्ष्य का पीछा करने उतरी जिम्बाब्वे की टीम 235 रन पर ही ऑल आउट हो गई थी। सैम कुर्रन के ऑलराउंडर पिता केविन ने भी 63 रन बनाए, मगर वह अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके थे।

अब उनकी हार का बदला सैम कुर्रन ने इंग्लैंड की धरती पर कुछ उसी तरह अपनी टीम को जीत दिलाकर ले लिया। आपको बता दें कि सैम कुर्रन के पिता केविन का साल 2012 में निधन हो चुका है।

विरासत में मिला क्रिकेट

सैम कुर्रन के पिता केविन के अलावा उनके दादा केपी कुर्रन भी जिम्बाब्वे के खिलाड़ी थे। वहीं, सैम के बड़े भाई टॉम और बेन कुर्रन भी इग्लैंड के लिए खेलते हैं। टॉम ने अब तक दो टेस्ट मैचों समेत 8 वनडे और 6 टी-20 मैच खेले हैं। वे कोलकाता नाइट राइडर्स टीम के लिए भारत में आइपीएल खेलने आ चुके हैं।

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