विश्व कप डायरी: 1992 में इमरान ने पाकिस्तान को दिलाया विश्व कप खिताब
भले ही पाकिस्तान की टीम भारत को टूर्नामेंट में नहीं हरा पाई लेकिन विश्व कप अपने नाम जरूर किया।
1992 विश्व कप :
दुनिया के महानतम ऑलराउंडरों में शुमार इमरान खान ने संन्यास के बाद वापसी की और पाकिस्तान को पहली बार 1992 में विश्व कप का खिताब दिलाया था। यह विश्व कप का पांचवां संस्करण था। इस विश्व कप का आयोजन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में आयोजित किया गया था। भले ही पाकिस्तान की टीम भारत को टूर्नामेंट में नहीं हरा पाई, लेकिन विश्व कप अपने नाम जरूर किया। मुहम्मद अजहरुद्दीन की कमान में भारत का विश्व कप में प्रदर्शन बेहद ही शर्मनाक रहा और टीम आठ में से सिर्फ दो मैच जीतकर ग्रुप स्तर से ही बाहर हो गई।
हमारा प्रदर्शन
टूर्नामेंट में भारत की शुरुआत खराब रही और उसे अपने पहले ही मैच में इंग्लैंड से नौ रन से हार मिली। इसके बाद श्रीलंका के खिलाफ दूसरा मैच बारिश के कारण रद हो गया। फिर तीसरे मैच में भी भारतीय टीम का हार का सिलसिला जारी रहा और इस बार उसे ऑस्ट्रेलिया ने बारिश से बाधित मैच में एक रन से हरा दिया। मुहम्मद अजहरुद्दीन ने 93 गेंदों में 103 रनों की शतकीय पारी खेली थी। फिर चौथे मैच में भारत ने पाकिस्तान को 43 रनों से हराकर टूर्नामेंट में अपनी पहली जीत हासिल की। सचिन ने इस मैच में नाबाद 54 रन और एक विकेट लिया था जिसके लिए उन्हें मैन आफ द मैच दिया गया। इसके अगले मैच में भी सचिन का जलवा रहा और उनके दम पर भारत ने जिंबाब्वे को 55 रनों से हरा दिया था। मैन ऑफ द मैच सचिन ने 81 रन बनाए जबकि एक विकेट भी निकाला। हालांकि भारत अपना छठा मैच न्यूजीलैंड से चार विकेट से हार गया। इस मैच में भी सचिन ने 84 रन बनाए।
पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने 50 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 262 रनों का मजबूत स्कोर खड़ा किया। जवाब में पाकिस्तान की टीम ने 49 ओवरों में छह विकेट के नुकसान पर लक्ष्य को हासिल किया। दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच दूसरा सेमीफाइनल बारिश के कारण 45-45 ओवरों का किया गया और इंग्लैंड ने छह विकेट के नुकसान पर 252 रन बनाए। जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम को जब 13 गेंदों में 22 रनों की जरूरत थी तब मैच में बारिश ने बाधा डाली। एक घंटे की बारिश के बाद जब खेल फिर से शुरू हुआ तब दक्षिण अफ्रीका को एक गेंद में 21 रनों का असंभव 'संशोधित लक्ष्य' मिला जिसके चलते इंग्लैंड ने आसानी से 19 रन से जीत हासिल की। दक्षिण अफ्रीका ने 232/6 का स्कोर किया था। हालांकि इस मैच में डकवर्थ लुइस नियम की कड़ी आलोचना की गई थी।
25 मार्च को मेलबर्न के मैदान पर पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच फाइनल मुकाबला खेला गया। पाकिस्तान ने छह विकेट पर 249 रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड की टीम 227 रनों पर ऑलआउट हो गई। पाकिस्तान के वसीम अकरम को उनके ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए (33 रन तथा तीन विकेट ) के लिए 'मैन ऑफ द मैच' पुरस्कार के लिए चुना गया।
- इस विश्व कप में नया -
- न्यूजीलैंड के कप्तान मार्टिन क्रो ने नया प्रयोग करते हुए नई गेंद से स्पिनर को गेंदबाजी कराई।
- इस टूर्नामेंट में युवा बल्लेबाज भारत के सचिन तेंदुलकर, पाकिस्तान के इंजमाम उल हक और वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा पहली बार खेल रहे थे।
- इस टूर्नामेंट में पहली बार सभी टीमें रंगीन कपड़े पहनकर उतरी थीं।
- पहली बार लाल रंग की बजाय सफेद रंग की गेंद से मुकाबले खेले गए।
- फ्लड लाइट में विश्व कप के मुकाबले खेले गए और साथ ही काली साइट स्क्रीन का इस्तेमाल किया गया।
- रंगभेद की नीति के कारण लगी पाबंदी हटने के बाद दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार इस विश्व कप में हिस्सा लिया।
सुपरमैन रोड्स-
दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान के बीच मैच में जोंटी रोड्स ने सुपरमैन बनते हुए पाक के इंजमाम उल हक को रन आउट कर दिया। इंजमाम रन चुराने के लिए अपनी क्रीज छोड़कर आगे निकले ही थे कि तभी रोड्स हवा में उड़ते हुए गेंद पर झपटे और स्टंप बिखेर दिए। इंजमाम को रन आउट होकर पवेलियन लौटना पड़ा। इस टूर्नामेंट में क्षेत्ररक्षण को नए आयाम मिले।
09 टीमें : भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, वेस्टइंडीज, पाकिस्तान, जिंबाब्वे और दक्षिण अफ्रीका।
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