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मैदान पर अपने खिलाड़ियों के अनुशासन को लेकर धौनी ने कही ये बड़ी बात

धौनी ने साथी खिलाड़ियों को ये मैसेज भेजा था कि जीत के बाद उत्साहित होकर उत्तेजना के साथ जश्न मनाने के लिए मना किया था।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 09:28 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jul 2018 07:12 AM (IST)
मैदान पर अपने खिलाड़ियों के अनुशासन को लेकर धौनी ने कही ये बड़ी बात
मैदान पर अपने खिलाड़ियों के अनुशासन को लेकर धौनी ने कही ये बड़ी बात

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को उनके शांत स्वभाव के लिए हमेशा जाना जाता रहा है। उनके इसी स्वभाव के चलते फैंस उन्हें कैप्टन कूल के नाम से भी बुलाते थे। पत्रकार भरत सुंदरसेन ने अपनी किताब में पूर्व कप्तान धौनी से जुड़ी प्रेरणादाई घटनाओं का वर्णन किया है। उन्होंने इस किताब में धौनी के साल 2008 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे का जिक्र किया है कि, जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया तो धौनी ने खिलाड़ियों को उत्साहित होकर जश्न मनाने से रोक दिया था।

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इस मैच में रिकी पोंटिंग की अगुवई में ऑस्ट्रेलियाई टीम को भारतीय टीम ने मात्र 159 रनों पर ही ढेर कर दिया था, जवाब में 160 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम के बल्लेबाज रोहित शर्मा और धौनी क्रीज पर थे और भारत को जीत के लिए बस 10 रनों की जरूरत थी तभी धौनी ने अपने ग्लव्स बदले आपको बता दें कि क्रिकेट के खेल में आम तौर पर कोई मैसेज ड्रेसिंग रूम तक पहुंचाने के लिए ऐसा किया जाता है। धौनी ने भी ड्रेसिंग रूम में संदेश पहुंचाने के लिए उस समय ग्लव्ज चेंज किए थे। धौनी ने साथी खिलाड़ियों को ये मैसेज भेजा था कि जीत के बाद उत्साहित होकर उत्तेजना के साथ जश्न मनाने के लिए मना किया था।

अपने साथ बल्लेबाजी कर रहे रोहित शर्मा से भी उन्होंने यही कहा था कि ज्यादा खुशी के साथ जश्न मनाने पर ऑस्ट्रेलियाई टीम इस हार पर निराश होगी और आगामी मैचों में बदला लेने के उद्देश्य से मैदान पर उतरेगी। यह मैच धौनी की कप्तानी का 15वां मैच था। लेकिन यहां जीत के बाद भी शांत रहकर अपनी परिपक्वता का परिचय दिया साथ ही उन्होंने ने अपनी टीम के खिलाड़ियों को यह भी बताया कि हम मेजबान खिलाड़ियों को यह बताना चाहते हैं कि यह पहली बार नहीं हो रहा है बल्कि अब यह बार-बार होने वाला है।

इस मुकाबले में भारतीय तेज गेंदबाजों ने कमाल की गेंदबाजी करते हुए मेजबान टीम को महज 159 रनों पर ही ढेर कर दिया था। भारत की ओर से इरफान पठान और श्रीसंत की जोड़ी ने 9 विकेट चटकाए थे। धौनी हर फैसले को अलग तरह को लेते थे और वो नहीं चाहते थे कि भारतीय खिलाड़ी जीत के जश्न में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को मां-बहन की गालियां दें। धौनी के जैसी सोच बहुत कम क्रिकेटर्स में दिखाई देती है। मौजूदा दौर के क्रिकेट कप्तानों की बात करें तो वो मैदान पर आए दिन स्लेजिंग करते रहते हैं। ‘द धोनी टच’ नामकी इस किताब में क्रिकेट मैदान से जुड़े धौनी के कई किस्सों को शेयर किया गया है।

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