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ऐसे ही कोई 'लेडी तेंदुलकर' नहीं बन जाता, मिताली राज की तरह करने पड़ते हैं ये काम

बचपन में क्रिकेट का बल्ला थामने से पहले मिताली भरतनाट्यम सीख रही थीं। वो नृत्यांगना बनना चाहती थीं।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Mon, 03 Dec 2018 11:38 AM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 12:05 PM (IST)
ऐसे ही कोई 'लेडी तेंदुलकर' नहीं बन जाता, मिताली राज की तरह करने पड़ते हैं ये काम
ऐसे ही कोई 'लेडी तेंदुलकर' नहीं बन जाता, मिताली राज की तरह करने पड़ते हैं ये काम

नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। भारतीय क्रिकेट की ‘लेडी तेंदुलकर’ कही जाने वाली मिताली राज का आज जन्मदिन है। 3 जिसंबर 1982 को जोधपुर में जन्मी मिताली ने भारतीय टीम को बहुत सी यादगार जीत दिलाई हैं। तभी तो उन्हें भारतीय महिला टीम की तेंदुलकर कहा जाता है। मिताली राज भारतीय महिला क्रिकेट की ‘सुपरस्टार खिलाड़ी’ हैं। मिताली राज का आज 36वां जन्मदिन है। हालांकि इन दिनों उनका नाम कोच के साथ विवाद को लेकर सुर्खिया बटोर रहा है।

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मिताली ने हाल ही वेस्टइंडीज में हुए वर्ल्ड टी-20 में दो हाफ सेंचुरी लगाई थीं, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में उन्हें मौका नहीं दिया गया था। भारत को इस मैच में हार का सामना करना पड़ा था जिसके बाद टीम प्रबंधन के फैसले को लेकर काफी विवाद हुआ था।

10 साल की उम्र से खेल रही क्रिकेट

3 दिसंबर 1982 को राजस्थान के जोधपुर में एक तमिल परिवार में मिताली का जन्म हुआ। 10 साल की उम्र में मिताली ने क्रिकेट खेलना शुरू किया। और 7 साल बाद वह भारतीय टीम का हिस्सा थीं। अपने पहले ही वनडे इंटरनैशनल मैच में उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ सेंचुरी लगा दी थी। यह साल 1999 था जब आयरलैंड के खिलाफ मिताली ने 14 रनों की नाबाद पारी खेली थी।

2002 में हुआ टेस्ट डेब्यू

मिताली ने साल 2002 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। इसके बाद करियर के तीसरे टेस्ट में मिताली ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट की सबसे लंबी पारी खेलकर विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। इस मैच में उन्होंने 407 गेंदों में 19 चौके की मदद से 214 रन की शानदारी पारी खेली थी। 598 मिनट मैदान पर वह टिकी रहीं। इस मामले में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के केरन रोल्टन के 209 रनों का रिकॉर्ड तोड़ा था।

कोहली से भी आगे है मिताली

मिताली का टी-20 इंटरनेशनल मैचों में प्रदर्शन सबसे शानदार रहा है। 85 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मुकाबले में मिताली ने 37 की औसत से 2283 रन बनाए हैं। यह भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के दो दिग्गज खिलाड़ियों विराट कोहली और रोहित शर्मा के टी-20 इंटरनेशनल रनों से ज्यादा है।

ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर

मिताली ने अपने करियर में 197 वनडे मैच खेले हैं। इसमें उन्होंने 51 की औसत, 7 शतक और 51 अर्धशतकों की मदद से 6650 रन बनाए हैं। इसके अलावा उन्होंने 10 टेस्ट मैचों में 51 की औसत से 1 शतक और 4 अर्धशतकों के साथ कुल 663 रन बनाए हैं। मिताली वनडे क्रिकेट में 5000 से ज़्यादा रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। इन्हीं रिकॉर्ड्स की वजह से उन्हें ‘महिला क्रिकेट का तेंदुलकर’ कहा जाता है।

बनना चाहती थी नृत्यांगना, बन गईं क्रिकेटर

बचपन में क्रिकेट का बल्ला थामने से पहले मिताली 'भरतनाट्यम' सीख रही थीं। वो नृत्यांगना बनना चाहती थीं। देश-विदेश में अलग-अलग जगह अपनी नृत्य-कला का प्रदर्शन कर लोगों को अपना दीवाना बनाना चाहतीं थीं। लेकिन जब से मिताली ने क्रिकेट का बल्ला थामा तब से नृत्य-कला और मंच को छोड़कर क्रिकेट और मैदान को ही अपनी ज़िंदगी बनाने का फैसला किया। भले ही मिताली नृत्यांगना न बन पाई हों, लेकिन वे अपनी शानदार बल्लेबाज़ी से क्रिकेट के मैदान पर गेंदबाज़ों और फील्डर्स को खूब नाच नाचती आ रही हैं।

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