'एक्शन' के फेर में फंसे जसप्रीत बुमराह को हुआ स्ट्रेस फ्रैक्चर, ये गेंदबाज भी हुए हैं शिकार
Jasprit Bumrah stress fracture जसप्रीत बुमराह एक माइनर स्ट्रेस फ्रैक्चर का शिकार हुए हैं जिसके कारण वे साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए हैं।
नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। Jasprit Bumrah Stress fracture: टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह एक माइनर स्ट्रेस फ्रैक्चर का शिकार हुए हैं। इस चोट के कारण वे साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2 अक्टूबर से शुरू हो रही तीन मैचों की टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए हैं। जसप्रीत बुमराह को ये चोट मैदान पर की गई किसी गलती या फिर किसी और वजह से नहीं, बल्कि उनके खुद के अलग तरह के एक्शन की वजह से लगी है।
महज 12 टेस्ट मैचों में गेंदबाजी कराने के बाद जसप्रीत आइसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर तीन पर पहुंच गए हैं। वहीं, वनडे इंटरनेशनल में जसप्रीत बुमराह की आइसीसी रैंकिंग बतौर गेंदबाज नंबर वन है। ऐसा भी नहीं है कि वे लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने के बाद जसप्रीत बुमराह ने कभी आराम तो कभी छोटी-मोटी इंजरी के कारण कई सीरीज मिस की हैं।
क्रिकेट की दुनिया में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी गेंदबाज को इस तरह की इंजरी का सामना करना पड़ा है। जसप्रीत बुमराह से भी पहले कई ऐसे खिलाड़ी हुए हैं, जो अपने असामान्य बोलिंग एक्शन की वजह से स्ट्रेस फ्रैक्चर का शिकार हुए हैं। ऐसे गेंदबाजों की एक लंबी लिस्ट है, जिसमें लसिथ मलिंगा, ब्रेट ली, इमरान खान, जेसन गिलेस्पी, डेनिस लिली और जेफ थॉमसन जैसे गेंदबाजों का नाम शामिल है।
लसिथ मलिंगा का बोलिंग एक्शन
सभी जानते हैं कि श्रीलंकाई तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा का बोलिंग एक्शन किस तरह का है। लसिथ मलिंगा जेफ थॉमसन के बाद लो एक्शन से स्लिंगर और नीची गेंद फेंकने वाले पहले खिलाड़ी हैं। लो राउंड आर्म एक्शन ने लसिथ मलिंगा को व्हाइट बॉल क्रिकेट का लीजेंड बनाया है, क्योंकि वे डेथ ओवर्स में सबसे अच्छी और सटीक लाइनलेंथ के साथ गेंदबाजी करते हैं।
लसिथ मलिंगा को अपने इस असामान्य से बोलिंग एक्शन की वजह से काफी दिक्कतें भी हुई हैं। शरीर और कमर में पड़ने वाले दबाव के कारण उनके घुटनों ने भी जवाब दे दिया था। इसी वजह से साल 2011 में लसिथ मलिंगा को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ा। यहां तक कि उनकी कमर में हमेशा कोई न कोई शिकायत रही है। इसी कारण से वे साल 2016 के बाद काफी कम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नज़र आए, लेकिन उन्होंने फिर भी अपना एक्शन नहीं बदला।
ब्रेट ली की धार
2000 के दशक में ब्रेट ली ऑस्ट्रेलियाई टीम के स्ट्राइक गेंदबाज थे। ब्रेट ली अनऑर्थोडॉक्स तेज गेंदबाज थे, क्योंकि उनका कमर के नीचे का भाग आगे और ऊपर का भाग पीछे होता था, जो कमर में स्ट्रेस फ्रैक्चर के लिए सबसे बड़ा कारण था। यही वजह थी कि ब्रेट ली को टखने और कोहनी में तमाम सर्जरी हुईं। इसके कारण उन्होंने अपने रनअप को 30 मीटर से 22 मीटर किया, लेकिन रफ्तार कम नहीं की। ब्रेट ली जितने नई गेंद से खतरनाक होते थे उतने ही पुराने गेंद से कहर बरपाते थे।
शेन बॉन्ड दे बेस्ट कीवी पेसर
रिचर्ड हेडली के बाद न्यूजीलैंड के लिए सबसे अच्छा अगर तेज गेंदबाज किसी को माना जाता है तो वे हैं शेन बॉन्ड। उनके पास एक साइड-ऑन एक्शन था, जो काफी तेज और उग्र था, लेकिन नाजुक भी था। इसलिए उन्हें कई बार कमर में स्ट्रेस फ्रैक्चर का सामना करना पड़ा और फिर गेंदबाजी एक्शन भी बदलना पड़ा। कई स्ट्रेस फ्रैक्चर झेलने के बाद भी शेन बॉन्ड अपनी गेंदबाजी की गति कम करने के लिए तैयार नहीं हुए और 18 टेस्ट मैचों के बाद संन्यास ले लिया।
डेनिस लिली एक महान गेंदबाज
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज डेनिस लिली को सर्वकालिक महान गेंदबाजों की सूची में शामिल किया जाता है।डेनिस लिली अपने लंबे और तेज रनअप के साथ एक अलग एक्शन से गेंदबाजी करते थे। लिली को भी तीन बार स्ट्रेस फ्रैक्चर का सामना करना पड़ा था। इसलिए उन्होंने अपना एक अलग फीजियोथेरेपिस्ट रखा था। इसके बाद उन्होंने अपना रनअप कम किया और मजबूती के साथ वापसी की, जिसमें उन्हें अपना बोलिंग एक्शन भी थोड़ा बदलना पड़ा था।
जेफ थॉमसन और लिली की जोड़ी
जेफ थॉमसन और डेनिस लिली की जोड़ी ने विपक्षी टीमों को खूब तंग किया और ऑस्ट्रेलियाई टीम को तमाम मैच जिताई। जेफ थॉमसन क्रिकेट के पहले स्लिंगर थे। ज्वेलिन थ्रोअर रहे थॉमसन ने उसी एक्शन के साथ साल 1975 में 100 mph की रफ्तार से गेंदबाजी की थी। गेंदबाजी के दौरान उनका पैर भी टूटा था और स्ट्रैस फ्रैक्चर का भी सामना करना पड़ा था।
जेसन गिलेस्पी भी हुआ स्ट्रैस फ्रैक्चर के शिकार
ऑस्ट्रेलियाई टीम के एक और धाकड़ गेंदबाज जेसन गिलेस्पी को बैक स्ट्रेस फ्रैक्चर का सामना करना पड़ा था। गिलेस्पी का भी बोलिंग एक्शन आम नहीं था। लंबे रनअप और बोलिंग एक्शन के कारण उनको तमाम चोटें लगीं, जिसमें पैर भी चोटिल हुआ था। इसके अलावा हिप में समस्या और पैर की पिंडलियों में भी खिंचाव की समस्या रही थी। बाद में उन्होंने रनअप कम किया तो फिर आराम मिला।