इस भारतीय खिलाड़ी के घर में दिवाली के बाद भी मनाई जा रही है दीपावली, ये है खास वजह
मैं मैच के दौरान ही योजना बनाता हूं कि मुझे क्या करना है, क्योंकि परिस्थितियां कभी आपके अनुकूल नहीं होती हैं।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। गरीबी किसी प्रतिभा को दबा नहीं सकती है। इसका सबसे ताजातरीन उदाहरण हैं मुहम्मद सिराज जिनके पिता पेशे से ऑटो ड्राईवर हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टी-20 मैचों के लिए चुने गए सिराज इससे पहले आइपीएल नीलामी में चर्चा में आए थे। उसमें हैदराबाद सनराइजर्स ने उन्हें 2.6 करोड़ रुपये में खरीदा था। वह पिछले रणजी सत्र में ज्यादा विकेट लेने के मामले में तीसरे नंबर पर रहे थे। उन्होंने 18.92 के औसत से 41 विकेट चटकाए थे।
हैदराबाद के लिए रणजी मैच खेलने के लिए शिमोगा में मौजूद सिराज ने टीम इंडिया में अपने चयन के बाद कहा कि मेरे घर में असली दिवाली अब शुरू हुई है। मेरे पिता मेरी इस कामयाबी पर बहुत खुश हैं। मेरे सभी रिश्तेदार बहुत खुश हैं और सबने मुझे बधाई दी है। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि 23 साल की उम्र में मैं अपने परिवार की जिम्मेदारी उठा सकता हूं।
जिस दिन मुझे आइपीएल का अनुबंध मिला था उस दिन मैंने अपने पापा से कहा था कि अब उन्हें काम करने की जरूरत नहीं है। आप अभी आराम करो। मैं अपने परिवार को नए घर में भी ले आया हूं। कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच की तैयारी कर रहे सिराज ने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी मैं टीम इंडिया में चुना जाऊंगा। ये मेरे लिए सपने जैसा है। आशीष नेहरा के संन्यास का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे लिए ये बहुत सम्मान की बात है कि नेहरा जैसे महान खिलाड़ी को आखिरी मैच में खेलता देख सकूंगा। मैं खुद को बहुत लकी मानता हूं। मैं कोशिश करूंगा कि अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दूं।
न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन सिराज के साथी खिलाड़ी रह चुके हैं। दोनों सनराइजर्स हैदराबाद टीम की ओर से ही खेलते हैं। विलियमसन के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि मैं कभी भी किसी के लिए कोई योजना नहीं करता। मैं मैच के दौरान ही योजना बनाता हूं कि मुझे कैसी गेंदबाजी करनी है या फिर सामने वाले बल्लेबाज किस तरह की गेंद करनी है। सब मैच के दौरान ही करता हूं क्योंकि परिस्थितियां कभी आपके अनुकूल नहीं होती हैं। उन्होंने भुवनेश्वर कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि भुवी भाई, हमेशा मुझे प्रेरित करते रहे हैं। अगर मुझे लगातार चौके-छक्के लग भी रहे होते हैं तो भुवी भाई मुझे सलाह देते हैं। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है।
सिराज को भले ही आइपीएल से पहचान मिली लेकिन उनका मानना है कि हैदराबाद की तरफ से 2016-17 सत्र के दौरान रणजी ट्राफी में अच्छा प्रदर्शन करने के कारण उन्हें सफलताएं मिली हैं। उन्होंने कहा कि मैं आज जो कुछ भी हूं वह रणजी ट्राफी प्रदर्शन के कारण हूं। पिछले सत्र में मैंने 40 के करीब विकेट लिए जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा। इसके बाद मुझे शेष भारत की टीम में चुना गया और रणजी ट्रॉफी के कारण मुझे आइपीएल का अनुबंध मिला इसलिए इस चयन का 60 प्रतिशत श्रेय प्रथम श्रेणी क्रिकेट के प्रदर्शन को जाता है।