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सिर्फ वांडर्रस ही नहीं, इन मुकाबलों में भी टीम इंडिया पर भारी पड़ी है नो बॉल

ऐसा पहली बार नहीं है जब एक नो बॉल ने भारत के हाथ से जीत छीन ली हो, इससे पहले भी भारतीय गेंदबाज़ अपनी इस गलती की वजह से हार के गुनहगार बन चुके हैं।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Mon, 12 Feb 2018 01:07 PM (IST)Updated: Tue, 13 Feb 2018 07:20 AM (IST)
सिर्फ वांडर्रस ही नहीं, इन मुकाबलों में भी टीम इंडिया पर भारी पड़ी है नो बॉल
सिर्फ वांडर्रस ही नहीं, इन मुकाबलों में भी टीम इंडिया पर भारी पड़ी है नो बॉल

नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। क्रिकेट के खेल में एक एक गेंद काफी अहम होती है। एक गेंद से ही जीत और हार का फैसला हो जाता है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच वांडरर्स में खेले गए चौथे मैच में भी एक नो बॉल ने मैच का पासा पलट दिया। ऐसा पहली बार नहीं है जब एक नो बॉल ने भारत के हाथ से जीत छीन ली हो, इससे पहले भी भारतीय गेंदबाज़ अपनी इस गलती की वजह से हार के गुनहगार बन चुके हैं। चलिए आपको बताते हैं पिछले 2 साल में खेले गए उन मैचों के बारे में जिन्हें टीम इंडिया ने सिर्फ नो बॉल  फेंकने के चलते गंवा दिया।

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अश्विन की गलती ने कराया टी20 विश्व कप से बाहर

मुंबई के वानखेड़े मैदान पर खेला गया यह मुकाबला टी20 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मैच था और सामने थी वेस्टइंडीज की टीम। इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 2 विकेट खोकर 192 रन बनाए। 193 रन की चुनौती का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज़ की टीम को पहला झटका दिया बुमराह ने। जसप्रीत बुमराह ने खतरनाक क्रिस गेल को बोल्ड कर दिया। नेहरा ने भी मार्लन सैमुअल्स को जल्दी आउट कर दिया। इसके बाद बल्लेबाजी करने आए लेंडल सिमंस। कोहली ने सातवां ओवर फेंकने की जिम्मेदारी सौंपी अश्विन को इस ओवर की पांचवीं गेंद पर 18 रन पर खेल रहे लेंडल सिमंस ने एक बड़ा शॉट खेलने की कोशिश की और जसप्रीत बुमराह ने उन्हें शार्ट थर्ड मैन पर कैच आउट कर लिया। लेकिन गेंद फेंकते समय अश्विन का पैर लाइन के बाहर चला गया था तो अंपायर ने इसे नो बॉल करार दिया। अश्विन की एक छोटी सी गलती टीम इंडिया पर काफी भारी पड़ गई लेंडल सिमंस ने 82 रन बनाए और वेस्टइंडीज की टीम ने फाइनल का टिकट कटा लिया।

पांड्या ने अश्विन से नहीं ली सीख 

इसी मुकाबले में आर अश्विन ने लैंडल सिमंस को 18 रन पर एक चांस दिया। इसके बाद सभी को उम्मीद थी कि भारतीय गेंदबाज अपनी इस गलती से सबक लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी मैच में सिमंस को दूसरा जीवनदान भी मिला। जब सिमंस 50 रन पर खेल रहे थे, तो उन्होंने हार्दिक पांड्या के एक गेंद पर जोरदार शॉट लगाया और गेंद सीधे अश्विन के हाथों में चली गई। लेकिन इस बार हार्दिक पांड्या का पैर लाइन से बाहर निकल गया था। अब आप इसे भारतीय टीम कि बदनसीबी कहें या फिर सिमंस की खुशकिश्मती की एक ही मैच में उन्हें दो-दो बार जीवनदान मिला।

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जब बुमराह खुद हो गए गुमराह

2017 में भारत और पाकिस्तान के बीच आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेला जा रहा था। इस मैच में कोहली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला किया। कोहली के इस दांव को सही साबित किया जसप्रीत बुमराह ने जब उन्होंने पाकिस्तान के ओपनर फखर जमां को चौथे ओवर में सिर्फ 3 रन के स्कोर पर ही आउट कर दिया, लेकिन इस गेंदको फेंकते समय बुमराह का पैर लाइन के बाहर चला गया था और नो-बॉल पर विकेट मिलता नहीं है। इसके बाद फखर जमां ने शतक ठोक दिया और पाकिस्तान की टीम ने 4 विकेट खोकर 338 रन बनाए। इस विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया सिर्फ 158 रन पर सिमट गई और भारत 180 रन से मैच हार गया।

बुमराह ने फिर दोहराई ये गलती 

श्रीलंका के खिलाफ रोहित शर्मा को कप्तानी का मौका मिला और भारतीय टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और सिर्फ 112 रन पर ही ढेर हो गई। 113 रन के पीछा करते हुए श्रीलंका की टीम ने गुनाथिलका और थिरिमने का विकेट सस्ते में खो दिया था। श्रीलंका के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी उपुल थरंगा को 11 रन के स्कोर पर दिनेश कार्तिक ने गली में कैच पकड़कर आउट कर दिया था, लेकिन गेंद फेंकते समय बुमराह फिर वहीं गलती कर बैठे थे, जो उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में की थी। इसके बाद थरंगा ने 49 रन की पारी खेली और श्रीलंका ने ये मैच 7 विकेट से जीत लिया। मैच के बाद श्रीलंका के कोच निक पोथास ने भी माना की वो नो बॉल इस लो स्कोरिंग मुकाबले का टर्निंग प्वाइंट रही।

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चहल से भी हुई चूक

वांडर्रस में भारत और द. अफ्रीका के बीच खेले गए चौथे मैच में चहल भी नो बॉल फेंकने की गलती कर बैठे। द. अफ्रीका की पारी का 18वां ओवर चहल ने फेंका और इस ओवर की आखिरी गेंद (17.6) पर उन्होंने डेविड मिलर को चकमा देकर बोल्ड कर दिया। चहल के साथ-साथ टीम इंडिया के खिलाड़ी और भारतीय फैंस भी इस विकेट का जश्न मनाने लगे, तभी अंपायर ने मिलर को रुकने को कहा और टीवी रिप्ले में पता चला कि गेंद फेंकते समय चहल का पैर लाइन से काफी आगे था। इसका मतलब साफ था कि ये नो बॉल थी और मिलर को जीवनदान मिल चुका था। इसके बाद मिलर ने ताबड़तोड़ पारी खेलकर द. अफ्रीका को जीत की राह दिखा दी।

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