मुमकिन नहीं था भारत का जीत पाना, अगर इस खिलाड़ी ने न किया होता ऐसा
क्रिकेट इतिहास में पहली बार भारत ने न्यूज़ीलैंड को टी-20 सीरीज़ में दी मात।
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। आखिरी टी-20 मैच में भारत ने न्यूज़ीलैंड को 6 रन से हराकर 2-1 से सीरीज़ अपने नाम कर ली। इस जीत के साथ ही क्रिकेट इतिहास में पहली बार भारत ने न्यूज़ीलैंड को टी20 सीरीज़ में मात भी दी। भारत के लिए ये श्रृंखला अहम रही और विराट सेना का सिर जीत का सेहरा भी बंधा। तिरुअनंतपुरम में खेला गया तीसरा मैच निर्णायक था और ऐसे में ये सीरीज़ न्यूज़ीलैंड के हाथ भी लग सकती थी अगर जसप्रीत बुमराह ने ऐसा न किया होता।
बुमराह ने किया कीवी बल्लेबाज़ों को गुमराह
बारिश के कारण तीसरा मैच 20 ओवर से घटाकर आठ ओवर प्रति पारी कर दिया गया था। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए आठ ओवरों में पांच विकेट खोकर 67 रन बनाए थे। किवी टीम आठ ओवरों में छह विकेट खोकर 61 रन ही बना सकी। छोटे स्कोर को बचाने की जिम्मेदारी गेंदबाज़ों की थी और इसमें सबसे अहम भूमिका निभाई जसप्रीत बुमराह ने। तीसरे और निर्णायक मैच में उन्होंने 2 ओवर में 9 रन देकर दो अहम विकेट चटकाए। इस मुकाबले में उन्होंने राजकोट में शतक जमाने वाले ओपनर मुनरो और निकोलस को पवेलियन की राह दिखाई।
बुमराह ने 7वें ओवर में किया कमाल
भारत के डेथ ओवर स्पेशलिस्ट जसप्रीत बुमराह ने पारी का सातवां ओवर फेंका, जिसने दोनों टीमों के बीच हार और जीत का अंतर तय कर दिया। जब बुमराह को सातंवा ओवर फेंकने की जिम्मेदारी दी गई तो न्यूज़ीलैंड को जीत के लिए 12 गेंदों में 29 रन की दरकार थी और क्रीज़ पर टी-20 स्पेशलिस्ट ग्रैंडहोम और निकोलस बल्लेबाज़ी कर रहे थे। लेकिन इस ओवर में बुमराह ने अपनी चतुर गेंदबाज़ी का नज़ारा पेश करते हुए 10 रन देकर निकोलस का महत्वपूर्ण विकेट भी लिया। अगर बुमराह इस ओवर में किफायती गेंदबाज़ी नहीं करते तो आखिरी ओवर में कीवी टीम को जीत के लिए 19 रन बनाने की दरकार नहीं होती। हालांकि हार्दिक पांड्या ने पारी का आखिरी ओवर डाला और 19 रन की जरूरत होने के बावजूद भी कीवी टीम 12 रन ही बना सकी और भारत ने ये मैच 6 रन से जीत लिया। बुमराह की दमदार गेंदबाज़ी के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच के साथ-साथ मैन ऑफ द सीरीज़ का खिताब भी दिया गया।
सबसे बेस्ट रही बुमराह की इकॉनमी
टी-20 क्रिकेट को बल्लेबाज़ों का खेल कहा जाता है। इस खेल में बल्लेबाज़ कभी एक ही ओवर में छह छक्के लगा देता है तो कभी उसी ओवर में उसके लिए एक रन बनाना भी मुश्किल हो जाता है। बुमराह ने भी इस सीरीज़ में अपनी असरदार गेंदबाज़ी से न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ों को खूब छकाया। इस सीरीज़ में बुमराह ने सिर्फ 6.90 की इकॉनमी से रन दिए। हालांकि तीन मैच की टी-20 सीरीज़ में वो सिर्फ 3 ही विकेट अपने नाम कर सके, लेकिन उन्होंने अपनी सटीक गेंदबाज़ी की बदौलत कीवी बल्लेबाज़ों पर नकेल कसे रखी। बुमराह के बाद सबसे अच्छी इकोनॉमी स्पिन गेंदबाज़ यजुवेंद्र चहल की रही। उन्होंने 7 की इकोनॉमी से रन दिए।