ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम को खल सकती है ये कमी, इरफान पठान ने जताई चिंता
India vs Australia भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर किस बात की कमी खल सकती है इस पर पूर्व भारतीय क्रिकेट इरफान पठान ने अपनी राय रखी है। उनका मानना है कि भारत के पास कम से कम एक बाएं हाथ के तेज गेंदबाज होना चाहिए।
नई दिल्ली, आइएएनएस। India Tour of Asutralia: क्रिकेट फैंस की नजरें अब भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हैं, जहां दोनों देशों के बीच तीनों फॉर्मेट की सीरीज खेली जानी है। ऐसे में शायद ही किसी को इस बात पर शक होगा कि भारतीय टीम का गेंदबाजी आक्रमण किसी बल्लेबाजी क्रम को परेशान न कर पाए। पिछली बार 2018-19 में जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था तो जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और इशांत शर्मा की तेज गेंदबाजी तिगड़ी ने 48 विकेट चटकाए थे, लेकिन इस बार भारतीय टीम को एक कमी खल सकती है।
भारत ने जब पिछली बार ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 2-1 से हराया था तो उसमें चेतेश्वर पुजारा की बल्लेबाजी कमाल रही थी। यहां तक कि भारत ने 4 मैचों की आठ पारियों में से सात बार ऑस्ट्रेलिया को ऑल आउट किया था। हालांकि, भारत को बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की कमी कमी खल सकती है। पिछले करीब दो दशकों में भारतीय टीम के लिए बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों ने अहम योगदान दिया है। इसमें जहीर खान, इरफानपठान, आरपी सिंह और आशीष नेहरा जैसे दिग्गज गेंदबाजों का नाम शामिल है, लेकिन इस बार टीम के पास कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं है।
भारतीय टीम में इस समय सभी दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। इसी विभाग में भारतीय टीम मेजबान ऑस्ट्रेलिया से पीछे रह जाती है। खासकर तब जब स्टीव स्मिथ, डेविड वार्नर की वापसी हुई है और मार्नस लाबुशाने बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं। इसी पर चिंता व्यक्त करते हुए इरफान पठान ने कहा है, "जब तेज गेंदबाजी की बात आती है तो इसमें कोई शक नहीं है कि दोनों टीमें बराबरी की हैं। भारत के पास विश्व स्तरीय तेज गेंदबाजी आक्रमण है, लेकिन मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया थोड़ी सी आगे है, क्योंकि वह घर में खेल रही है और मिशेल स्टार्क के रूप में उनके पास बाएं हाथ का तेज गेंदबाज है।"
पठान ने आगे कहा, "बाएं हाथ का गेंदबाज विविधता प्रदान करता है, साथ ही दाएं हाथ के बल्लेबाज को एक्रॉस एंगल से गेंद डालता है। हालांकि, मुझे लगता है कि यह बहुत थोड़ा सा फायदा है, लेकिन फायदा तो निश्चित तौर पर है।" वहीं, जब आंकड़ों की बात आती है तो दोनों आक्रमणों ने अच्छा किया है। एक जनवरी 2018 से इशांत ने 18 टेस्ट मैचों में 71 विकेट लिए हैं। वहीं, शमी ने 22 टेस्ट मैचों में 85 विकेट चटकाए हैं। बुमराह ने 14 टेस्ट मैचों में 68 विकेट अपने नाम किए हैं।