एक हार से इंग्लिश खेमे में मची खलबली, भारतीय खिलाड़ियों से इस वजह से खा रहे हैं खौफ
इस सीरीज का चौथा मुकाबला 30 अगस्त से साउथैंप्टन में खेला जाएगा।
साउथैंप्टन, अभिषेक त्रिपाठी। टीम इंडिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में 203 रनों की हार के बाद इंग्लिश खेमे में भारतीय गेंदबाजों का खौफ समा गया है। भारतीय तेज गेंदबाजों ने तीनों टेस्ट और खासतौर पर नॉटिंघम में जिस तरह की बल्लेबाजी की उससे इंग्लैंड क्रिकेट टीम का प्रबंधन परेशान दिख रहा है। यह हालत तब है जब इंग्लिश कंडीशन में भारत के सबसे घातक गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार चोट के कारण टीम से बाहर चल रहे हैं। इस सीरीज का चौथा मुकाबला 30 अगस्त से साउथैंप्टन में खेला जाएगा, जिसमें भारतीय तेज गेंदबाजों से फिर से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी।
बुमराह के आने से आई मज़बूती
टीम इंडिया ने तीन मैचों की सीरीज में इंग्लैंड को चार बार ऑलआउट किया है। खास तौर पर चोटिल जसप्रीत बुमराह की वापसी के बाद टीम इंडिया और बेखौफ हो गई है। पिछले मैच में शतक लगाने वाले इंग्लैंड के बल्लेबाज जोस बटलर ने भी बुमराह की तारीफ की है और साथ ही यह भी बताया है कि उनका गेंदबाजी एक्शन उनको दूसरों से क्यों अलग बनाता है। बटलर का कहना है कि वह बेहद प्रतिभाशाली गेंदबाज हैं। उनका एक्शन खास है और इससे वह अच्छी तेजी हासिल करते हैं। वह ऐसे गेंदबाज हैं जो आपके सामने अलग तरह की चुनौती पेश करते हैं।
'बुमराह ने टेस्ट में भी खुद को किया साबित'
भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री भी बुमराह के प्रशंसक हैं। उनका कहना है कि यह गेंदबाज आम नहीं है। वह लसिथ मलिंगा और कुछ-कुछ मिशेल जॉनसन जैसे गेंदबाजी करते हैं जिससे सामने वाले बल्लेबाज को खेलना मुश्किल हो जाता है। लोग उन्हें वनडे और टी-20 गेंदबाज मानते थे, लेकिन हमने इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका दौरे में उन्हें टेस्ट टीम में रखा। तब भी कई लोगों को संशय हुआ था, लेकिन हमने उन्हें मौका दिया। हमें पता था कि वह खतरनाक साबित होंगे। इस सीरीज के शुरुआती दो मैच में वह नहीं खेल पाए, लेकिन जैसे ही तीसरे टेस्ट में उन्हें मौका मिला, उन्होंने दूसरी पारी में पांच विकेट झटक लिए।
पांड्या ने भी गेंदबाजी को किया मजबूत
वैसे तो टीम इंडिया में इशांत शर्मा, उमेश यादव और मुहम्मद शमी जैसे तेज गेंदबाज हैं, लेकिन ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने भी पिछले मैच में कमाल दिखाया। उन्होंने पहली पारी में पांच विकेट चटकाए। ऐसे में उन्होंने तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के तौर पर उनको टीम में शामिल करने को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब दे दिया। उन्होंने तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड की पहली पारी में महज छह ओवर डाले और पांच विकेट लेकर मैच की शक्ल ही बदल दी। ज्यादा तेज रफ्तार नहीं होने के बावजूद पांड्या ने लाइन-लेंथ के बूते अंग्रेज बल्लेबाजों का जीना मुहाल कर दिया। वह क्रीज संभालते, गेंद बल्ले का किनारा चूमती और पीछे विकेटकीपर या स्लिप फील्डर के हाथों में समा जाती। यह किसी भी टेस्ट में पांड्या की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है।
इशांत ने भी बल्लेबाज़ों को किया शांत
इसके अलावा इशांत शर्मा भी अब तक के सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नजर आ रहे हैं। उन्होंने नोबॉल की समस्या से इजाद पा ली है। यही नहीं, वह अब तेज गेंदबाज के साथ-साथ विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं। वह पूरे रिदम से सटीक गेंदबाजी कर रहे हैं। यह उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ दौर है। वह इस सीरीज में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा 11 विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। इस सीरीज में उनसे ज्यादा विकेट सिर्फ जेम्स एंडरसन (17) ने लिए हैं। निश्चित तौर पर इससे टीम इंडिया को अगले दो टेस्ट मैचों में फायदा मिलेगा।