IND vs Eng: 1932- पहला इंग्लैंड दौरा, जब भारतीय खिलाड़ियों ने ब्रिटेन जाने से किया था इंकार
टेस्ट मैच में भारत की ओर से सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर (40 रन) बनाने वाले नायडू ने दौरे पर 40 के औसत से 1618 रन बनाए।
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। महाराजा ऑफ पोरबंदर की अगुआई में 1932 में ऑल इंडिया टीम इंग्लैंड के लंबे और पहले आधिकारिक दौरे पर गई थी जहां भारत को लॉर्डस के ऐतिहासिक मैदान पर टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने का मौका मिला। कई सीनियर खिलाड़ियों के होने के बावजूद युवा सीके नायडू को टेस्ट टीम की कमान सौंपी गई और वह आइसीसी से मान्यता मिलने के बाद वह भारत के पहले टेस्ट कप्तान बने।
इस तरह हारा भारत
अपने पहले आधिकारिक टेस्ट मुकाबले में भारत को डगलस जॉर्डिन की अगुआई वाली इंग्लिश टीम के खिलाफ 158 रनों से करारी शिकस्त मिली। यह मैच 25 से 28 जून यानि चार दिन चला जिसमें एक दिन आराम के लिए था। इंग्लैंड ने पहली पारी में 259 और दूसरी पारी में आठ विकेट के नुकसान पर 275 रन बनाए। वहीं भारत पहली पारी में 189 और दूसरी पारी में 187 रन ही बना सका था। उस इकलौते टेस्ट में भारत को शिकस्त झेलनी पड़ी।
दौरे पर ऐसा रहा था भारत का हाल
29 अप्रैल से 10 सितंबर तक चले दौरे में भारतीय टीम ने कुल 37 मुकाबले खेले जिसमें 27 प्रथम श्रेणी के मुकाबले भी शामिल थे। इनमें से भारत ने नौ मुकाबले जीते और इतने ही ड्रॉ कराए जबकि आठ में उसे हार मिली। इस दौरान कुछ अहम मुकाबले खराब मौसम की वजह से रद भी करने पड़े थे।
भारतीय खिलाड़ियों ने इंग्लैंड जाने से किया इंकार
टेस्ट मैच में भारत की ओर से सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर (40 रन) बनाने वाले नायडू ने दौरे पर 40 के औसत से 1618 रन बनाए। इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली 18 सदस्यों की भारतीय टीम में हर धर्म के खिलाड़ियों को शामिल किया गया था जिसमें सात हिंदूू, चार मुस्लिम, चार पारसी और दो सिख थे। विजय मर्चेट के अलावा कई खिलाड़ियों ने उस दौरे पर देश में चल रही अशांति और महात्मा गांधी की गिरफ्तारी की वजह से खेलने से इन्कार कर दिया था।