एलिस्टर कुक, जिस टीम के खिलाफ बरसाते थे रन, उसी ने किया संन्यास लेने को मजबूर
कभी सचिन तेंदुलकर के टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन के रिकॉर्ड तोड़ने प्रबल दावेदार कुक अब एक एक रन के लिए जूझ रहे है।
नई दिल्ली, जेएनएन। इंग्लैंड के सबसे कामयाब टेस्ट बल्लेबाज एलिस्टर कुक ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। वैसे जिस तरह भारत के खिलाफ सीरीज में वह प्रदर्शन कर रहे है उसे देखकर लग रहा था कि शायद वह जल्दी ही ये फैसला ले सकते हैं।
भारत के खिलाफ मौजूदा सीरीज में इंग्लैंड को अपने बेस्ट बल्लेबाज से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन ना केवल उन्होंने अपनी टीम को निराश किया बल्कि अपने फैंस को भी दुखी किया। चौथे टेस्ट की पहली पारी में भी वह केवल 13 रन बनाकर हार्दिक पांड्या के शिकार बन गए, वहीं दूसरी पारी में वह 12 रन बनाकर बुमराह के शिकार बने।
अब पूरी सीरीज में खराब प्रदर्शन के बाद आवाज उठने लगी थी कि उन्हें अब संन्यास ले लेना चाहिए क्योंकि वह इंग्लैंड टीम पर बोझ बन रहे हैं।
कभी सचिन तेंदुलकर के टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन के रिकॉर्ड तोड़ने प्रबल दावेदार कुक अब एक एक रन के लिए जूझ रहे है। भारत के खिलाफ मौजूदा सीरीज में कुक ने 7 पारियों में 14.16 की घटिया की औसत से केवल 109 रन बनाए हैं।
इस सीरीज में कुक का बेस्ट स्कोर भी केवल 29 रन ही रहा। अब इस प्रदर्शन के बाद तो शायद उनकी जगह टीम में नहीं बनती। ऐसा नहीं है कि कुक का बल्ला इसी सीरीज में शांत हो। साल 2018 में कुक ने 9 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 20 से कम की औसत से केवल 298 रन बनाए हैं। इस साल उन्होंने 1 अर्धशतक लगाया है। अब सभी फैंस का यही सवाल है कि कब तक पुराने प्रदर्शन के बदौलत इंग्लैंड की टीम इस खिलाड़ी को मौका देगी।
कुक ने अब तक अपने टेस्ट करियर में 160 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 45 की औसत से 12238 रन बनाए हैं। अब तक कुक टेस्ट मैचों में 32 शतक और 56 अर्धशतक लगाए है। अब ये रिकॉर्ड बताता है कि वह ना केवल इंग्लैंड के बल्कि दुनिया के महान बल्लेबाजों में शुमार है लेकिन अब इस सीरीज में वह जिस तरह एक ही तरीके से आउट हुए, उससे कई पूर्व क्रिकेटर भी हैरान है। कुक पर अब बढ़ती उम्र का प्रभाव साफ देखा जा सकता है।
जिस भारतीय गेंदबाजी आक्रामण की वह खूब कुटाई करते थे उसी ने उनका लगभग करियर खत्म कर दिया। इस सीरीज में अश्विन और इशांत ने इस बल्लेबाज को क्रीज पर रूकने का मौका ही नहीं दिया। हर मैच हर पारी में उनसे वापसी की उम्मीद की जाती रही लेकिन इस बल्लेबाज के बल्ले ने भी कसम खा रखी थी कि रन नहीं बनाएगा।