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ICC की वजह से पाकिस्तानी बल्लेबाज का ये वर्ल्ड रिकॉर्ड हो गया 'अटूट', जानिए कारण

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी ICC ने एक ऐसा नियम बनाया है जिसकी वजह से पाकिस्तान के एक खिलाड़ी का रिकॉर्ड हमेशा के लिए अटूट और अमर हो गया है। हर रिकॉर्ड टू सकता है लेकिन हसन रजा का रिकॉर्ड अटूट है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 05:43 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 06:59 PM (IST)
ICC की वजह से पाकिस्तानी बल्लेबाज का ये वर्ल्ड रिकॉर्ड हो गया 'अटूट', जानिए कारण
ICC ने एक नया नियम बनाया है।

नई दिल्ली, जेएनएन। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी ICC ने गुरुवार 19 नवंबर को एक नया नियम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और अंडर 19 क्रिकेट के लिए लागू किया है। ICC ने न्यूनतम आयु सीमा (minimum age restriction) वाले नियम को लागू किया है। इस नियम की वजह से पाकिस्तान टीम के एक पूर्व खिलाड़ी का एक वर्ल्ड रिकॉर्ड हमेशा के लिए अटूट और अमर हो गया है, जो अब किसी भी कीमत पर टूटने वाला नहीं है।

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दरअसल, ICC ने पिछले सप्ताह न्यूनतम आयु सीमा के तहत उन खिलाड़ियों को ही इंटरनेशनल क्रिकेट में खेलने की अनुमति देने का फैसला किया है, जिनकी उम्र कम से कम 15 साल होनी चाहिए। बोर्ड ने खिलाड़ियों की सुरक्षा में सुधार के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए न्यूनतम आयु सीमा लागू की है, जो कि आइसीसी इवेंट्स, द्विपक्षीय क्रिकेट और अंडर 19 क्रिकेट सहित सभी क्रिकेट पर मान्य होगी। पुरुष और महिला दोनों ही क्रिकेटरों की उम्र कम से कम 15 साल होनी चाहिए।

हालांकि, असाधारण परिस्थितियों के मामले में एक सदस्य क्रिकेट बोर्ड 15 साल से कम उम्र के खिलाड़ी को खेलने के लिए आइसीसी से अनुमति लेने के लिए आवेदन कर सकता है। खिलाड़ी के खेल के अनुभव और मानसिक विकास को देखते हुए और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने के बाद 15 साल से कम के खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति होगी, लेकिन इस बीच पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी हसन रजा का एक विश्व रिकॉर्ड हमेशा के लिए कायम हो गया है।

वैसे तो क्रिकेट में रिकॉर्ड टूटने के लिए बनते हैं, लेकिन पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज हसन रजा का सबसे युवा टेस्ट प्लेयर का रिकॉर्ड टूटने वाला नहीं हैं। यहां तक कि 15 साल से कम उम्र में इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले हसन रजा ने खुद आइसीसी के न्यूनतम आयु सीमा वाले फैसले का स्वागत किया है। हसन रजा ने 24 अक्टूबर 1996 को 14 साल 227 दिनों की उम्र में जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था।

हसन रजा ने बांग्लादेश की एक क्रिकेट वेबसाइट से बात करते हुए कहा है, "आइसीसी ने सही काम किया है। ऐसा मैं इसलिए नहीं कह रहा हूं, क्योंकि मेरा रिकॉर्ड बरकरार है, लेकिन मेरा मानना है कि खिलाड़ी पंद्रह साल की उम्र के बाद मानसिक रूप से मजबूत और परिपक्व हो जाते हैं। यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी अच्छा है कि खिलाड़ी परिपक्व होने पर खेलते हैं।" उन्होंने खुद अपने समय की बातों को याद किया है और बताया है कि उनके लिए खेलना कितना कठिन था।

रजा ने कहा है, "जब मैं पाकिस्तान के लिए खेल रहा था, तब वेस्टइंडीज के कर्टनी वॉल्श, जो 400 टेस्ट विकेट ले चुके थे, वो भी खेल रहे थे। वह बहुत तेज थे और एक युवा बल्लेबाज के लिए उनको खेलना वास्तव में काफी कठिन था।" हसन रजा ने वॉल्श को वनडे क्रिकेट में फेस किया था। उन्होंने आगे कहा, "हां, मुझे अपना डेब्यू जल्दी करने के लिए आमंत्रित किया गया था। ऐसा इसलिए था, क्योंकि स्कूल में मेरे प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया। वसीम अकरम मेरे पहले टेस्ट कप्तान थे और मेरे लिए टेस्ट कैप मुश्ताक मोहम्मद ने दी थी, जिनका रिकॉर्ड (15 साल 124 दिन) केवल मैंने 38 साल बाद तोड़ा था।"


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