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इंग्लैंड बनाम पाकिस्तान टेस्ट में हुआ कमाल, पिता-पुत्र हैं एक ही मैच का हिस्सा

क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब पिता और पुत्र दोनों एक मैच का हिस्सा हैं। हालांकि दोनों की जिम्मेदारियां अलग हैं।

By Vikash GaurEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 12:26 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 01:50 PM (IST)
इंग्लैंड बनाम पाकिस्तान टेस्ट में हुआ कमाल, पिता-पुत्र हैं एक ही मैच का हिस्सा

नई दिल्ली, जेएनएन। मेजबान इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेला जा रहा है। इसी मैच में एक ऐसा संयोग हुआ है कि पिता और पुत्र दोनों मैच का हिस्सा बन गए हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब पिता और पुत्र दोनों एक ही मैच का हिस्सा हैं, लेकिन दोनों की जिम्मेदारियां अलग हैं। जी हां ये सच है।

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दरअसल, इंग्लैंड की टीम के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड अपनी टीम के लिए खेल रहे हैं, जबकि उनके पिता क्रिस ब्रॉड मैच रेफरी की भूमिका में हैं। इस तरह पिता और बेटा दोनों मैच का हिस्सा हैं। क्रिस ब्रॉड भी इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं, लेकिन मौजूदा समय में वे मैच रेफरी की भूमिका हैं। बहुत कम बार ऐसा होता है जब अपने ही देश के किसी मैच रेफरी को मैच का हिस्सा बनाया जाए, लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए आइसीसी को ऐसा करना पड़ रहा है।

लगातार तीसरे अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच में पिता और बेटा साथ में नजर आ रहे हैं, क्योंकि इससे पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी दो मैचों(पूरी सीरीज में मैच रेफरी की भूमिका) में क्रिस ब्रॉड ही मैच रेफरी थी। उन दोनों मैचों में स्टुअर्ट ब्रॉड ने शानदार गेंदबाजी और बल्लेबाजी की। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में यह पहली बार है जब पिता किसी मैच का रेफरी है तो वहीं बेटा क्रिकेटर के रूप में खेल रहा है। ये अपना आप में किसी रिकॉर्ड से कम नहीं है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें, इससे पहले आखिरी बार 14 साल पहले किसी एक मैच में पिता और पुत्र की जोड़ी नजर आई थी। हालांकि, उस समय पिता-पुत्र की जोड़ी रेफरी और क्रिकेटर वाली नहीं, बल्कि अलग भूमिकाओं वाली थी। 2006 में केन्या के हितेश देश के लिए क्रिकेट खेले रहे थे, जबकि उनके पिता सुभाष मोदी अंपायरिंग कर रहे थे। 2001 से 2006 के बीच चार बार ऐसा हुआ जब मोदी पिता-पुत्र की जोड़ी एक मैच में साथ थे।

सुभाष और उनके बेटे चार बार एक मैच का हिस्सा बने थे, जिसमें तीन बार सुभाष मैदानी अंपायर थे, जबकि एक बार टीवी अंपायर के रूप में वे हितेश के मैच से जुड़े हुई थे। ठीक इसी तरह 1994 में जिंबाब्वे के पॉल स्ट्रांग के डेब्यू मैच में उनके पिता रोनाल्ड स्ट्रांग टीवी अंपायर थे। हालांकि, कभी भी मैच रेफरी और क्रिकेटर की भूमिका में पिता-पुत्र नजर नहीं आए हैं। ऐसे में क्रिस ब्रॉड और स्टुअर्ट ब्रॉड की जोड़ी सबसे न्यारी है।


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