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Exclusive- विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में स्पिनर होंगे भारत का प्लस प्वाइंटः चहल

भारतीय टीम के लेग स्पिनर युजवेंद्रा सिंह चहल टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं लेकिन उनका मानना है कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में जो भी टीम अच्छी बल्लेबाजी करेगी वह जीतेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय टीम के लिए स्पिनर प्लस प्वाइंट होंगे।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 07:25 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 03:28 PM (IST)
Exclusive- विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में स्पिनर होंगे भारत का प्लस प्वाइंटः चहल
भारतीय टीम के लेग स्पिनर युजवेंद्रा सिंह चहल।

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय टीम के लेग स्पिनर युजवेंद्रा सिंह चहल टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन उनका मानना है कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में जो भी टीम अच्छी बल्लेबाजी करेगी, वह जीतेगी, लेकिन भारतीय टीम के लिए स्पिनर प्लस प्वाइंट होंगे। युजवेंद्रा सिंह चहल से अभिषेक त्रिपाठी ने कई मुद्दों पर चर्चा की। पेश हैं प्रमुख अंश :-

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-कोरोना काल में बहुत कम क्रिकेट खेलने को मिला है। ऐसे में आपकी आगे की क्या योजना है?

--अभी तो श्रीलंका में सीरीज है और उसके बाद आइपीएल के चांस हैं। मुझे लगता है कि ये दोनों होते हैं तो फिर विश्व कप से पहले सफेद गेंद से अच्छी तैयारी हो जाएगी, तो अभी इसी पर फोकस है।

-आप विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल को मिस करेंगे और इसे टीवी पर देखेंगे। टीम इंडिया के सभी खिलाड़ियों को आप करीब से जानते हैं। न्यूजीलैंड की टीम को भी आपने देखा है। ऐसे में टीम इंडिया की इसमें क्या संभावनाएं हैं?

--इंग्लैंड में सीम कंडीशन होती हैं और न्यूजीलैंड के पास भी अच्छे तेज गेंदबाज हैं। हमारे पास भी अच्छे तेज गेंदबाज हैं, लेकिन न्यूजीलैंड की तुलना में हमारे पास स्पिनर भी अच्छे हैं, तो यह हमें एक प्लस प्वाइंट रहेगा और मुझे लगता है जो टीम अच्छी बल्लेबाजी करेगी, वही टीम जीतेगी। वहां गेंद स्विंग तो करती ही है, तो वो तो दोनों टीमों के लिए एक जैसी ही होगी। इसलिए बल्लेबाजी अहम होगी।

-क्या आपको कभी खलता नहीं है कि आप भी टेस्ट क्रिकेट खेलते या ऐसी सिर्फ धारणा बना दी गई है कि आप वनडे और टी-20 के गेंदबाज हैं?

--ऐसा कुछ नहीं है। हर कोई टेस्ट मैच खेलना चाहता है, मैं भी खेलना चाहता हूं, पर अभी अश्विन भैया अच्छा कर रहे हैं, जड्डू पा (रवींद्र जडेजा) अच्छा कर रहे हैं, कुलदीप भी है और अभी अक्षर ने भी अच्छा किया है तो काफी प्रतिस्पर्धा है। ऐसे में मैं अपना अच्छा प्रदर्शन करते रहना चाहता हूं और इंतजार कर रहा हूं ताकि मुझे जब भी मौका मिले तो मैं खेल सकूं।

-आपकी और कुलदीप की जोड़ी कुलचा के नाम से काफी प्रसिद्ध रही। आप दोनों ने साथ खेलते हुए कई विकेट भी लिए और उस दौरान टीम की जीत का प्रतिशत भी काफी बढ़ा। फिर अचानक से आप दोनों में से एक को ही खिलाया जाने लगा, तो इसके पीछे क्या वजह रही?

--असल में उस समय हार्दिक चोटिल थे और जब वह वापस टीम में आए तो भी गेंदबाजी नहीं कर रहे थे, लेकिन टीम को एक ऑलराउंडर चाहिए था। जड्डू पा एशिया कप में खेले, बल्कि वहां विकेट कंडीशन ऐसे थे कि हम तीनों ही स्पिनर एक साथ खेले थे, लेकिन उसके बाद कभी ऐसा विकेट नहीं मिला कि हम तीनों एक साथ खेलें। इसके अलावा टीम को बल्लेबाजी ऑलराउंडर की भी जरूरत थी ओर जड्डू पा ने बल्लेबाजी में भी अच्छा किया था। उसके बाद ऐसा हो गया कि कलाई के स्पिनर में से एक ही खेलेगा, क्योंकि जब हार्दिक गेंदबाजी कर रहे थे तो वह एक तेज गेंदबाज का स्लॉट था और ऐसे में एक तेज गेंदबाज कम करके एक स्पिनर को रखना पड़ता था। उस वजह से शायद कभी फिर विश्व कप के बाद साथ खेलने का मौका नहीं मिला।

-कुलदीप भी काफी समय तक टीम में रहे, लेकिन उन्हें मौके नहीं मिल पाए और अब टीम से बाहर हैं। आपने उनकी प्रतिभा देखी होगी, तो उनके लिए क्या संभावनाएं हैं?

--बिलकुल संभावनाएं हैं, वह अभी सिर्फ 24-25 साल के हैं। वह अभी युवा हैं और अनुभवी खिलाड़ी हैं, उन्हें भारत के लिए खेलते हुए चार साल हो गए हैं। ऐसा दौर सभी खिलाड़ियों के जीवन में आता है, लेकिन उनके कौशल की बात करें तो उनके जैसा चाइनामैन गेंदबाज मैंने पूरी दुनिया में नहीं देखा। आपको टीम संयोजन देखना होता है। कई बार टीम में आपके लिए जगह नहीं हो पाती है। मैं भी जब न्यूजीलैंड में खेला था तो मैंने भी छह महीने इंतजार किया था। ऐसा आमतौर पर होता है, आप टीम के साथ यात्रा करते हो तो आपको काफी कुछ सीखने को मिलता है। आपको पता होता है कि जब मौका आएगा तो आप खेलोगे। ऐसे में आपको अपना मनोबल बढ़ाए रखना चाहिए।

-श्रीलंका में हो सकता है कि आप दोनों को एक साथ खेलने का मौका मिल सकता है?

--अभी तो टीम की घोषणा होना बाकी है। यदि हम दोनों का चयन होता है तो निश्चित रूप से साथ खेलने की संभावना रहेगी, खासतौर से वनडे में।

-कलाई के स्पिनर को विरोधी टीम जज कर ले तो क्या गेंदबाज पर टीम के कप्तान या टीम प्रबंधन का विश्वास कम पड़ जाता है?

--ऐसा कुछ नहीं होता है। आप देखेंगे कि मैं आइपीएल में गेंद डालता हूं तो कई लोग ऐसे हैं जो मेरी गुगली को समझ नहीं पाते हैं या कुलदीप की गेंदों समझ नहीं पाते। दो-तीन मैच सबके खराब जाते हैं। बल्लेबाजों के भी खराब जाते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि वह खराब खिलाड़ी हो गया।

-एक समय में दो-दो टीम इंडिया खेलेंगी, इस आइडिया को किस तरह से देखते हैं और श्रीलंका में कप्तान कौन हो सकता है?

--कप्तान कोई भी बने मुझे तो अपने चार और 10 ओवर देखने हैं। जहां तक दो-दो टीमों की बात है तो इससे पता चलता है कि भारत के पास बेंच स्ट्रैंथ कितनी अच्छी है। लेकिन, जो सफेद गेंद से खेलते हैं उनके लिए श्रीलंका में खेलना अच्छा है, क्योंकि नहीं तो वे सीधे सितंबर में आइपीएल खेलते और यह अंतराल काफी लंबा हो जाता।

-आपके लिए विश्व कप कितना अहम है और उसके लिए कैसी तैयारी है?

--विश्व कप तो सभी के लिए अहम होता है। विश्व कप खेलना ही बड़ी बात होती है। उसके लिए यही है कि श्रीलंका के खिलाफ सीरीज है और फिर आइपीएल है। इनमें अच्छा करना है, लेकिन अभी तो मुख्य फोकस श्रीलंका से सीरीज पर ही है।

-अभी लॉकडाउन में कैसे समय बीत रहा है?

--अभी तो परिवार के साथ ही समय व्यतीत हो रहा है। मैदान तो जा नहीं पा रहे हैं, क्योंकि सब बंद है, लेकिन घर पर थोड़ी एक्सरसाइज होती है।


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