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EXCLUSIVE INTERVIEW: बल्लेबाजी में चमक दिखा चुके वेंकटेश अय्यर चाहते हैं आलराउंडर के रूप में बने पहचान

वेंकटेश अय्यर ने कहा कि आइपीएल में दुनिया के श्रेष्ठ खिलाड़ी खेलते हैं। बतौर बल्लेबाज मैंने अतिरिक्त गति की गेंदबाजी का सामना करना सीखा। वहां गेंदबाज बेहद चतुराई से गेंदबाजी करते हैं लगातार बदलाव होते हैं। इससे मेरी बल्लेबाजी बेहतर हुई। बतौर क्रिकेटर परिपक्व हुआ हूं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 06:41 PM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 06:41 PM (IST)
EXCLUSIVE INTERVIEW: बल्लेबाजी में चमक दिखा चुके वेंकटेश अय्यर चाहते हैं आलराउंडर के रूप में बने पहचान
वेंकटेश अय्यर न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम का हिस्सा हैं (एपी फोटो)

आइपीएल में धूमकेतू की तरह चमके वेंकटेश अय्यर अब टीम इंडिया की भी उम्मीद हैं। न्यूजीलैंड दौरे पर उन्हें चुना गया है। कुछ महीने पहले तक वेंकटेश का नाम देशवासियों के लिए अनजान था, लेकिन अब वे टीम में आलराउंडर के रूप में खाली जगह भरते दिख रहे हैं। वेंकटेश के लिए यह सुहाना सफर रहा है और अब भारतीय परिस्थितियों में उन्हें न्यूजीलैंड का सामना करना है, यानी उनके लिए मौसम भी हसीं है। घरेलू हालात से भी वे वाकिफ हैं। भारतीय टीम में पहली बार चुने जाने के उत्साह और तैयारियों पर उन्होंने कपीश दुबे से खास चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश -

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प्रश्न - कुछ ही महीने में अनजान खिलाड़ी से भारतीय टीम तक के सफर को कैसे देखते हैं?

वेंकटेश - वाकई यह सपने जैसा है। मैं भगवान को धन्यवाद देता हूं। आइपीएल ने मुझे क्षमता साबित करने का मंच दिया। मैं छह साल से घरेलू क्रिकेट खेल रहा हूं। लगातार मेहनत कर रहा था और यकीन था कि जब भी मौका मिलेगा मैं खुदको साबित करूंगा। मेरा सपना देश के लिए खेलना और टीम को जिताना है। अभी आधा सपना पूरा हुआ है। टीम को जितने मैच जिता सकूं, उतनी खुशी होगी।

प्रश्न - न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज भारत में है। दुबई की तुलना में यहां विकेट और मौसम दोनों बदलने से कितना फर्क पड़ेगा?

वेंकटेश - भारत में खेलने से ज्यादा फर्क नहीं होगा क्योंकि जहां मैच होना हैं, मैं वहां पहले भी खेल चुका हूं। आइपीएल से लौटकर मुश्ताक अली ट्राफी के मैच दिल्ली में खेले हैं। इससे भारत के मौसम और हालातों से फिर अभ्यस्त हो चुका हूं। थोड़ा बहुत विकेट व परिस्थिति के हिसाब से बदलाव होता है। मगर यह मुश्किल नहीं है।

प्रश्न - आइपीएल में खेलने से क्या सीखने को मिला?

वेंकटेश - आइपीएल में दुनिया के श्रेष्ठ खिलाड़ी खेलते हैं। बतौर बल्लेबाज मैंने अतिरिक्त गति की गेंदबाजी का सामना करना सीखा। वहां गेंदबाज बेहद चतुराई से गेंदबाजी करते हैं, लगातार बदलाव होते हैं। इससे मेरी बल्लेबाजी बेहतर हुई। बतौर क्रिकेटर परिपक्व हुआ हूं।

प्रश्न - आप एक आलराउंडर हैं, लेकिन आइपीएल में बल्लेबाजी में ज्यादा सफलता मिली। क्या भविष्य में बल्लेबाजी पर ध्यान देंगे या गेंदबाजी भी जारी रखेंगे?

वेंकटेश - मैं एक आलराउंडर हूं। मुझे मेरी बल्लेबाजी और गेंदबाजी के कारण ही टीम में चुना गया है। गेंदबाजी और बल्लेबाजी के साथ फील्डिंग पर भी उतना ही ध्यान देता हूं। यह सही है कि बल्लेबाजी में मुझे ज्यादा मौके मिले, जिससे सफलता भी ज्यादा रही। मगर गेंदबाजी पर भी उतनी ही गंभीरता से ध्यान दे रहा हूं। गेंदबाजी के लिए फिटनेस महत्वपूर्ण है, इसलिए फिटनेस पर खास ध्यान देता हूं।

प्रश्न - न्यूजीलैंड विश्व कप के फाइनल में पहुंच चुकी है। ऐसी टीम के खिलाफ करियर की शुरुआत को कैसे देखते हैं?

वेंकटेश - न्यूजीलैंड टीम बहुत मजबूत है। मैं इसे मुश्किल चुनौती नहीं मानता क्योंकि टी-20 में किसी भी टीम को कम नहीं आंक सकते हैं। हमें भारतीय परिस्थितियों में खेलने का फायदा मिलेगा। मैं कभी भी विपक्षी टीम या गेंदबाज के बारे में ज्यादा नहीं सोचता। मैं सिर्फ अपने स्किल्स पर ध्यान देता हूं। खुद में सुधार करता हूं और यही मैं न्यूजीलैंड के खिलाफ भी करूंगा।

प्रश्न - आइपीएल की सफलता और टीम इंडिया में चयन के बाद जीवन में क्या बदलाव आया?

वेंकटेश - मैं पहले की तरह ही हूं। आइपीएल के बाद मेरे पापा की तबियत कुछ खराब थी। मुश्ताक अली ट्राफी के कारण उनके साथ ज्यादा वक्त नहीं बिता सका था। इसलिए अब उनसे मिलने ही आया हूं। उनके आशीर्वाद से यहां तक पहुंचा हूं।


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