Eng vs WI: 143 साल में पहली बार टेस्ट क्रिकेट में हुआ ऐसा, क्रिकेट की हुई वापसी लेकिन मजा रहा फीका
End vs WI Test cricket returns इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला बुधवार को शुरू हुआ।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण ने इंटरनेशनल क्रिकेट पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी। क्रिकेट का मैदान लगभग चार महीनों तक पूरी तरह से सूना रहा और 116 दिन बाद आखिरकार क्रिकेट की वापसी हुई। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला बुधवार को शुरू हुआ।
साउथैंप्टन के एजेस बाउल स्टेडियम में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट शुरू तो वह रौनक दोबारा लौट आई। बारिश ने मैच को मजा खराब किया और जैसे रोमांच की उम्मीद थी उसे फीका कर दिया। मैच का पहला सत्र बारिश में धुल गया। मैच कराना संभव नहीं था लिहाजा लंच को वक्त से पहले ही कराने का फैसला लिया गया।
लंच के बाद इस ऐतिहासिक टेस्ट में इंग्लैंड की तरफ से पहली बार टेस्ट की कमान संभाल रहे बेन स्टोक्स और वेस्टइंडीज के नियमित कप्तान जेसन होल्डर टॉस के लिए पहुंचे। स्टोक्स ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया।
143 साल में पहली बार हुआ ऐसा
कोरोना की वजह से दर्शकों के प्रवेश पर पाबंदी थी और 143 साल के इतिहास में पहली बार कोई टेस्ट बिना दर्शकों के खेला गया। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे पहला मैच साल 1876 में पहली बार इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था। यह मैच इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया में खेला था। तब से अब तक हर एक टेस्ट मैच में दर्शकों को स्टेडियम में खेल देखने की इजाजत होती थी यह पहला मौका है जब दर्शकों के मैच देखने पर पाबंदी लगाई गई है।
नस्लवाद के खिलाफ घुटने पर बैठे
दोनों टीमों के खिलाड़ी और अंपायर व सहयोगी स्टाफ टेस्ट शुरू होने से पहले ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के समर्थन में घुटने के बल बैठे। दोनों टीमों ने अपनी जर्सी की कॉलर पर ब्लैक लाइव्स मैटर का लोगो पहन रखा था। वेस्टइंडीज की टीम पहले ही कह चुकी है कि इस दौरे पर उनकी प्रेरणा का स्त्रोत यह आंदोलन है। अमेरिका में मई में अफ्रीकी अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस की बर्बरता के बाद मौत के बाद से दुनिया भर में नस्लवाद के विरोध में यह आंदोलन चल रहा है। मैच से पहले कोरोना वायरस महामारी में अपनी जान गंवाने वाले लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा गया।