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बर्थडे स्पेशल: 13 सिक्कों ने बदली सचिन की जिंदगी, जानिए क्या है उन सिक्कों की कहानी

1988 में मुंबई के ब्रेबॉन स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच एक अभ्यास मैच खेला गया था और सचिन ने इस मैच में पाकिस्तान के लिए फील्डिंग की थी।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Tue, 24 Apr 2018 12:41 PM (IST)Updated: Tue, 24 Apr 2018 04:52 PM (IST)
बर्थडे स्पेशल: 13 सिक्कों ने बदली सचिन की जिंदगी, जानिए क्या है उन सिक्कों की कहानी
बर्थडे स्पेशल: 13 सिक्कों ने बदली सचिन की जिंदगी, जानिए क्या है उन सिक्कों की कहानी

नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का आज 45वां जन्मदिन है। सचिन को यूं ही क्रिकेट का भगवान नहीं कहा जाता है बल्कि उन्होंने ऐसी उपलब्धियां हासिल की हैं, ऐसे कमाल किए हैं जिनकी वजह से उन्हें इस खेल का भगवान कहा जाता है। सचिन के जन्मदिन पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातों को आपको बताएंगे, लेकिन सबसे दिलचस्प उन 13 सिक्कों की कहानी है, जो आज भी सचिन के पास मौजूद हैं। क्या है इन सिक्कों के पीछे का राज़ और सचिन को क्यों अजीज हैं ये 13 सिक्के... चलिए बताते हैं आपको।

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सचिन के वो 13 सिक्के
सचिन तेंदुलकर ने 16 साल की उम्र में ही इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने शुरू कर दिया था। इतनी कम उम्र में डेब्यू करने के पीछे उनकी मेहनत और उनका टेलेंट तो था ही, इसके साथ ही साथ उनके कोच रमाकांत आचरेकर की मेहनत भी थी, जिसकी वजह से सचिन को आज क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। क्रिकेट का बादशाह बनने से पहले और इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखने से पहले सचिन के पास 13 सिक्के थे, जो आज भी उनके पास हैं। उन्हें ये सिक्के इनाम के तौर पर मिलते थे। 

किसने दिए थे सचिन को ये 13 सिक्के?
सचिन स्कूल से छुट्टी होने के बाद जब रमाकांत आचरेकर की कोचिंग में दूसरे खिलाड़ियों के साथ अभ्यास करते थे, तो उनके कोच स्टंप पर एक सिक्का रख दिया करते थे। सचिन जब प्रैक्टिस के दौरान बल्लेबाज़ी करने आते तो आचरेकर दूसरे खिलाड़ियों को कहते कि जो खिलाड़ी सचिन का विकेट ले लेगा, ये सिक्का उसका और अगर
कोई भी खिलाड़ी उन्हें आउट नहीं कर पाता था तो वो सिक्का सचिन का हो जाता था। सचिन ने उस समय ऐसे 13 सिक्के जमा किए थे और खास बात ये है कि ये सभी सिक्के आज भी उनके पास रखे हुए हैं।

सचिन को सबसे अजीज हैं ये सिक्के
एक बार एक इंटरव्यू के दौरान सचिन से पूछा गया था कि क्रिकेट से जुड़ी आपके पास सबसे यादगार चीज़ कौन सी है, जिसे आप सबसे ज़्यादा पसंद करते हैं। इस सवाल का जवाब देते हुए सचिन ने कहा था कि आचरेकर सर के दिए हुए वो 13 सिक्के जिनकी वजह से मुझे सब कुछ मिला। 

रमाकांत आचरेकर जितने अच्छे गुरू हैं, सचिन ने भी उतना ही अच्छा शिष्य बनकर दिखाया। रमाकांत आचरेकर ने जिस तरह से समय-समय पर तेंदुलकर का मार्गदर्शन करते हुए दुनिया के शिखर पर पहुंचाया। वहीं सचिन ने उन्हें वो सम्मान दिया जिसके वो हकदार थे। सचिन ने हमेशा अपनी सफलता का श्रेय अपने कोच को दिया और यही वजह है कि वो अब भी अपने गुरू के दिए मंत्र को नहीं भूलते हैं। सचिन आज भी अपने कोच का उतना ही सम्मान करते हैं और उन्हें उनकी दी हुई सीख भी याद है।

 सचिन तेंदुलकर से जुड़े कुछ खास बातें:
1. पहले सचिन एक तेज़ गेंदबाज़ बनना चाहते थे, मगर 1987 में M.R.F फाउंडेशन के डेनिस लिली ने उन्हें खारिज कर दिया था। लिली ने सचिन को सिर्फ बैटिंग पर ध्यान देने के लिए कहा था।
2. 1988 में मुंबई के ब्रेबॉन स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच एक अभ्यास मैच खेला गया था और सचिन ने इस मैच में पाकिस्तान के लिए फील्डिंग की थी।
3. सचिन गेंदबाजी और बल्लेबाजी दाएं हाथ से करते है मगर लिखते बाएं हाथ से हैं। इसके इलावा वह टेनिस भी बाएं हाथ से ही खेलते हैं।
4. सचिन ने 79 मैंचों के बाद अपना पहला वनडे शतक बनाया था। लेकिन दूसरी तरफ क्रिकेट के सबसे बड़े फॉर्मेट (टेस्ट) में वो तब तक 7 शतक जड़ चुके थे।
5. सचिन क्रिकेट में ऐसे पहले बल्लेबाज हैं जिन्हें तीसरे अंपायर ने आउट दिया था। 1992 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुए डरबन टेस्ट मैच में जॉन्टी रोड्स के थ्रो पर तीसरे अंपायर ने सचिन को टीवी रिप्ले देखने के बाद आउट दिया था।

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