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एक दिन की जल्दबाजी से BCCI पर लगा 4800 करोड़ का जुर्माना, अब बोर्ड ने उठाया ये कदम

BCCI पर 4800 करोड़ रुपये का जुर्माना डेक्कन चार्जर्स की टीम को गलत तरीके से आइपीएल से बाहर किए जाने पर लगा है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 12:53 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 07:02 PM (IST)
एक दिन की जल्दबाजी से BCCI पर लगा 4800 करोड़ का जुर्माना, अब बोर्ड ने उठाया ये कदम
एक दिन की जल्दबाजी से BCCI पर लगा 4800 करोड़ का जुर्माना, अब बोर्ड ने उठाया ये कदम

नई दिल्ली, आइएएनएस। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) को एक बड़ा झटका लगा है। इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) की शुरुआती आठ टीमों में से एक रही डेक्कन चार्जर्स को गलत तरीके से हटाने के एवज में बीसीसीआइ को 4800 करोड़ रुपये का जुर्माना चुकाना होगा। बांबे हाई कोर्ट ने लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद का फैसला शुक्रवार को डेक्कन चार्जर्स फ्रैंचाइजी के पक्ष में सुनाया। हालांकि, बीसीसीआइ इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकती है।

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डेक्कन चार्जर्स को हटाने के मामले में बांबे हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज सीके ठक्कर को आठ साल पहले आर्बिट्रार नियुक्त किया था। शुक्रवार को आर्बिट्रार ने अपना फैसला डेक्कन क्रोनिकल्स होल्डिंग्स लिमिटेड (डीसीएचएल) के पक्ष में दिया। आर्बिट्रेटर ने बीसीसीआइ पर 4800 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। हालांकि, डीसीएचएल ने 6046 करोड़ रुपये के जुर्माने और ब्याज का दावा किया था।

यह पूरा मामला साल 2012 का है, जब बीसीसीआइ ने कर्ज में डूबी आइपीएल फ्रैंचाइजी डेक्कन चार्जर्स का अनुबंध खत्म कर दिया था। डेक्कन चार्जर्स का मालिकाना हक पहले डीसीएचएल के पास था। 15 सितंबर 2012 को चेन्नई में आइपीएल गवर्निंग काउंसिल की आपातकालीन बैठक बुलाकर डेक्कन चार्जर्स की टीम को आइपीएल से निकाल दिया गया था। डेक्कन चार्जर्स ने एडम गिलक्रिस्ट की कप्तानी में आइपीएल का दूसरा सीजन जीता था। 

दरअसल, 2012 में डेक्कन चार्जर्स को महीने भर में 100 करोड़ रुपये भरने के लिए कहा गया था। एक महीने का समय देने के बावजूद बीसीसीआइ ने हैदराबाद की इस फ्रेंचाइजी के एक दिन पहले ही टर्मिनेट कर दिया था। डीसीएचएल ने बीसीसीआइ और आइपीएल गवर्निंग काउंसिल के इसी फैसले को चुनौती दी थी और भारतीय क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ बांबे हाई कोर्ट में अपील की थी।

डेक्कन चार्जर्स को लीग से हटाने के बाद बोर्ड ने हैदराबाद की नई आइपीएल टीम के लिए बोली मंगाई, जिसे सन टीवी नेटवर्क के कलानिधि मारन ने जीतकर सनराइजर्स हैदराबाद टीम खड़ी की। सुनवाई के दौरान बीसीसीआइ ने स्पष्ट रूप से इस फ्रैंचाइजी को आइपीएल से हटाने के फैसले के पीछे पूरा तर्क दिया था। बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने कहा कि फैसला पूरी तरह से आश्चर्यजनक है, लेकिन पूरा आदेश देखने के बाद ही इस पर कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी ने डेक्कन चार्जर्स को 4800 करोड़ रुपये देने के फैसले को लेकर कहा है, "ईमानदारी से कहूं तो यह एक आश्चर्यजनक फैसला है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है। आर्बिट्रेटर पर भरोसा किया गया है और कोई आदेश पढ़ने के बाद ही उचित मूल्यांकन कर सकता है लेकिन, आप यह सुनिश्चित मान सकते हैं कि बीसीसीआइ इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा।"


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