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पिता के निधन के बाद बस कंडक्टर मां ने बेटे को ऐसे बनाया भारतीय टीम का सितारा

भारतीय अंडर 19 टीम को एशिया कप जिताने वाले स्पिन गेंदबाज अथर्व अंकोलेकर के पिता की 2010 में मौत हो गई थी। इसके बाद उनको उनकी बस कंडक्टर मां ने उन्हें पढ़ाया-लिखाया।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 01:06 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 03:00 PM (IST)
पिता के निधन के बाद बस कंडक्टर मां ने बेटे को ऐसे बनाया भारतीय टीम का सितारा
पिता के निधन के बाद बस कंडक्टर मां ने बेटे को ऐसे बनाया भारतीय टीम का सितारा

नई दिल्ली, जागरण स्पेश । शनिवार को कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में अंडर 19 एशिया कप का फाइनल मुकाबला भारत और बांग्लादेश के बीच खेला गया। बिना सेमीफाइनल मैच खेले फाइनल में पहुंची भारतीय और बांग्लादेश की टीम के बीच ये खिताबी मुकाबला काफी लो स्कोरिंग हुआ, जिसमें भारतीय टीम ने बाजी मार ली। एक समय ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम 100 रन से पहले ढेर हो जाएगी और बांग्लादेश की टीम आसानी से ये मैच जीत जाएगी, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने ऐसा होने नहीं दिया। 

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भारतीय टीम 106 रन पर ऑल आउट जरूर हो गई, लेकिन बांग्लादेश को भी 101 रन पर ढेर कर खिताबी मुकाबला 5 रन से जीत लिया। इस खिताबी जीत में भारत के लिए जिस खिलाड़ी ने अहम भूमिका निभाई उस खिलाड़ी का नाम अथर्व अंकोलेकर है। बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज अथर्व अंकोलेकर ने भारतीय टीम के लिए इस खिताबी मैच में 5 विकेट लिए, जिसके दम पर भारत ने बांग्लादेश को चारों खाने चित कर दिया और मुकाबला जीत लिया। भारत ने रिकॉर्ड सातवीं बार इस टूर्नामेंट पर कब्जा जमाया है।

अथर्व ने चटकाए 5 विकेट

अथर्व अंकोलेकर ने भारतीय अंडर 19 टीम के लिए एशिया कप के फाइनल में 8 ओवर गेंदबाजी की और अपने इस दमदार स्पेल में महज 28 रन खर्च किए और 5 विकेट चटकाकर बांग्लादेश को बैकफुट पर धकेलने में सफलता हासिल की। अंकोलेकर के अलावा आकाश सिंह ने भी शानदार गेंदबाजी की और 12 रन देकर तीन विकेट लिए। सुशांत मिश्रा और विद्याधर पाटिल को एक-एक विकेट मिला। कप्तान ध्रुव जुरैल ने 33 रन और करन लाल ने 37 रन की पारी खेलकर टीम को मुश्किल से निकाला।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अथर्व अंकोलेकर के पिता विनोद अंकोलेकर का निधन साल 2010 में मलेरिया से हो गया था। अथर्व के पिता विनोद BEST (बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट) में बस कंडक्टर थे, लेकिन उनके निधन के बाद परिवार बेसहारा हो गया था। घर का गुजारा करने और 9-10 साल के अथर्व अंकोलेकर की पढ़ाई-लिखाई के लिए उनकी मां वैदेही अंकोलेकर ने बस कंडक्टर की नौकरी शुरू की और बेटे को इस काबिल बनाया के वे देश का नाम और अपने मां-बाप का नाम रोशन कर सकें।

रिश्तेदार के घर पर देखा मैच

अथर्व अंकोलेकर की मां वैदेही ने अंडर 19 एशिया कप के फाइनल को लेकर बताया है कि जब अथर्व अंकोलेकर 2 रन बनाकर आउट हो गए थे तो वे निराश हो गई थीं, लेकिन गेंदबाजी में अच्छा करते हुए देखा तो खुशी हुई। वहीं, जब टीम इंडिया ने जीत दर्ज कर ली तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हैरान करने वाली बात ये है कि अथर्व अंकोलेकर में अभी भी ऐसा टीवी नहीं है, जिसमें स्पोर्ट्स चैनल आएं। इसलिए उनकी मां वैदेही एक दिन की छुट्टी लेकर अपने एक रिश्तेदार के यहां फाइनल मुकाबला देखने गई थीं।

ट्यूशन देकर चलाया घर, फिर मिली नौकरी

वैदेही अंकोलेकर ने बताया है कि पति के निधन के बाद उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। घर चलाने के लिए उन्होंने पहले ट्यूशन देना शुरू किया, जिसमें उनकी एक दोस्त ने मदद की। बाद में वैदेही को पति विनोद अंकोलकर की जगह बस कंडक्टर की नौकरी मिल गई। नौकरी पाने के बाद उन्होंने अपने सपनों को अथर्व में देखा और उसे उसके मन का करने की आजादी थी। अथर्व भी अपनी मां की उम्मीदों पर खरा उतरा और उसने भारतीय अंडर 19 टीम में जगह बनाई और टीम को एशिया कप जिताया।

सचिन को किया था आउट

मुंबई के रिजवी कॉलेज में सेकेंड ईयर के छात्र अथर्व अंकोलेकर आज भी अपने पिता की मिस करते हैं। मां ने बताया जब वह बचपन में अच्छा क्रिकेट खेला करता था तो उनके पिता उन्हें बैट बॉल लाकर दिया करते थे। आपको बता दें, साल 2010 में एक प्रैक्टिस मैच के दौरान अथर्व अंकोलेकर ने पूर्व भारतीय दिग्गज बल्लेबाज और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को आउट कर खूब सुर्खियां बटोरी थीं। उस दौरान सचिन तेंदुलकर भारतीय टीम का हिस्सा थे और मुंबई में प्रैक्टिस कर रहे थे।


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