विराट के सामने चुनौतियां हज़ार, धौनी लगा पाएंगे बेड़ा पार?
भारतीय क्रिकेट में पिछले 10 साल से चले आ रहे एक सुनहरे युग का अंत हो जाएगा और एक नए अध्याय की शुरूआत होगी।
नई दिल्ली, प्रदीप सहगल। एक टीम, दो कप्तान और दो दौर 15 जनवरी से भारत-इंग्लैंड वनडे सीरीज़ शुरू हो जाएगी। पहले मैच के टॉस के साथ ही भारतीय क्रिकेट में पिछले 10 साल से चले आ रहे एक सुनहरे युग का अंत हो जाएगा और एक नए अध्याय की शुरूआत होगी।
महेंद्र सिंह धौनी के वनडे और टी-20 टीम के कप्तान का पद छोड़ने के बाद ये पहला मौका होगा जब विराट कोहली नीली जर्सी वाली टीम इंडियी का नेतृत्व करेंगे। इसी के साथ 10 साल बाद ये पहला ऐसा मौका होगा जब धौनी टीम में तो होंगे लेकिन एक कप्तान के तौर पर नहीं बल्कि एक खिलाड़ी के तौर पर।
कैप्टन कूल की करिश्माई कप्तानी का अंत
महेंद्र सिंह धौनी को जब टीम इंडिया की कमान सौंपी गई थी तो वो नए नवेले कप्तान थे। उनके पास टीम की कमान संभालने का अनुभव नहीं था। 2007 में हुए टी-20 विश्व कप में धौनी ने पहली बार भारतीय टीम की कमान संभाली। इस प्रतियोगिता में धौनी ने अपने कूल दिमाग और करिश्माई कप्तानी का ऐसा जलवा दिखाया कि भारत पहले टी-20 वर्ल्ड कप का चैंपियन बन गया। टी-20 के बाद जब उन्हें वनडे और टेस्ट की कमान सौंपी गई तब भी उनकी टीम में दिग्गज़ों की भरमार थी, जिनमें सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ सरीखे खिला़ड़ी शामिल थे। लेकिन धौनी ने अपनी सभी मुश्किलों से पार पाते हुए भारतीय टीम के ग्राफ को लगातार ऊपर उठाया। 2011 में भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाया। इसके बाद फिर भारतीय टीम इंग्लैंड में खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी का चैंपियन बनाया। धौनी एकलौते ऐसे भारतीय कप्तान हैं जिनकी कप्तानी में भारत आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीता है।
विराट के लिए आसान नहीं है राह
विराट कोहली के साथ परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं। विराट के पास पहले से ही कप्तानी का अनुभव है। उनके नेतृत्व में टीम इंडिया 2007-08 में अंडर-19 विश्व कप जीती थी। इसके बाद अब विराट कोहली को फटाफट क्रिकेट की कमान सौंपी गई है तो भी उनके पास टेस्ट क्रिकेट में टीम को लीड करने का अनुभव है। जिसे वो सफेद कपड़ों के क्रिकेट में बखूबी निभा रहे हैं और टीम इंडिया को लगातार जीत दिला रहे हैं। लेकिन अब बारी है फटाफट क्रिकेट की जहां आपको तुरंत फैसले लेने होते हैं। एक दिनी क्रिकेट में किसी भी कप्तान के पास अपने फैसलों को बदलने के लिए ज़्यादा समय नहीं होता। तो विराट को खुद को इस फॉर्मेट के हिसाब से ढालना होगा। इसके साथ ही उन्हें ये भी देखना होगा कि वो धौनी को किस नंबर पर बल्लेबाज़ी के लिए भेजेंगे। धौनी का पसंदीदा स्पॉट नंबर 4 है। लेकिन अब देखना होगा कि विराट ने उनके लिए क्या प्लान तैयार किया है।
चैंपियन के लिए ये भी है चैलेंज
विराट कोहली एक चैंपियन खिलाड़ी हैं और दबाव में उनका खेल और निखर कर सामने आता है। टेस्ट की कप्तानी ंमिलने के बाद कोहली अब एक परिपक्व खिलाड़ी बन गए हैं। वनडे और टी-20 की कमान मिलने के बाद कोहली को 2019 वर्ल्ड कप के लिए अपनी टीम बनाने की तैयारी अभी से शुरू करनी होगी। उन्हें हर एक खिलाड़ी को उसके रोल के हिसाब से पिक करना होगा।
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'विराट' संकट में संकटमोचक बनेंगे धौनी
विराट के पास एक ऐसा खिलाड़ी मौजूद है जो हर परिस्थिति में उनके संकट को दूर कर सकता है। धौनी ने 10 साल तक टीम इंडिया की कमान संभाली है और वो हर उस दौर से गुजर चुके हैं जिसमें विराट दुविधा में फंस सकते हैं। तो ऐसे में कोहली की हर समस्या का समाधान संकटमोचक धौनी के पास होगा।