युजवेंद्र चहल ने बताया, किस दिग्गज के वीडियो को देखकर सीखा लेग स्पिन गेंदबाजी करना
चहल पहले मध्यम तेज गेंदबाज थे लेकिन बाद में अपने पिता की सलाह पर उन्होंने लेग स्पिन करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा मैं स्कूल में मध्यम तेज गति की गेंदबाजी करता था। बाद में पिता जी ने मुझसे कहा कि तेज गेंदबाजों को मजबूत शरीर की आवश्यकता होती है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्रा सिंह चहल ने कहा है कि वर्ष 1993 की एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वार्न ने जिस तरह से इंग्लैंड के बल्लेबाज माइक गैटिंग को आउट किया था, वह गेंद हर एक लेग स्पिनर की ड्रीम गेंद है। चार जून, 1993 को मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड क्रिकेट स्टेडियम की पिच पर वार्न ने अपनी एक ऐसी गेंद पर गैटिंग को आउट किया, जिसे सदी की गेंद कहा जाने लगा।
चहल ने कहा, 'जब मैंने शेन वार्न की गेंदबाजी के वीडियो देखने शुरू किए तब मुझे पता चला कि लेग स्पिन क्या होती है। वह मेरे आदर्श हैं और मैं उनके जैसी गेंदबाजी करना चाहता हूं। मैं जिस तरह से बल्लेबाज को फंसाता था, उससे मैं इसका आनंद लेता हूं। मैंने हमेशा उनका वीडियो देखकर उनसे काफी कुछ सीखा है। मैं उनके सभी वीडियो देखता था और विशेष रूप से, उन्होंने जिस तरह से गैटिंग को गेंदबाजी की थी, वह हर एक लेग स्पिनर की ड्रीम गेंद है। मुझे लगा कि मुझे भी एक बार उसी तरह से बल्लेबाज को आउट करना चाहिए और न्यूजीलैंड दौरे के दौरान ऐसी ही हुआ, जब मैंने मार्टिन गुप्टिल को आउट किया था। मुझे लगता है कि यह मेरी स्पेशल गेंद थी।'
चहल पहले मध्यम तेज गेंदबाज थे, लेकिन बाद में अपने पिता की सलाह पर उन्होंने लेग स्पिन करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, 'मैं स्कूल में मध्यम तेज गति की गेंदबाजी करता था। बाद में, पिता जी ने मुझसे कहा कि मध्यम तेज गेंदबाजों को एक उचित शरीर की आवश्यकता होती है और इसमें चोटिल होने का भी खतरा होता है। बाद में पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मैंने लेग स्पिन गेंदबाजी करना शुरू कर दी। मैंने महसूस किया कि गेंद लेग स्पिन हो रही थी और इससे बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी, इसलिए मुझे लेग स्पिन गेंदबाजी करने में अधिक आनंद आता है।'